मैरिटल रेप कानूनी रूप से अपराध है या नहीं अब सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई
मैरिटल रेप कानूनी रूप से अपराध है या नहीं अब सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई
Marital Rape: दिल्ली हाईकोर्ट के जज मैरिटल रेप के मुद्दे पर एकमत नहीं थे. इसलिए कोर्ट ने इस मामले को 3 जजों की बेंच में भेजने का फैसला किया था. हाईकोर्ट की बेंच में एक जज राजीव शकधर ने वैवाहिक बलात्कार अपवाद को रद्द करने का समर्थन किया था.
हाइलाइट्सइसे अपराध घोषित करने की मांग को लेकर कई संगठनों की ओर से लंबे वक्त से मांग चल रही हैवैवाहिक दुष्कर्म को अपवाद माने जाने को लेकर संवैधानिक तौर पर चुनौती दी थी.
मैरिटल रेप यानि वैवाहिक बलात्कार कानूनी रूप से अपराध है या नहीं अब सुप्रीम कोर्ट इस मामले में सुनवाई करेगा. सुप्रीम कोर्ट इस मामले में अगले हफ्ते से सुनवाई करेगा. मैरिटल रेप के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट की बेंच के विभाजित फैसले के बाद सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. दरअसल 11 मई को दिल्ली हाईकोर्ट के 2 जजों ने अलग-अलग फैसला दिया था. अब सुप्रीम कोर्ट तय करेगा कि मैरिटल रेप अपराध है या नहीं.
भारतीय कानून में मैरिटल रेप कानूनी अपराध नहीं है. हालांकि, इसे अपराध घोषित करने की मांग को लेकर कई संगठनों की ओर से लंबे वक्त से मांग चल रही है. याचिकाकर्ता ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर आईपीसी की धारा 375(दुष्कर्म) के तहत वैवाहिक दुष्कर्म को अपवाद माने जाने को लेकर संवैधानिक तौर पर चुनौती दी थी.
दिल्ली हाईकोर्ट के जज इस मुद्दे पर एकमत नहीं थे. इसलिए कोर्ट ने इस मामले को 3 जजों की बेंच में भेजने का फैसला किया था. हाईकोर्ट की बेंच में एक जज राजीव शकधर ने वैवाहिक बलात्कार अपवाद को रद्द करने का समर्थन किया था. वहीं, जस्टिस सी हरि शंकर ने कहा कि आईपीसी के तहत अपवाद असंवैधानिक नहीं है और एक समझदार अंतर पर आधारित है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी |
Tags: Marital Rape, Supreme CourtFIRST PUBLISHED : September 09, 2022, 11:22 IST