रोना-धोना रूठना मनानामहाराष्ट्र में आखिर तक चली बाजी पलटने की जंग
रोना-धोना रूठना मनानामहाराष्ट्र में आखिर तक चली बाजी पलटने की जंग
महाराष्ट्र चुनाव प्रचार के आखिरी दिन गजब ही नजारा देखने को मिला. इमोशनल अपीलों की भरमार थी. कहीं मा अपील कर रही थीं, तो कहीं नेता. कहीं, कार्यकर्ता रोते नजर आए, तो कहीं अपने को मनाते हुए दिखे.
महाराष्ट्र चुनाव के आखिरी दिन भावनाओं का ज्वार उमड़ आया. उद्धव ठाकरे से लेकर शरद पवार तक, अजित पवार से लेकर राज ठाकरे तक, सबने भावुक संदेश भेजे. आखिरी वक्त तक बाजी पलटने की कोशिश की. मां के खत भी पढ़वाए गए. राज ठाकरे तो उद्धव को उलाहना देने के लिए सास की कहानी लेकर आ गए. कुछ जगह नेता रोते-धोते, कार्यकर्ताओं को मनाते भी नजर आए. कुल मिलाकर आखिरी दिन मुकाबला बेहद दिलचस्प था.
शुरुआत उद्धव ठाकरे से… उद्धव ठाकरे ने अपने कार्यकर्ताओं और वोटर्स को एक भावनात्मक संदेश भेजा. एक वीडियो जारी कर कहा, मैं आपके पास न्याय मांगने आया हूं. हम लोकतंत्र के लिए न्याय मांगने आए हैं. ढाई साल पहले कैसे हमारी सरकार को उखाड़ फेंका गया. हम आप इसे देख रहे हैं, आप अनुभव कर सकते हैं. उन्होंने दिनदहाड़े मेरी पार्टी चुरा ली…डकैती की. पार्टी का नाम चुरा लिया. चुनाव चिह्न चुरा लिया. शिवसेना प्रमुख की तस्वीर चुरा ली. इतनी चोरी करने के बाद भी आपके आशीर्वाद से मैं आज भी मजबूती से खड़ा हूं. उन्हें लगता है कि उन्होंने मुझसे सब कुछ छीन लिया…लेकिन वे एक चीज नहीं चुरा सके. आपका प्यार, आशीर्वाद और आपका विश्वास. लोकतंत्र बचाना है तो आपका साथ जरूरी है. इस लड़ाई में मेरे अस्तित्व का सवाल नहीं, महाराष्ट्र के अस्तित्व का सवाल है.
शरद पवार अजित दादा की तारीफ करते दिखे
शरद पवार बारामति में थे. लेकिन उन्होंने अजित पवार पर सीधा हमला नहीं बोला. उन्हें पता था कि अजित पवार ने बारामति के लिए काफी कुछ किया है. अगर वे अजित पवार के खिलाफ बोलेंगे, तो अजित दादा को सहानुभूति का फायदा मिलेगा. इसलिए शरद पवार ने उनके खिलाफ एक भी शब्द नहीं बोला. बल्कि उनकी तारीफ करते नजर आए. कहा-अजितदादा ने काम किया, मुझे उनसे कोई शिकायत नहीं है. लेकिन अब नई पीढ़ी को नेतृत्व सौंपने का वक्त आ गया है. स्वच्छ चरित्र के युगेंद्र को चुनने का वक्त है. अजित पवार पर सिंचाई घोटाले का दाग है. ये खुद पीएम मोदी कह चुके हैं.अब युगेंद्र का साथ दीजिए.
अजित दादा के लिए मां का भावुक पत्र
अजित पवार की मां आशाताई पवार अजितदादा के लिए चुनाव प्रचार करने उतरीं. उन्होंने जनता के लिए एक भावुक पत्र भी लिखा. पत्र में उन्होंने लिखा, एक मां होने के नाते मैं अजित का भाषण सुनने आई हूं. एक मां होने के नाते मैं आपको अजित के बारे में एक बात बताना चाहती हूं कि अजित लगातार लोगों की समस्याओं को हल करने के लिए प्रयासरत रहते हैं. उन्होंने कभी आराम नहीं किया. एक मां के तौर पर मैं अपना दर्द जानती हूं, मैं जानती हूं कि अजित के साथ क्या अन्याय हुआ है और वह क्या भुगत रहा है. आज भी वह परिवार के लिए कुछ नहीं कहते. लेकिन वह खुद ही सब कुछ सह रहे हैं. अजित की मां की आपसे विनती है कि आप बारामतीकर उनके साथ खड़े हों.
राज ठाकरे ने उद्धव को सुनाई सास की कहानी
राज ठाकरे ने सास की कहानी सुनाकर उद्धव ठाकरे पर हमला बोला. कहा-गद्दार वे नहीं जो शिवसेना भवन छोड़कर चले गए, वे हैं, जो मातोश्री में बैठे हैं. ये सास वाली कहानी है. उसके तीन बेटे रहते हैं. पहले की शादी होती है. सास आती है, बवाल मचा देती है. पहला बेटा अपनी बीवी को लेकर चला जाता है. दूसरे की शादी होती है, फिर सास क्लेश करती है. वह भी चला जाता है. तीसरे की शादी होती है, फिर वही ड्रामा… तो दिक्कत बेटों में नहीं है, सास में है. गद्दार वे नहीं, जो घर में बैठे हैं, वे हैं.
Tags: Ajit Pawar news, Maharashtra Elections, Sharad pawar, Uddhav thackerayFIRST PUBLISHED : November 18, 2024, 23:33 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed