अयोध्या के संतों ने दिया अल्टीमेटम कहा- मंदिर के स्टाफ ही तैयार करे प्रसाद

राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी ने कहा कि देशभर में बिक रहे तेल और घी की शुद्धता पर सवाल उठाते हुए उनकी जांच की जानी चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया कि देश के मठ-मंदिरों को अपवित्र करने के लिए अंतरराष्ट्रीय साजिश रची जा रही है

अयोध्या के संतों ने दिया अल्टीमेटम कहा- मंदिर के स्टाफ ही तैयार करे प्रसाद
अयोध्या: तिरुपति बालाजी के प्रसाद में चर्बी और मांस के इस्तेमाल को लेकर देशभर में विवाद बढ़ता जा रहा है. साधु-संतों के साथ ही भक्तों में भी नाराजगी है और इसकी जांच की मांग की जा रही है. इस बीच, अयोध्या के राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाते हुए बड़ा बयान दिया है. उन्होंने देश के सभी मठ-मंदिरों से अपील की है कि भगवान के भोग का प्रसाद मंदिर के संरक्षण में ही तैयार किया जाए और उसे ही भगवान को अर्पित किया जाए. राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी ने कहा कि देशभर में बिक रहे तेल और घी की शुद्धता पर सवाल उठाते हुए उनकी जांच की जानी चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया कि देश के मठ-मंदिरों को अपवित्र करने के लिए अंतरराष्ट्रीय साजिश रची जा रही है, जिसमें प्रसाद में मांस और चर्बी मिलाने की बात सामने आ रही है. इसके चलते उन्होंने सरकार से मांग की है कि बाजार में बिक रहे तेल और घी की शुद्धता की सख्त जांच होनी चाहिए. प्रसाद के लिए मंदिरों में ही हो निर्माण तिरुपति बालाजी के प्रसाद विवाद पर बोलते हुए आचार्य सत्येंद्र दास ने मांग की कि सभी प्रसिद्ध मठ-मंदिरों में बाहरी एजेंसियों द्वारा बनाए गए प्रसाद पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि मंदिरों को अपने कर्मचारियों से ही प्रसाद तैयार कराना चाहिए और उसी का भोग लगाना चाहिए. आचार्य सत्येंद्र दास ने इस मुद्दे को सनातन धर्म पर अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र का हिस्सा बताते हुए कहा कि यह धर्म और मंदिरों की पवित्रता को नुकसान पहुंचाने का प्रयास है. महंत अवधेश दास का समर्थन बड़ा भक्त महल के महंत अवधेश दास ने भी आचार्य सत्येंद्र दास की बात का समर्थन करते हुए कहा कि मंदिर में बाहर से आने वाली वस्तुओं का भोग नहीं लगाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि भगवान को केवल मंदिर में बने हुए प्रसाद का भोग लगाया जाना चाहिए और उसी को भक्तों में वितरित किया जाना चाहिए. इसके साथ ही, उन्होंने बाजार में बिक रहे घी की शुद्धता पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि कोई भी कंपनी यह दावा नहीं कर सकती कि उसका घी पूरी तरह शुद्ध है. समाधान की दिशा में सुझाव आचार्य सत्येंद्र दास और महंत अवधेश दास दोनों ने यह सुझाव दिया है कि मंदिरों में भक्तों द्वारा दिए गए आटा, चावल, दाल जैसी सामग्री का इस्तेमाल करके प्रसाद तैयार किया जाए, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि भगवान को केवल शुद्ध और पवित्र भोग ही अर्पित किया जा रहा है. Tags: Local18, Ram Mandir, Tirupati newsFIRST PUBLISHED : September 26, 2024, 15:07 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed