50 साल से तैयार कर रहे श्रीकृष्ण की पोशाक बोले-लड्डू गोपाल सिखाते हैं डिजाइन
50 साल से तैयार कर रहे श्रीकृष्ण की पोशाक बोले-लड्डू गोपाल सिखाते हैं डिजाइन
Krishna Janmashtami 2024: देश भर में जन्माष्टमी की तैयारी शुरू हो गई है. ऐसे में मथुरा की जन्माष्टी का अलग ही तैयारी होती है. यहां पर जन्मष्टमी पर लड्डू गोपाल के लिए के मुस्लिम परिवार 50 सालों से पोशाक बना रहा है. इन खूबसूरत पोशाकों को खरीदने वालों की भीड़ लगी रहती है.
मथुरा: उत्तर प्रदेश का मथुरा हमेशा से ही सौहार्द की नगरी रहा है. यहां सभी त्यौहारों पर हिंदू-मुस्लिम का भाईचारा देखने को मिलता है. मुस्लिम भाई यहां हिंदुओं के त्यौहार में आते हैं, तो वहीं, मुस्लिम भाइयों के त्योहारों में हिंदू खुशी मनाते हैं. इस एकता की मिसाल है कि यहां लड्डू गोपाल की पोशाक मुस्लिम समुदाय के लोग तैयार कर रहे हैं.
यहां मिल जाएंगे सस्ते और कीमती सामान
चारों धामों में सबसे निराला ब्रज धाम के दर्शन की अलग ही खुशी है. कान्हा की नगरी मथुरा को चारों धामों में सबसे निराला माना जाता है. मथुरा नगरी को चारों धामों से निराला क्यों माना गया है, वह हम आपको बता रहे हैं. यहां हिंदुओं के त्यौहार में मुस्लिम शिरकत करते हैं, तो वहीं मुसलमानों की त्यौहार को भी हिंदू भी पीछे मनाने में नहीं हटते है.
मथुरा में एक दूसरे के त्यौहार में दोनों ही धर्मों के लोग बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं. एक दूसरे को मिलजुल कर बधाई देते हैं. हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल यहां मथुरा में देखने को मिलती है. यहां मुस्लिम एक दूसरे को होली पर गुलाल भी लगाते हैं, तो भगवान श्री कृष्ण की जन्माष्टमी पर उनके लिए पोषक भी तैयार करते हैं.
50 सालों से पोशाक तैयार कर रहा है परिवार
यहां 50 सालों से यह परिवार लड्डू गोपाल के लिए पोशाक तैयार करता चला आ रहा है. पोशाक ही नहीं बल्कि श्रृंगार का पूरा सामान और मुकुट भी लड्डू गोपाल के लिए मुस्लिम परिवार तैयार करता है. भगवान श्री कृष्ण और लड्डू गोपाल के पोशाक बनाने में यह मुस्लिम परिवार शिद्दत के साथ लगा हुआ है.
10 हजार तक बिकती है पोशाक
इस परिवार का चूल्हा लड्डू गोपाल के पोशाक बनाने से जलता है. यहां 10 रुपए से लेकर 10 हजार तक की पोशाक और श्रृंगार मुस्लिम परिवार तैयार करता है. मथुरा वृंदावन के साथ-साथ देश की कोने-कोने में यहां के बने हुए पोशाकों को भेजा जाता है. जहां लगभग 20 लोग इस कार्य में लगे होते हैं. सभी लोग मिलकर कई तरह के पोशाक बनाते हैं.
जानें डिजाइन की खासियत
लड्डू गोपाल की पोशाक और श्रृंगार का सामान तैयार कर रहे मोहम्मद इकरार ने बताया कि उनके दादा और परदादाओं ने लड्डू गोपाल की पोशाक बनाना शुरू किया था. लगभग 50 साल से यह पीढ़ी दर पीढ़ी काम होता चला रहा है. लड्डू गोपाल की पोशाक तैयार करने के लिए जब वह बैठते हैं, तो ऐसा लगता है कि भगवान श्री कृष्ण हमारे साथ बैठे हुए हैं.
लड्डू गोपाल सिखाते हैं डिजाइन
जहां लड्डू गोपाल हमें बैठकर डिजाइन बनाना सिखाते हैं. अपने आप हाथ चलने लगते हैं, डिजाइन बनाने की कोई कला हमने नहीं सीखी है. लड्डू गोपाल जी जैसे-जैसे डायरेक्शन देते हैं, वैसे-वैसे हम लोग डिजाइन तैयार कर देते हैं और बाद में पता चलता है की डिजाइन बेहद ही खूबसूरत और यूनिक हो गई है.
जानें कैसे हाथों से करते हैं तैयार
मोहम्मद इकरार बताते हैं कि लड्डू गोपाल कि जो पोशाक वह बनाने बैठते हैं, उसमें कई घंटे लगते हैं. यह बहुत ही बारीकी का काम होता है. हाथों से इस पोशाक को तैयार करते हैं, तो हमें यह भी ध्यान रखना होता है कि पोशाक कहीं इधर-उधर ना हो जाए. एक छोटी सी गलती पूरी मेहनत पर पानी फेर सकती है. श्रृंगार का सामान, पोशाक, मुकुट सभी मिलकर तैयार करते हैं. वह इन सभी पोशाकों को अपने ही हाथों से बनाते हैं. इसमें वह किसी भी तरह का हाईटेक मशीन का प्रयोग नहीं करते हैं.
Tags: Local18, Mathura news, Sri Krishna JanmashtamiFIRST PUBLISHED : August 24, 2024, 12:15 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed