आज 5251वां जन्मदिन मनाएंगे कान्हा जन्माष्टमी पर द्वापर जैसा बन रहा संयोग

Krishna Janmashtami 2024: इस बार जन्माष्टमी पर द्वापर जैसे संयोग में कान्हा का 5251वां जन्मदिन मनाया जाएगा. यह शुभ संयोग पूरे 45 मिनट तक रहेगा. ऐसे में 26 अगस्त की मध्यरात्रि 12:01 से 12:45 बजे तक बन रहे इस संयोग में पूजा करने पर भक्तों के सभी मनोरथपूर्ण होंगे.

आज 5251वां जन्मदिन मनाएंगे कान्हा जन्माष्टमी पर द्वापर जैसा बन रहा संयोग
Krishna Janmashtami 2024: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पावन पर्व आज 26 अगस्त दिन सोमवार को हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है. मंदिरों से लेकर गली-गली तक में भजन-कीर्तन गूंज रहे हैं. लोगों को अब उस घड़ी का बेसब्री से इंतजार है जब कान्हा अवतरित होंगे. ज्योतिषाचार्य की मानें तो इस बार जन्माष्टमी पर द्वापर जैसे संयोग में कान्हा का 5251वां जन्मदिन मनाया जाएगा. यह शुभ संयोग पूरे 45 मिनट तक रहेगा. ऐसे में 26 अगस्त की मध्यरात्रि 12:01 से 12:45 बजे तक बन रहे इस संयोग में पूजा करने पर भक्तों के सभी मनोरथपूर्ण होंगे. अब सवाल है कि आखिर इस बार कृष्ण जन्माष्टमी 2024 पर कौन से योग बन रहे हैं? क्या है शुभ समय और नक्षत्र? किस युग में बना था ऐसा संयोग? इन सवालों के बारे में jharkhabar.com को बता रहे हैं प्रताप विहार गाजियाबाद के ज्योतिर्विद और वास्तु विशेषज्ञ राकेश चतुर्वेदी- इस जन्माष्टमी पर द्वापर जैसा संयोग कैसे? ज्योतिषाचार्य कहते हैं कि इस बार जन्माष्टमी पर गुरु चंद्रमा व वृष राशि में युति लेकर गज केसरी योग का निर्माण कर रहे हैं. यह योग बहुत ही मनोरथपूर्ण होता है. ऐसे में, जयंती योग, बव करण, वृष लग्न, रोहिणी नक्षत्र के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग कृष्ण जन्माष्टमी को और भी खास बना रहा है. ऐसा ही संयोग द्वापर युग में भगवान कृष्ण के जन्म पर बना था. इस दिन श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप के साथ माता देवकी, वासुदेव, बलदेव, नंद, यशोदा की पूजा-अर्चना होगी. बता दें कि, 26 अगस्त, सोमवार को सप्तमी तिथि दिन के 8:20 बजे समाप्त होकर अष्टमी तिथि लगेगी और इसी दिन रोहिणी नक्षत्र प्रारंभ होगा. इस प्रकार अष्टमी तिथि-रोहिणी नक्षत्र जयंती योग बना रहा है. जन्माष्टमी 2024 जयंती योग ज्योतिषाचार्य के अनुसार, भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में बुधवार को वृषभ रा​शि के चंद्रमा में देर रात भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था. इस साल भी भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि में रोहिणी नक्षत्र और वृषभ रा​शि का चंद्रमा है. इस वजह से आज श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर जयंती योग बना है. जन्माष्टमी पर जयंती योग के अलावा सर्वार्थ सिद्धि योग भी बना है. सर्वार्थ सिद्धि योग दोपहर में 3:55 बजे से कल सुबह 5:57 बजे तक है. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 2024 मुहूर्त भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि का शुभारंभ: आज, सोमवार, तड़के 3 बजकर 39 मिनट से भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि का समापन: कल, मंगलवार, तड़के 2 बजकर 19 मिनट पर रोहिणी नक्षत्र का प्रारंभ: आज, दोपहर 03:55 बजे रोहिणी नक्षत्र का समापन: कल, दोपहर 03:38 बजे जन्माष्टमी पूजा मुहूर्त: आज, रात 12:01 बजे से 12:45 बजे तक इस जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण 5250 वर्ष करेंगे पूरे ज्योतिषाचार्य राकेश चतुर्वेदी ने बताया कि मथुरा में चंद्रमा उदय रात 11:24 बजे निशीथ बेला में होगा. द्वापर में भगवान श्रीकृष्ण भाद्रपद मास, कृष्ण पक्ष, अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र की निशीथ बेला में मथुरा में कंस के कारागार में वसुदेव की पत्नी देवकी के गर्भ से अवतरित हुए थे. उस समय वृषभ लग्न एवं रोहिणी नक्षत्र, उच्च राशि के चंद्रमा थे. इस साल जन्माष्टमी के दिन भी चंद्रमा वृषभ राशि में और रोहिणी नक्षत्र में होगा. साथ ही, सर्वार्थ सिद्धि योग, गजकेसरी योग और शश राजयोग भी बन रहे हैं. इस तरह से इस जन्माष्टमी पर भगवान श्रीकृष्ण 5250 वर्ष पूर्ण कर 5251वें वर्ष में प्रवेश करेंगे. ये भी पढ़ें:  भगवान कृष्ण को राधा से था प्रेम तो क्यों नहीं की शादी? रुक्मणी से क्यों करना पड़ा विवाह, ये है अधूरे प्रेम की कहानी ये भी पढ़ें:  राधा श्रीकृष्ण की प्रेमिका थीं या पत्नी? कितना था दोनों की उम्र में गैप, जन्माष्मी पर पढ़ें कृष्ण प्रेम कहानी Tags: Astrology, Dharma Aastha, Sri Krishna JanmashtamiFIRST PUBLISHED : August 26, 2024, 09:25 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed