सुखोई को देसी टच देने की तैयारी में भारत IIT- बॉम्‍बे ने बनाया पूरा प्‍लान

रूस के लड़ाकू विमान अब भारत में ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI से लेस होने जा रहे हैं. आईआईटी बॉम्‍बे की मदद से पायलेट प्रोजेक्‍ट के तौर पर इस प्‍लान पर काम किया जा रहा है। रूस की मदद भी इसमें ली जा रही है.

सुखोई को देसी टच देने की तैयारी में भारत IIT- बॉम्‍बे ने बनाया पूरा प्‍लान
हाइलाइट्स वायुसेना 4 दशक से भी लंबे वक्‍त से सुखोई विमान का इ्रस्‍तेमाल कर रही है. सुखोई विमान को अब AI सिस्‍टम से लेस करने की तैयारी की जा रही है. IIT-बॉम्‍बे के साथ मिलकर एयरफोर्स इस प्रोजेक्‍ट पर काम कर रही है. नई दिल्‍ली. भारतीय वायुसेना के सुखाई लड़ाकू विमान से तो आप वाकिफ ही होंगे. रूस में निर्मित ये विमान 4 दशक से भी लंबे वक्‍त से भारतीय सीमाओं की रक्षा में लगे हैं. अब इंडियन एयरफोर्स ने अपने इन विमानों को अपग्रेड करने की तैयारी शुरू कर ली है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एसयू-30एमकेआई जेट को आईआईटी-बॉम्‍बे की मदद से अपग्रेड करने के प्‍लान पर काम किया जा रहा है. फिलहाल इसके फाइनेंशियल पहलुओं को देखा जा रहा है. बताया गया कि पहले बैच में 84 सुखाई विमानों को AI (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस) से लेस करने की तैयारी की जा रही है. सरकार की योजना सुखाई विमानों को राफेल जैसे आधुनिक विमान की तर्ज पर कुछ हद तक अपग्रेड करने की है. पायलेट प्रोजेक्‍ट के तहत लगभग पांच से सात साल में भारतीय वायुसेना ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-आधारित इंजन और विमानों के रखरखाव, पुर्जों और इन्वेंट्री मैनेजमेंट के संबंध में आईआईटी-बॉम्‍बे के साथ पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने जा रही है.  एयर ऑफिसर मेंटेनेंस के मार्शल सी.आर. मोहन ने 31 अक्टूबर को अपनी सेवानिवृत्ति से पहले एक इंटरव्‍यू में द हिंदू को बताया था कि फाइनेंशियल पहलुओं पर काम किया जा रहा है. एक बार जब यह सुलझ जाएगा और सरकार इसे अधिकृत कर देगी, तो सुखोई विमानों को अपग्रेड  करने का काम शुरू हो जाएगा. अगर सरकार इसे अगले साल की शुरुआत में मंजूरी दे देती है तो हम इसे तुरंत शुरू कर देना चाहिए. मुझे लगता है कि इसमें कम से कम पांच से सात साल लगेंगे. सर्टिफिकेशन, टेस्टिंग और मॉडिफिकेशन में इतना समय लग जाता है. यह एक बड़ा अपग्रेडेशन है. सुखोई को देसी टच देने की तैयारी! बताया गया कि डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल ने पहले ही 84 SU-30 को अपग्रेड करने की प्रारंभिक स्वीकृति दे दी है. भारतीय वायुसेना के पास 259 Su-30MKI का बेड़ा है. पूर्व IAF प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी.आर. चौधरी ने पहले कहा था कि 84 जेट में 51 प्रणालियों का अपग्रेडेशन होगा, जिनमें 78% स्वदेशी सामग्री होगी. Su-30 आने वाले वक्‍त में IAF की लड़ाकू शक्ति का एक बड़ा हिस्सा होगा और 2055 के बाद भी सेवा में रहेगा. दावा किया गया कि अधिकांश अपग्रेडेशन हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा किया जाएगा. रूस भी अपग्रेडेशन में दे रहा साथ रूस इस प्रोजेक्‍ट के दौरान फ्लाई-बाय-वायर सिस्टम को अपग्रेड करने और सिस्‍टम के इंटीग्रेशन में शामिल होगा. एयरफोर्स का कहना है कि रडार और एवियोनिक्स सहित अधिकांश अपग्रेडेशन स्वदेशी होंगे. अपग्रेड किए जाने वाले जेट विमानों की कुल संख्या के बारे में अधिकारी ने कहा कि इसकी योजना बची हुई लाइफ के आधार पर बनाई जाएगी. उन्होंने कहा, “हम सीमित लाइफ वाले विमानों के लिए सीमित अपग्रेड कर सकते हैं.” Tags: India Defence, Indian AirforceFIRST PUBLISHED : November 4, 2024, 07:31 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed