गजब! इस फल से सब्जी और मिठाई होती है तैयार किसानों को होता है बंपर मुनाफा

एक फल ऐसा भी है.जिस फल की फेमस मिठाई और सब्जी भी बनती है.जिसको लोग खूब पसन्द भी करते है.हम बात कर रहे है खबहा फल की जिसको पेठा कद्दू भी कहा जाता है.पेठा वाले कुम्हड़े यानी खबहे की खेती उत्तर प्रदेश के साथ-साथ पूरे भारत में की जाती है.उत्तर प्रदेश के उन्नाव, बरेली, इटावा,और कानपुर देहात में इसकी खेती बड़े पैमाने पर होती है.

गजब! इस फल से सब्जी और मिठाई होती है तैयार किसानों को होता है बंपर मुनाफा
बहराइच: देश में पेठा कद्दू फल (खबहा फल)  की मिठाई और सब्जी दोनों बनती है. साथ ही लोग इसे पंसद भी खूब करते हैं. इसे पेठा कद्दू भी कहा जाता है. पेठा वाले कुम्हड़े यानी खबहे की खेती. यह फसल उत्तर प्रदेश के साथ-साथ पूरे भारत में की जाती है. उत्तर प्रदेश के उन्नाव, बरेली, इटावा और कानपुर देहात में इसकी खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. जानें पेठा कद्दू के बारे में पेठा कद्दू की खेती के लिए बलुई मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है. पेठा कद्दू की खेती के लिए जून के आखिरी में या जुलाई की शुरुआत में खेत को तैयार कर लेना चाहिए. पेठा कद्दू की बुवाई के लिए गोबर की खाद के ढेर लगाए जाते हैं और उन पर 5 से 10 बीज बोए जाते हैं. पेठा कद्दू की खेती में समय-समय पर निराई-गुड़ाई करनी चाहिए और खाद डालनी चाहिए. पेठा कद्दू की खेती में रोग लगने पर जानकार की सलाह से दवा का छिड़काव करना चाहिए. पेठा कद्दू की खेती में छुट्टा पशु नहीं खाते हैं. गांव में फूस के छप्पर पर खेती उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में इसकी खेती फूस के छप्परों पर करते हैं. ऐसा करने से इनकी ज्यादा देख-रेख भी नहीं करनी पड़ती और फल भी छप्पर पर होने के कारण अधिक बड़े आकार के हो जाते हैं. मिट्टी और खेत की तैयारी पेठा कद्दू की खेती के लिए दोमट और बलुई दोमट मिट्टी सब से अच्छी मानी गई है. इस की बोआई से पहले खेतों की अच्छी तरह से जुताई कर के मिट्टी को भुरभुरी बना लेना चाहिए और 2-3 बार कल्टीवेटर से जुताई कर के पाटा लगाना चाहिए. वहीं, बोआई से पहले 1 हेक्टेयर खेत में करीब 40-50 क्विंटल सड़ी हुई गोबर की खाद, 20 किलोग्राम नीम की खली और 30 किलोग्राम अरंडी की खली अच्छी तरह से मिला देनी चाहिए. इन सभी चीजों को मिट्टी में मिलाने के लिए पहले पाटा लगाए गए खेत में इसका छिड़काव कर दें. उसके बाद जुताई कर के दोबारा पाटा लगा दें. फलों की तोड़ाई और आमदनी पेठा कद्दू की फसल बोआई के लगभग 3-4 महीने बाद तोड़ाई के लिए तैयार हो जाती है. फलों की तोड़ाई से पहले यह देखना चाहिए कि फलों पर सफेद रंग के चूर्ण की परत चढ़ चुकी हो. वैसे फलों की तोड़ाई से पहले पेठा कारोबारियों से बात कर लेना ज्यादा सही होता है, क्योंकि वे तैयार फसल को खेतों से ही खरीद लेते हैं. बता दें कि फलों की तोड़ाई किसी तेज धारदार चाकू से करनी चाहिए. 1 हेक्टेयर खेत से तकरीबन 250-300 क्विंटल की उपज प्राप्त होती है, जिस का थोक बाजार मूल्य 800 से 100 रुपए प्रति क्विंटल तक प्राप्त हो सकता है. Tags: Agriculture, Bahraich news, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : September 23, 2024, 15:27 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed