आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से सहमत नहीं बसपा सुप्रीमो मायावती बोलीं

Mayawati News: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने रविवार को कहा कि उनकी पार्टी अनुसूचित जातियों के उप-वर्गीकरण की अनुमति देने वाले उच्चतम न्यायालय के हालिया फैसले से सहमत नहीं हैं.

आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से सहमत नहीं बसपा सुप्रीमो मायावती बोलीं
लखनऊः बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने रविवार को कहा कि उनकी पार्टी अनुसूचित जातियों के उप-वर्गीकरण की अनुमति देने वाले उच्चतम न्यायालय के हालिया फैसले से सहमत नहीं है. बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लोगों के उप-वर्गीकरण की अनुमति दी गई है. हमारी पार्टी इससे बिल्कुल सहमत नहीं है. एक ऐतिहासिक फैसले में, उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि राज्यों को अनुसूचित जातियों के भीतर उप-वर्गीकरण करने का संवैधानिक अधिकार है. जो सामाजिक रूप से विषम वर्ग का निर्माण करते हैं. ताकि सामाजिक और शैक्षणिक रूप से अधिक पिछड़ी जातियों के उत्थान के लिए आरक्षण दिया जा सके. उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति पंकज मिथल ने बृहस्पतिवार को कहा कि आरक्षण नीति पर नए सिरे से विचार करने की जरूरत है. अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लोगों के उत्थान के लिए नए तरीकों की जरूरत है. यह भी पढ़ेंः दीपू को भेज रहा हूं… MLA ने रेंजर को किया फोन, फिर पहुंचा शख्स, तो मिला जवाब- मैं अफसर हूं, कोई… मायावती ने कहा कि क्योंकि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों को अत्याचारों का सामना एक समूह के रूप में किया गया है. यह समूह समान है, इसलिए किसी भी तरह का उप-वर्गीकरण करना सही नहीं होगा. पूर्व सीएम मायावती ने आगे कहा कि अदालत के फैसले से कहीं न कहीं आरक्षण को खत्म करने का प्लान है. उन्होंने सवाल किया है कि अदालत ने फैसले में क्रीमीलेयर का जिक्र किया है, लेकिन इसका मानक क्या है? कौन सी जाति इस दायरे में आएगी इसकी कोई जानकारी नहीं है. आरक्षण में वर्गीकरण का मतलब आरक्षण को समाप्त करके उसे सामान्य वर्ग को देने जैसा होगा. बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि हमारी पार्टी सुप्रीम कोर्ट के फैसले से सहमत नहीं है. हम आरक्षण में किसी तरह के वर्गीकरण के खिलाफ हैं. एससी-एसटी आरक्षण व्यवस्था को लेकर संविधान में उचित संशोधन करना चाहिए और इसे संविधान की 9वीं अनुसूची में डाला जाना चाहिए. Tags: BSP chief Mayawati, Caste Reservation, Lucknow newsFIRST PUBLISHED : August 4, 2024, 18:24 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed