Exam की तैयारी में बीत जाते हैं कई साल स्किल्स या डिग्री किस पर करें फोकस

Education System in India: हर साल करोड़ों युवा भर्ती परीक्षा या एंट्रेंस एग्जाम देते हैं. उनमें से कुछ ही सफल होकर अपनी पसंद के क्षेत्र में मनचाही नौकरी हासिल कर पाते हैं. भारत में परीक्षाओं की तैयारी में बहुत समय इन्वेस्ट किया जाता है लेकिन हर बार सफलता की गारंटी नहीं होती है. जानिए एआई के दौर में एजुकेशन सिस्टम में क्या बदलाव होना चाहिए.

Exam की तैयारी में बीत जाते हैं कई साल स्किल्स या डिग्री किस पर करें फोकस
नई दिल्ली (Education System in India). भारत में हर साल करोड़ों युवा यूपीएससी, जेईई, नीट और कैट जैसी परीक्षाओं के लिए रजिस्ट्रेशन करते हैं. इन परीक्षाओं की तैयारी में कई बार 2-3 सालों का समय भी लग जाता है. आंकड़ों पर नजर डालें तो हर साल यूपीएससी के 13 लाख अभ्यर्थियों में से सिर्फ 0.2% और कैट के 3.3 लाख अभ्यर्थियों में से सिर्फ 3000 ही सफल हो पाते हैं. परीक्षा में फेल होने वाले अभ्यर्थियों के लिए खुद को संभालना और समय की भरपाई कर पाना मुश्किल हो जाता है. किसी एक परीक्षा में अपनी सारी उम्मीदें लगाना न केवल समय की बर्बादी है, बल्कि सपनों को टूटने का भी बड़ा कारण बन सकता है. आज का एग्जामिनेशन मोड मॉडर्न टाइम्स की जरूरतों के हिसाब से मेल नहीं खा रहा है. एआई के दौर में कंपनियां किताबी ज्ञान से ज्यादा प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल्स, नए तरीके से सोचने और हालात के साथ जल्दी ढलने की क्षमता को महत्व देती हैं. क्राफ्टशाला के फाउंडर और CEO वरुण सेतिया से जानिए, स्किल्स या डिग्री किस पर फोकस करना जरूरी है. Competitive Exams: समय की बर्बादी है सिर्फ परीक्षाओं पर फोकस करना कैट, यूपीएससी जैसी तमाम परीक्षाओं को पास करके देश के टॉप कॉलेज में एडमिशन और बेस्ट सरकारी नौकरी मिलती है. ऐसे में इन्हें अटेंप्ट करने और पास करने का जोर बहुत से बच्चों पर रहता है. लेकिन अब समय बदल चुका है. अब सफलता सिर्फ अच्छे अंकों पर निर्भर नहीं करती, बल्कि आपकी क्षमता और उसे लागू करने के तरीके पर निर्भर करती है. अगर इन परीक्षाओं के साथ ही अन्य ऑप्शंस पर भी ध्यान दिया जाए तो करियर में सफलता हासिल करना आसान हो जाएगा. यह भी पढ़ें- कॉलेज की पढ़ाई के साथ बंपर कमाई, Freelancing में मिल सकती है मोटी सैलरी Coaching Classes: कोचिंग का लेते हैं सहारा कई शिक्षण संस्थान इन्हीं परीक्षाओं की तैयारी के नाम पर करोड़ों रुपये कमा रहे हैं. शिक्षक भी बच्चों को इन परीक्षाओं के असफलता दर के लिए तैयार नहीं करते हैं. हालांकि, समस्या सिर्फ परीक्षाओं में नहीं, बल्कि इनके इवैल्युएशन में भी है. लिखित परीक्षा में रटने की क्षमता और जल्दी लिखने की योग्यता को महत्व दिया जाता है. इसमें क्रिएटिविटी और प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल्स पर फोकस नहीं किया जाता है. इन परीक्षाओं की तैयारी कर रहे ज्यादातर स्टूडेंट्स दुनिया की चुनौतियों के लिए तैयार नहीं होते हैं. Competitive Exams Preparation Tips: परीक्षा की तैयारी में लगा समय बर्बाद कैसे? किसी भी परीक्षा की तैयारी करने का मतलब है कि स्टूडेंट एक्सट्रा ज्ञान अर्जित कर रहा है. लेकिन फिर भी कई स्टूडेंट्स के लिए यह समय बर्बादी के बराबर होता है. असफलता दर ज्यादा होने के बावजूद स्टूडेंट्स ऐतिहासिक तारीखों, जगहों के नाम और दूसरी जानकारियां याद करने में समय लगाते हैं, जिसकी वैल्यू प्रोफेशनल लाइफ में शायद ही हो. यह सिर्फ UPSC तक सीमित नहीं है. कैट यानी आईआईएम एंट्रेंस टेस्ट की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स गणित के फॉर्मूले, ज्योमेट्री और अंग्रेजी के मुश्किल शब्द रटने में बहुत समय लगाते हैं. इसके बजाय उन्हें समस्याओं को हल करने, वेबसाइट बनाने और अन्य प्रोडक्टिव स्किल्स सीखने पर फोकस करना चाहिए. यही हाल जेईई (JEE) और नीट (NEET) जैसी परीक्षाओं का भी है. यह भी पढ़ें- घर में रहकर सीख सकते हैं अंग्रेजी, नहीं लगेगा 1 भी रुपया, नोट करें 10 टिप्स  Career Options: ऑप्शन ढूंढने लगे हैं स्टूडेंट्स बदलते वक्त के साथ स्टूडेंट्स अपने करियर की कमान अपने हाथों में लेने लगे हैं. कई स्टूडेंट्स इस बेवजह की दौड़ से बाहर निकल रहे हैं. वह नए विकल्पों के बारे में जानकारी और जागरूकता बढ़ा रहे हैं. कंपनियां भी अब हाई स्कोरर या टॉपर स्टूडेंट्स के बजाय अच्छा टैलेंट ढूंढने के लिए बेताब हो रही हैं. इसलिए स्टूडेंट्स को स्किल्स पर फोकस करना चाहिए. कॉलेज के दौरान प्रोजेक्ट या इंटर्नशिप के जरिए स्किल्स पर काम कर सकते हैं. इससे पोर्टफोलियो भी बेहतर होगा. Exam Pattern: परीक्षा पैटर्न में बदलाव है जरूरी परीक्षाओं की तैयारी के साथ ही एग्जाम पैटर्न में भी बदलाव की जरूरत है. अब प्रोजेक्ट-आधारित शिक्षा और नियमित मूल्यांकन के जरिए स्टूडेंट्स को उनके करियर के लिए तैयार किया जा सकता है. सीबीएसई के एक पायलट प्रोग्राम के मुताबिक, प्रोजेक्ट्स आधारित मूल्यांकन से स्टूडेंट्स ने ना सिर्फ ज्यादा चीजें याद रखीं, बल्कि उनकी क्रिटिकल थिंकिंग और टीम वर्क स्किल्स भी बेहतर हो रही हैं. Google जैसी कई टॉप कंपनियां डिग्री के बजाय स्टूडेंट्स को उनकी स्किल्स के आधार पर नौकरी दे रही हैं. यह भी पढ़ें- अपने ही घर में कैद हुई बच्ची, नजर रखने के लिए माता-पिता ने कमरे में लगाए कैमरे परीक्षा में फेल होने पर क्या करें? परीक्षा की दौड़ में फंसे स्टूडेंट्स को रुककर सोचना चाहिए कि उनके लिए वास्तव में क्या मायने रखता है. आपको रटने के बजाय अब सीखने और प्रैक्टिकल दुनिया में उसके एप्लिकेशन पर फोकस करना चाहिए. दुनिया अवसरों से भरी हुई है. अगर आप किसी एग्जाम में फेल हो गए हैं तो उसके पीछे रोने या उदास होने के बजाय आगे बढ़ने की कोशिश करिए. उस परीक्षा की तैयारी के दौरान आपने जो सीखा, उसे जिंदगी में उतारकर करियर पर फोकस करके जिंदगी बनाएं. Tags: Career Tips, Competitive exams, Entrance examsFIRST PUBLISHED : December 30, 2024, 14:54 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed