कांगो में भारत के 2 शांति सैनिक शहीद संयुक्त राष्ट्र के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन तेज
कांगो में भारत के 2 शांति सैनिक शहीद संयुक्त राष्ट्र के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन तेज
एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि यह कांगो के पूर्वी शहर गोमा में संयुक्त राष्ट्र के मिशन के खिलाफ प्रदर्शन का दूसरा दिन है. प्रदर्शनकारियों ने सोमवार को गोमा में संयुक्त राष्ट्र मिशन के कार्यालयों में आग लगा दी और उनमें जबरन घुस गए. उन्होंने आरोप लगाया कि कांगो के पूर्वी इलाके में बढ़ती हिंसा के बीच शांति सेनाएं नागरिकों की सुरक्षा करने में विफल हो रही हैं.
बुटेम्बो. कांगो के पूर्वी शहर बुटेम्बो में मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र विरोधी प्रदर्शनों में संयुक्त राष्ट्र के तीन शांति सैनिकों की जान चली गई जिसमें दो भारतीय थे. बुटेम्बो के पुलिस प्रमुख पॉल नगोमा ने बताया कि हिंसा में सात प्रदर्शनकारी भी मारे गए हैं. सोमवार को देश के तनावग्रस्त इलाके में प्रदर्शन शुरू हो गए. प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि MONUSCO (संयुक्त राष्ट्र की शांति सेना) हथियारबंद समूहों के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल हो रही है.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्विटर पर दो बहादुर भारतीय शांति सैनिकों की शहादत पर दुख जाहिर किया है. उन्होंने कहा, ‘कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में बीएसएफ के दो बहादुर भारतीय शांति सैनिकों की जान जाने पर गहरा दुख हुआ है. वे मोनुस्को का हिस्सा थे. इन अपमानजनक हमलों के अपराधियों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए और उन्हें न्याय के दायरे में लाया जाना चाहिए.’ Deeply grieved at the loss of lives of two valiant Indian peacekeepers of the BSF in the Democratic Republic of Congo. They were part of the MONUSCO.
The perpetrators of these outrageous attacks must be held accountable and brought to justice .
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 26, 2022
अंतरराष्ट्रीय मीडिया के मुताबिक, देश में संयुक्त राष्ट्र मिशन के खिलाफ कांगो के पूर्वी शहर गोमा में प्रदर्शन के दूसरे दिन कम से कम पांच लोग मारे गए थे और लगभग 50 लोगों के घायल होने कि खबर थी.
70-74 बीएसएफ जवानों की तैनाती
सीमा बल के एक प्रवक्ता ने बताया कि 26 जुलाई को, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य के बुटेम्बो में तैनात संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षक दल (MONUSCO) के दो बीएसएफ कर्मियों ने हिंसक सशस्त्र विरोध के दौरान गंभीर चोटों के कारण दम तोड़ दिया था. अधिकारियों ने कहा कि इस साल मई में शामिल किए गए इलाके में करीब 70-74 बीएसएफ जवानों को तैनात किया गया था.
मोनुस्को के खिलाफ प्रदर्शन और आंदोलन
अधिकारियों के अनुसार, स्थानीय लोगों ने पूरे कांगो में मोनुस्को के खिलाफ प्रदर्शन और आंदोलन का आह्वान किया था, जिसके बाद गोमा शहर में मामला हिंसक हो गया था. प्रदर्शनकारियों ने संयुक्त राष्ट्र की संपत्ति को भी आग के हवाले किया और उसमे तोड़-फोड़ की. बेनी और बुटेम्बो शहर को हाई अलर्ट पर रखा गया था, दोनों जगह दो प्लाटून या करीब 70-74 बीएसएफ जवानों को तैनात किया गया था.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सोमवार शांतिपूर्ण ढंग से गुजरा लेकिन आज बुटेम्बो में स्थिति हिंसक हो गई थी. मोरोको रैपिड डिप्लॉयमेंट बीएन का कैंप जहां बीएसएफ कि प्लाटून तैनात हैं वहां का क्षेत्र प्रदर्शनकारियों से घिरा हुआ था.
भीड़ को नियंत्रित कर पाना मुश्किल था
कांगो पुलिस (पीएनसी) और कांगो सेना (एफएआरडीसी) के सैनिक भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पहुंचे, लेकिन 500 से अधिक लोगों की अनुमानित भीड़ को नियंत्रित कर पाना मुश्किल था. बीएसएफ और अन्य सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले दागे. जिसके बाद भीड़ तितर-बितर हो गई, लेकिन कुछ समय बाद वे फिर से जमा हो गए.
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FIRST PUBLISHED : July 27, 2022, 09:33 IST