नई दिल्ली. भारत में डिजिटल स्कैम का एक नया तरीका सामने आया है, जिसमें विदेश में बैठे जालसाज यहां के लोगों की फंसाने की साजिश रच रहे हैं. इस स्कैम का मुख्य केंद्र साउथ-ईस्ट एशिया के देश हैं, जहां से बैठकर स्कैमर अपने मंसूबों को अंजाम देते हैं. कंबोडिया, थाईलैंड, लाओस, म्यांमार जैसे देशों में कई ट्रेडिंग सेंटर बनाए गए हैं और वहीं से भारत के लोगों को निशाना बनाया जाता है. इंडियन साइबर क्राइम कार्डिनेशन सेंटर के सीईओ राजेश कुमार ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी.
उन्होंने कहा, “गैरकानूनी ट्रैवल एजेंट ऐसे फर्जी इन्वेस्टमेंट स्कैम रैकेट को ऑपरेट करने में मदद करते हैं. डेटा एंट्री ऑपरेटर की नौकरी का झांसा देकर ट्रैवल एजेंट पहले भारतीय नागरिकों को फंसाते हैं और फिर उन्हें साउथ-ईस्ट एशिया के देशों में ले जाया जाता है.” राजेश कुमार ने बताया, “ट्रांस नेशनल साइबर क्राइम का बड़ा मामला सामने आया है और इस क्राइम को साउथ-ईस्ट एशिया के देशों से चलाया जा रहा है. सिर्फ इस साल 1000 करोड़ से ज्यादा भारतीय नागरिकों ने फर्जी इन्वेस्टमेंट ऐप के जरिए अपने करोड़ों रुपए गंवा दिए.”
भारत सरकार ने इसको लेकर एडवायजरी जारी की है ताकि लोग ऐसे स्कैम से बचें. गृह मंत्रालय में इसे लेकर कई बैठकें भी हो चुकी हैं, जिसमें साइबर स्कैम पर काबू पाने के लिए रणनीति बनाई गई है. हाल ही में, आंध्र प्रदेश के दो लोग इस तरह के साइबर फ्रॉड का शिकार बने, फिर तीस भारतीयों को कंबोडिया में निशाना बनाया गया. भारतीय दूतावास कंबोडिया में फंसे हुए लोगों को भारत वापस लाने के लिए प्रयासरत है, जो साइबर क्राइम के जरिए वहां जाकर फंस गए हैं.
Tags: Cyber Attack, Cyber Crime, Cyber FraudFIRST PUBLISHED : May 22, 2024, 18:43 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed