हरियाणा हो या महाराष्ट्रकांग्रेस का बुरा हाल राहुल पर फिर उठेंगी उंगलियां
हरियाणा हो या महाराष्ट्रकांग्रेस का बुरा हाल राहुल पर फिर उठेंगी उंगलियां
Maharashtra Chunav Result: महाराष्ट्र में कांग्रेस की करारी हार हुई है. महाराष्ट्र की हार हरियाणा के बाद कांग्रेस की एक और दुर्गति है. इस हार के बाद एक बार फिर राहुल गांधी अपनों के सवालों के घेरे में होंगे. उनके खिलाफ विरोध के स्वर मजबूत हो सकते हैं. कांग्रेस का जी23 गुट भी एक्टिव हो सकता है.
नई दिल्ली: चुनावी राज्य बदल जाते हैं पर कांग्रेस की तकदीर नहीं बदलती. कांग्रेस को पहले हरियाणा में हार मिली. अब महाराष्ट्र ने भी हार का स्वाद चखाया है. लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन के बावजूद कांग्रेस का महाराष्ट्र में बुरा हाल हो गया. शरद पवार की एनसीपी और उद्धव ठाकरे की शिवसेना के साथ मिलकर भी कांग्रेस, भाजपा को सत्ता से बेदखल नहीं कर पाई. महायुति की आंधी में महाविकास अघाड़ी उड़ गया. महाराष्ट्र चुनाव में एमवीए 50 सीटों पर ही सिमट गया. महाराष्ट्र में एक चरण में 20 नवंबर को वोटिंग हुई. 23 नवंबर को नतीजे आए.
सबसे पहले महाराष्ट्र के नतीजों को जानते हैं. नतीजे जब आए तो कांग्रेस तो छोड़िए खुद भाजपा भी चौंक गई. महायुति को जीत की उम्मीद थी, मगर इतनी प्रचंड जीत मिलेगी, यह शायद ही किसी ने सोचा था. महाराष्ट्र चुनाव में महायुति ने 288 में से 234 सीटों पर जीत दर्ज की है. अकेली भाजपा ने 132 सीटों पर भगवा झंडा लहराया है और सिंगल लार्जेस्ट पार्टी बन गई है. शिंदे की शिवसेना 57 और अजित पवार की एनसीपी 41 सीट जीतने में कामयाब रही. वहीं, शरद पवार की एनसीपी के खाते में 10 और उद्धव वाली शिवसेना के खाते में 20 सीटें गईं. कांग्रेस महज 16 सीट जीतने में सफल रही.
महाराष्ट्र में कांग्रेस ने ऐसी दुर्गति सोची भी न होगी
महाराष्ट्र में 100 से अधिक सीटों पर लड़ने के बाद भी 16 सीटें जीतना, कांग्रेस की यह दुर्गति ही है. ऐसी उम्मीद थी कि कांग्रेस की अगुवाई में एमवीए महाराष्ट्र चुनाव में महायुति को टक्कर देगा. मगर टक्कर तो छोड़िए कांग्रेस और उसके सहयोगी महायुति के आसपास भी फटक नहीं पाए. जानकारों का कहना है कि महाराष्ट्र में कांग्रेस को जिस मेहनत की जरूरत थी, उस तरह की मेहनत नहीं दिखी. राहुल गांधी ने भी महाराष्ट्र को हल्के में लिया. यही वजह है कि उनकी रैलियां भी उस तरह से नहीं दिखीं. हरियाणा हार के बाद राहुल गांधी और कांग्रेस नेतृत्व को नए सिरे से महाराष्ट्र में ताकत दिखानी चाहिए थी. मगर पूरे चुनावी अभियान में ऐसा नहीं दिखा. उलटे कांग्रेस सीटों को लेकर अपनों से ही झगड़े में व्यस्त रही.
राहुल गांधी पर फिर उठेंगे सवाल
अब जब हरियाणा के बाद महाराष्ट्र में कांग्रेस को हार मिली है, ऐसे में राहुल गांधी और केंद्रीय नेतृत्व पर सवाल उठेंगे. कांग्रेस चीफ भले ही मल्लिकार्जुन खरगे हैं. मगर सभी जानते हैं कि अभी मौजूदा वक्त में राहुल गांधी ही सर्वेसर्वा हैं. ऐसे में राहुल गांधी की जीत के स्ट्राइक रेट पर सवाल उठेंगे. कांग्रेस के भीतर से ही विरोध के स्वर सुनाई देंगे. एक बार फिर केंद्रीय नेतृत्व में फेरबदल की मांग उठ सकती है और जी23 ग्रुप फिर से एक्टिव हो सकता है. जानकारों का मानना है कि दबी जुबान में कांग्रेस के नेता हार पर एक-दूसरे पर ठीकरा फोड़ने लगे हैं.
जी23 फिर होगा एक्टिव?
जब भी किसी राज्य में कांग्रेस हारी है, असंतोष ग्रुप जी23 को बोलने का मौका मिला है. अब जब हरियाणा और महाराष्ट्र में लगातार कांग्रेस की हार हुई है, ऐसे में यह उम्मीद की जा सकती है कि जी23 फिर एक्टिव होगा. हालांकि, यह भी हकीकत है कि कांग्रेस में असंतुष्ट नेताओं का यह जी23 ग्रुप अब कमजोर पड़ गया है. कपिल सिब्बल कांग्रेस छोड़ चुके हैं. गुलाम नबी आजाद भी कांग्रेस छोड़ चुके हैं. ये दोनों जी23 के पिलर थे. ऐसे में इनके जाने के बाद अब जी23 में भी दम नहीं रहा. हालांकि, कांग्रेस में खलबली मचने वाली है, ये चुनावी संकेत इशारा जरूर कर रहे हैं.
Tags: Congress, Maharashtra Elections, Rahul gandhiFIRST PUBLISHED : November 24, 2024, 09:52 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed