काम की बात : आपको भी लेना है होम लोन तो interest saver accounts से समझें ब्‍याज बचाने का गणित

आरबीआई के रेपो रेट में बढ़ोतरी के बाद सभी सरकारी और निजी बैंक लगातार अपनी ब्‍याज दरों में बढ़ोतरी करने लगे हैं. इससे नया होम लोन लेने वालों पर ईएमआई का बोझ बढ़ रहा है, जबकि पुराने कर्जधारकों को भी ज्‍यादा ब्‍याज चुकाना पड़ रहा है. कुछ बैंक इससे बचने के लिए इंट्रेस्‍ट सेवर अकाउंट की सुविधा देते हैं.

काम की बात : आपको भी लेना है होम लोन तो interest saver accounts से समझें ब्‍याज बचाने का गणित
नई दिल्‍ली. रिजर्व बैंक ने एक महीने के भीतर ही रेपो रेट को 0.90 फीसदी बढ़ा दिया है और अब सरकारी व निजी सभी बैंक धड़ाधड़ अपने कर्ज की ब्‍याज दरों में बढ़ोतरी कर रहे हैं. जाहिर है कि आपकी ईएमआई का बोझ भी बढ़ रहा है, लेकिन अगर आप बढ़ती ब्‍याज दरों से बचना चाहते हैं तो interest saver accounts का लाभ उठा सकते हैं. वैसे तो ये सुविधा सभी बैंकों में नहीं मिलती लेकिन कई बड़े बैंक अलग-अलग नामों से यह खाते पेश करते हैं. आईसीआईसीआई बैंक इसे मनी सेवर होम लोन के नाम से चलाता है जबकि एसबीआई मैक्‍सगेन के नाम से सुविधा देता है. इसी तरह, स्‍टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक होम सेवर के नाम से यह खाता खोलता है. इसे स्‍मार्ट लोन के नाम भी दिया जा रहा है. ये भी पढ़ें – Sovereign Gold Bond Scheme 2022-23: पहली किस्त का इश्यू प्राइस 5,091 रुपये प्रति ग्राम तय, पढ़िए स्कीम का पूरा डिटेल ऐसे होता है दोहरा लाभ इस तरह की योजना में आपका होम लोन अकाउंट एक करेंट अकाउंट से जोड़ दिया जाता है. आप अपना सरप्‍लस फंड इस खाते में रख सकते हैं, जिसके एवज में बैंक आपके होम लोन की ब्‍याज दरें कम देता है. बैंक आपके सरप्‍लस फंड के आधार पर ही होम लोन पर ब्‍याज लगाता है, जिसकी गणना प्रतिदिन मौजूद फंड के हिसाब से की जाती है. ऐसे होती है लाभ की गणना मान लीजिए आपने 40 लाख रुपये का होम लोन लिया है और interest saver account में 10 लाख रुपये का सरप्‍लस डाला हुआ है तो बैंक आपके होम लोन पर ब्‍याज की गणना सिर्फ 30 लाख रुपये पर ही करेगा. बैंक बिना ईएमआई को बदले आपके लोन टेन्‍योर को एडजस्‍ट कर देगा. अपने खाते में आप जितना ज्‍यादा सरप्‍लस रखेंगे, आपके लोन की ईएमआई उतनी ही कम होती जाएगी. आप सरप्‍लस खाते से निकाल सकते हैं पैसे इस योजना में यह सुविधा भी मिलती है कि आप अपने सरप्‍लस खाते से पैसे निकाल भी सकते हैं. बैंक इसे ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी कहते हैं. हालांकि, यह ध्‍यान रखना जरूरी है कि अगर आपने इस सुविधा का लाभ उठाया तो बैंक आपके होम लोन की ब्‍याज दर में बढ़ोतरी कर सकता है. हालांकि, इसके बावजूद अपना सरप्‍लस फंड किसी लिक्विड फंड या अन्‍य खाते में रखने से बेहतर होगा कि आप इंट्रेस्‍ट सेवर अकाउंट में ही रखें, ताकि इसके एवज में आपके होम लोन पर कम ब्‍याज लगे. ये भी पढ़ें – खाने के तेल की कीमतें घटा रहे बड़े ब्रांड, मदर डेयरी ने सरसों के तेल में 15 रुपये रुपये की कटौती सामान्‍य होम लोन से 0.50 फीसदी महंगा पड़ेगा इस तरह के लोन का चुनाव करने से पहले यह जानना जरूरी है कि इस तरह के होम लोन पर 0.50 फीसदी से 0.60 फीसदी तक ज्‍यादा ब्‍याज लगता है. इसका कारण है कि आपका प्रभावी ब्‍याज दर सिर्फ उतनी ही राशि पर लगता है, जो सरप्‍लस राशि के बाद बचती है. अगर आप अपने सरप्‍लस खाते से राशि निकालना चाहते हैं तो यह ध्‍यान रखें कि इसका इस्‍तेमाल सिर्फ उन्‍हीं जरूरतों के लिए करें जिनके लिए बैंक से लोन लेने पर ज्‍यादा ब्‍याज देना पड़ता है. मसलन, अगर आपको बच्‍चे की पढ़ाई के लिए एजुकेशन लोन लेना है तो बैंक से पैसे लेने से बेहतर होगा कि आप अपने सरप्‍लस फंड में से पैसों का इस्‍तेमाल कर लें. ऐसे में आपको एजुकेशन लोन पर ब्‍याज के मुकाबले अपने होम लोन पर कम ब्‍याज देना पड़ेगा. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Bank Loan, Home loan EMI, Interest RatesFIRST PUBLISHED : June 18, 2022, 13:07 IST