कभी काला नमक चावल की खुशबू से महकता थी यह मंडी बैलगाड़ी से आता था सामान

महाराजगंज जिले के फरेंदा में आजादी से पहले का भी एक मार्केट मौजूद है. इस मार्केट में आसपास के जिलों की 200 से भी ज्यादा किसान चावल लेकर इस मंडी में पहुंचते थे. वर्तमान समय में इस चावल की मंडी को गल्ला मंडी समिति में परिवर्तित कर दिया गया है.

कभी काला नमक चावल की खुशबू से महकता थी यह मंडी बैलगाड़ी से आता था सामान
महाराजगंज: उत्तर प्रदेश का महाराजगंज जिला देश का एक महत्वपूर्ण जिला है. पड़ोसी देश नेपाल से लगे इस जिले में बहुत से ऐतिहासिक स्थल मौजूद हैं. इसी कड़ी में जिले के फरेंदा में गोला मंडी भी शामिल है. एक समय ऐसा भी था जब इस मंडी में बहुत से व्यापारी आते थे. व्यापारियों के आने-जाने से इस मंडी की अपनी अलग पहचान थी, हालांकि समय बीतता गया और समय के साथ सब कुछ बदल गया. काला नमक चावल के लिए था प्रसिद्ध आजादी के पहले यहां बहुत बड़ी मंडी हुआ करती थी. जिले और आसपास के किसान और व्यापारी इस मंडी में आते थे. उस समय परिवहन की सही व्यवस्था न होने के कारण किसान और व्यापारी अपना चावल बैलगाड़ी के माध्यम से लेकर आते थे. काला नमक चावल को लेकर यह मंडी काफी  प्रसिद्ध थी. गोरखपुर, सिद्धार्थनगर, देवरिया, बस्ती और अन्य जनपद के किसान अपना चावल लेकर इस मंडी में इसलिए भी आते थे, क्योंकि उन्हें यहां उनके अनाज का सही दाम मिले. चर्चित बाजारों में बनाई अपनी पहचान इस मंडी में काला नमक का चावल अधिक मात्रा में आता था. काला नमक के चावल के व्यापार के लिए प्रसिद्ध यह मंडी अब उस तरह का बिल्कुल भी नहीं रही, बल्कि समय के साथ सब कुछ परिवर्तित हो चुका है. मंडी समिति के निर्माण के बाद भी खासकर चावल की मंडी यही लगती थी. हालांकि नब्बे के दशक में इस मंडी को पूरी तरह से स्थानांतरित कर दिया गया. Tags: Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : August 16, 2024, 15:24 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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