IIT Delhi BITS पिलानी ड्रॉपआउट UPSC में हासिल की 38वीं रैंक
IIT Delhi BITS पिलानी ड्रॉपआउट UPSC में हासिल की 38वीं रैंक
UPSC Story: यूपीएससी सिविल और जेईई की परीक्षा को पास करना आसानी नहीं होता है. लेकिन एक ऐसे भी शख्स हैं, जो जेईई की परीक्षा पास करके IIT Delhi और BITS पिलानी जैसे संस्थान को छोड़कर यहां से पढ़ाई पूरी की. इसके अलावा UPSC पास करके कुछ सालों तक काम करने के बाद नौकरी (Sarkari Naukri) छोड़ दी.
Success Story: हम जिस दुनिया में रहते हैं, यहां सफलता को अक्सर उपाधियों और प्रशंसाओं से मापा जाता है. एक ऐसे ही IDES ऑफिसर की कहानी है, जो IIT ड्रॉपआउट, BITS पिलानी छोड़कर UPSC में ऑल इंडिया रैंक 38 हासिल की है. लेकिन शायद सबसे चौंकाने वाला मोड़ उस समय था, जब इस IAS ऑफिसर ने 12 साल की सेवा के बाद उन्होंने नौकरी से इस्तीफा देने का फैसला किया. अब सवाल यह उठता है कि ऐसा इंसान जो हर चीज को पास सकता था लेकिन आखिर क्यों वह नौकरी छोड़ेगा? हम जिस ऑफिसर की बात कर रहे हैं, उनका नाम गौरव कौशल है.
IIT Delhi और BITS पिलानी हैं ड्रॉपआउट
गौरव कौशल (Gaurav Kaushal) हरियाणा के पंचकूला में जन्मे और पले-बढ़े हैं. वह बचपन से ही एक होनहार छात्र थे. उन्होंने IIT-JEE परीक्षा पास करने के बाद IIT दिल्ली में एडमिशन लिया था. कुछ दिनों बाद उन्हें एहसास हुआ कि उनके लिए जो रास्ता तय किया गया था, वह वह नहीं था जिस पर वे चलना चाहते थे. उन्होंने IIT छोड़ दिया और BITS पिलानी में कंप्यूटर साइंस में BTech करने लगे. बाद में उन्होंने इसे भी छोड़ दिया और पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से अपनी डिग्री पूरी की.
UPSC में हासिल की 38वीं रैंक
चुनौतियों को मात देने की ललक ने गौरव को यूपीएससी की परीक्षा पास करने के प्रति अग्रसर प्रेरित किया है. उन्होंने वर्ष 2012 में यूपीएससी की परीक्षा में AIR 38 हासिल की. उन्हें इंडियन डिफेंस एस्टेट सर्विस (IDES) में नियुक्त किया गया, जिसमें देश भर में सैन्य भूमि का मैनेजमेंट करना शामिल था. 12 वर्षों तक गौरव ने शानदार सेवा की, फिर भी उनके भीतर कुछ अधूरा रह गया. एक ऐसे कदम में जिसने कई लोगों को हैरान कर दिया, जब गौरव ने नौकरी से इस्तीफा दे दिया. उनका कारण? यूपीएससी उम्मीदवारों की अगली पीढ़ी को सलाह देना था.
चलाते हैं मेंटरशिप प्रोग्राम
गौरव (Gaurav Kaushal) एक मेंटरशिप प्रोग्राम चलाते हैं, जो उनके YouTube चैनल और गौरव कौशल ऐप के माध्यम से हज़ारों लोगों तक पहुंचता है, जहां वे व्यक्तिगत मार्गदर्शन प्रदान करते हैं. गौरव कौशल की जीवन की कहानी इस विचार का प्रमाण है कि सफलता का मतलब दुनिया द्वारा प्रतिष्ठित माने जाने वाले कामों से संतुष्ट होना नहीं है, बल्कि व्यक्तिगत संतुष्टि की निरंतर तलाश करना है.
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Tags: Iit, Jee main, Success Story, UPSCFIRST PUBLISHED : August 10, 2024, 11:19 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed