सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल! हिंदू परिवार पर दुखों का टूटा पहाड़ तो मुस्लिम समाज ने मदद के लिए बढ़ाया हाथ
सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल! हिंदू परिवार पर दुखों का टूटा पहाड़ तो मुस्लिम समाज ने मदद के लिए बढ़ाया हाथ
औलाद के उपचार में सब कुछ गंवाने वाले सांवरमल शर्मा अपनी पत्नी सरला और बच्चों के साथ दर-दर की ठोकरें खा रहे थे. इस दौरान उनका शहर के वार्ड 42 के मुस्लिम समाज से संपर्क हुआ. मुस्लिम समाज ने भाईचारे की मिसाल पेश करते हुए इस परिवार को न सिर्फ 300 गज जमीन दी, बल्कि 80 हजार रुपए जुटाकर रहने के लिए कमरा भी बनवा कर दिया. साथ ही नल का कनेक्शन दिलवाया
नरेश पारीक
चुरू. राजस्थान का चूरू सांप्रदायिक सौहार्द को लेकर अपनी अलग पहचान रखता है. यहां मानवता और इंसानियत का धर्म सर्वोपरि है. शहर के वार्ड संख्या 58 के निवासी सांवरमल शर्मा के तीन बच्चे हैं. यह तीनों ही बच्चे मंदबुद्धि हैं. इनके उपचार में उनकी पुश्तैनी जमीन, घर-बार समेत सब कुछ बिक गया, लेकिन इसके बावजूद तीनों बच्चों का उपचार नहीं हो सका. औलाद के उपचार में सब कुछ गंवाने वाले सांवरमल शर्मा अपनी पत्नी सरला और बच्चों के साथ दर-दर की ठोकरें खा रहे थे. इस दौरान उनका शहर के वार्ड 42 के मुस्लिम समाज से संपर्क हुआ. मुस्लिम समाज ने भाईचारे की मिसाल पेश करते हुए इस परिवार को न सिर्फ 300 गज जमीन दी, बल्कि 80 हजार रुपए जुटाकर रहने के लिए कमरा भी बनवा कर दिया. साथ ही नल का कनेक्शन दिलवाया.
ईशाक खान का परिवार मदद के लिये आगे आया
चुरू के वार्ड नंबर 42 के ईशाक खान इस पीड़ित परिवार की मदद के लिए सबसे पहले आगे आया. ईशाक खान के बेटे लतीफ ने अपनी पुश्तैनी सूफी साहब की दरगाह के पास दो बीघा जमीन में से 300 गज जमीन इस परिवार को नि:शुल्क दे दी, और जमीन के कागजात परिवार के नाम करवा कर दे दिये. इतना ही नहीं, लतीफ ने अपने दोस्त इस्लाम ओर मोहल्लेवासियों के सहयोग से 80 हजार रुपए एकत्रित कर इनके लिए एक कमरा भी बनवाया.
निर्माणधीन है कार्य
मोहल्लेवासियों ने मिलकर 80 हजार रुपए से पीड़ित परिवार के लिए एक कमरा बनवाया है, लेकिन अभी उसमें फर्श ओर प्लास्टर होना बाकी है. साथ ही कमरे में दरवाजा लगने का काम होना भी शेष है. मकान जब तक तैयार हो तब तक पीड़ित परिवार को लतीफ ओर इस्लाम ने रहने के लिए किराए पर एक रूम लेकर दिया है ताकि वो सभी दर-दर की ठोकरें न खाएं.
तीन बच्चे तीनों ही मंदबुद्धि
सांवरमल शर्मा और उनकी पत्नी सरला देवी ने बताया कि उनके तीन बच्चे हैं जो मंदबुद्धि हैं. सबसे बड़ा विजय है जिसकी उम्र 18 साल है. फिर पूजा है जिसकी उम्र 17 साल, और तीसरी संतान आरती है, जिसकी उम्र 14 साल है. दंपति ने बताया कि ऐसे में वो बच्चों को अकेला नहीं छोड़ सकते. उन्हें इनकी दैनिक दिनचर्या भी करवानी पड़ती है.
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Tags: Churu news, Rajasthan news in hindiFIRST PUBLISHED : September 19, 2022, 17:12 IST