आसान नहीं है ट्रेनी डॉक्टर की जिंदगी साल में मिलेंगी सिर्फ इतनी छुट्टियां
आसान नहीं है ट्रेनी डॉक्टर की जिंदगी साल में मिलेंगी सिर्फ इतनी छुट्टियां
NEET PG 2024: एनबीईएमएस ने मेडिकल ट्रेनी की लीव पॉलिसी में बड़ा बदलाव किया है. अब जूनियर डॉक्टर/ मेडिकल ट्रेनी को छुट्टी लेने से पहले न सिर्फ उसकी सही वजह बतानी होगी, बल्कि लीव पॉलिसी की सभी गाइडलाइंस भी माननी होंगी. अगर आप नीट पीजी 2024 पास करके हॉस्पिटल में ट्रेनिंग ले रहे हैं तो आपको मेडिकल ट्रेनी की लीव गाइडलाइंस पता होनी चाहिए.
नई दिल्ली (NEET PG 2024, Medical Trainee Leave Policy). मेडिकल की पढ़ाई यानी एमबीबीएस, एमडी, डीएम आदि देश के सबसे कठिन कोर्सेस में शामिल है. मेडिकल की पढ़ाई पूरी करने के बाद इसकी ट्रेनिंग पूरी कर पाना भी आसान नहीं है. आप मेडिकल के जिस भी क्षेत्र में ट्रेनिंग हासिल कर रहे हों, आपको NBEMS की सभी गाइडलाइंस अनिवार्य रूप से माननी होंगी. NBEMS ने हाल ही में मेडिकल ट्रेनी की लीव पॉलिसी में बड़ा बदलाव किया है.
मेडिकल के पीजी कोर्स में एडमिशन हासिल करने के लिए नीट पीजी परीक्षा पास करना जरूरी है. मेडिकल के पीजी कोर्सेस की पढ़ाई NBEMS द्वारा निर्धारित गाइडलाइंस के अनुसार करवाई जाती है. नीट पीजी परीक्षा दिशा-निर्देश भी NBEMS ही तय करता है (NBEMS Guidelines). एनबीईएमएस ने मेडिकल ट्रेनी लीव पॉलिसी गाइडलाइन को बदल दिया है. हर मेडिकल ट्रेनी को इस बदलाव की जानकारी होनी चाहिए. इससे छुट्टी लेना आसान हो जाएगा.
EXIT Examination Eligibility Criteria: एग्जिट एग्जामिनेशन कौन दे सकता है?
एनबीईएमएस के किसी भी प्रोग्राम को पूरा करने के लिए निर्धारित समय की ट्रेनिंग पूरी करना जरूरी है. इस ट्रेनिंग को सही तरीके से पूरा करने वाले कैंडिडेट ही एग्जिट एग्जामिनेशन के पात्र माने जाते हैं. एनबीईएमएस (NBEMS) ट्रेनीज़ को कटऑफ डेट के अंदर ट्रेनिंग पूरी कर लेनी चाहिए. ऐसा नहीं कर पाने की स्थिति में कैंडिडेट्स को एग्जिट एग्जामिनेशन देने से रोका जा सकता है. जो भी कैंडिडेट मेडिकल ट्रेनिंग हासिल कर रहा है, उसे एनबीईएमएस की हर गाइडलाइन अनिवार्य रूप से माननी होगी.
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Medical Training Leave Guidelines: मेडिकल ट्रेनिंग के दौरान कौन ले सकता है छुट्टी?
मेडिकल ट्रेनिंग पूरी करने के दौरान कोई भी कैंडिडेट नीचे लिखे हालात में छुट्टी के लिए आवेदन कर सकता है-
1- NBEMS ट्रेनिंग के दौरान ट्रेनी हर साल ज्यादा से ज्यादा 30 दिनों की छुट्टी ले सकता है.
2- कैंडिडेट ट्रेनिंग के दौरान वीकली/ ड्यूटी ऑफ के भी हकदार हैं.
3- किसी कैंडिडेट के छुट्टी पर होने के दौरान उसके वीकली/ ड्यूटी ऑफ को भी छुट्टी में शामिल किया जाएगा. उदाहरण के तौर पर- अगर किसी कैंडिडेट ने 30 दिनों की छुट्टी ली है तो इस दौरान जितने भी वीकली/ ड्यूटी ऑफ पड़ेंगे, उन्हें इसी लीव का हिस्सा माना जाएगा.
4- मैटरनिटी/ पैटरनिटी लीव (Maternity Leave/ Paternity Leave): महिला ट्रेनी को ट्रेनिंग संस्थान पर लागू केंद्र या राज्य सरकार की नीतियों के अनुसार मातृत्व अवकाश यानी मैटरनिटी लीव दी जाएगी. डिलीवरी की अपेक्षित डेट (ईडीडी)/डिलीवरी की तारीख (डीओडी) आवेदित मातृत्व अवकाश की अवधि के अंदर होनी चाहिए. इसके अलावा, जिन भी राज्यों में वहां लागू नीतियों के अनुसार 6 महीने का मातृत्व अवकाश स्वीकार्य है, इसका लाभ ईडीडी से 2 महीने पहले से लेकर डीओडी के 6 महीने बाद तक लिया जा सकता है. वहीं, पुरुष ट्रेनी को अधिकतम 2 हफ्तों का पितृत्व अवकाश यानी पैटरनिटी लीव देने का प्रावधान है. एनबीईएमएस ट्रेनिंग प्रोग्राम में मैटरनिटी लीव को आगे बढ़ाने या चाइल्ड तेयर लीव देने का कोई प्रावधान नहीं है.
5- एनबीईएमएस ट्रेनीज को किसी भी तरह की स्टडी लीव नहीं दी जाती है. आप सालाना 30 दिनों की छुट्टी का जैसे चाहें, वैसे इस्तेमाल कर सकते हैं. लेकिन इसके अलावा उन्हें कोई और छुट्टी नहीं मिलेगी. हालांकि लीव पीरियड के दौरान मेडिकल ट्रेनी को कहीं और नौकरी करने या किसी एकेडमिक कोर्स में एडमिशन लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
एनबीईएमएस गाइडलाइन 2024 आप यहां पढ़ सकते हैं.
Tags: Government Medical College, Medical Education, NEETFIRST PUBLISHED : November 24, 2024, 09:41 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed