अग्निपथ योजना से नाराज नेपाल भारतीय सेना में गोरखाओं की भर्ती पर लगाई रोक 1947 के समझौते का दिया हवाला 

Agnipath Scheme: नेपाल के विदेश मंत्री नारायण खड़का ने जानकारी दी कि अग्निपथ योजना के तहत गोरखाओं की भर्ती 9 नवंबर, 1947 को नेपाल, भारत और ब्रिटेन द्वारा हस्ताक्षरित त्रिपक्षीय समझौते के प्रावधानों के अनुरूप नहीं है. काठमांडू राजनीतिक दलों और सभी हितधारकों के साथ सलाह के बाद इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय लेगा.

अग्निपथ योजना से नाराज नेपाल भारतीय सेना में गोरखाओं की भर्ती पर लगाई रोक 1947 के समझौते का दिया हवाला 
हाइलाइट्स'अग्निपथ योजना के तहत गोरखाओं की भर्ती 1947 के समझौतों के अनुरुप नहीं'नेपाल के विदेश मंत्री नारायण खड़का ने भारतीय राजदूत को दी जानकारी नई व्यवस्था के प्रभाव का आकलन करने के बाद फैसले लेंगे- नेपाल नई दिल्ली: नेपाल ने अग्निपथ योजना के तहत भारतीय सेना में गोरखाओं की भर्ती पर रोक लगा दी है. नेपाल के विदेश मंत्री नारायण खड़का ने बुधवार को काठमांडू में भारत के राजदूत नवीन श्रीवास्तव को जानकारी दी कि अग्निपथ योजना के तहत गोरखाओं की भर्ती 9 नवंबर, 1947 को नेपाल, भारत और ब्रिटेन द्वारा हस्ताक्षरित त्रिपक्षीय समझौते के प्रावधानों के अनुरूप नहीं है. उन्होंने ने कहा है कि काठमांडू राजनीतिक दलों और सभी हितधारकों के साथ सलाह के बाद इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय लेगा. यह फैसला ऐसे समय में आया है जब भारतीय सेना प्रमुख मनोज नेपाली सेना द्वारा ‘मानद जनरल’ उपाधि प्राप्त करने के लिए काठमांडू जाने वाले हैं. इससे पहले नेपाल के इस फैसले से 75 साल पहले भारतीय सेना में गोरखाओं की भर्ती की परंपरा पर सवालिया निशान लग गया है. विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि खड़का ने श्रीवास्तव को यह भी बताया कि 1947 का समझौता, जिसके आधार पर भारतीय सेना में गोरखाओं की भर्ती की जाती है, अग्निपथ योजना के तहत भारत की नई भर्ती नीति को मान्यता नहीं देता है और इस तरह नेपाल को ‘नई व्यवस्था के प्रभाव का आकलन करने की आवश्यकता होगी.’ नेपाल ने 1947 के समझौते के प्रावधानों का दिया हवाला सूत्रों ने कहा,भारतीय सेना की महीने भर की भर्ती प्रक्रिया, जो गुरुवार से शुरू होनी थी और 29 सितंबर को पूरे नेपाल में विभिन्न केंद्रों पर समाप्त होनी थी, अब अनिश्चित काल के लिए ठप हो गई है. नई दिल्ली ने कोविड-19 महामारी के कारण दो साल के अंतराल के बाद सेना में भर्ती के लिए सहयोग और अनुमोदन के लिए 6 सप्ताह पहले काठमांडू से संपर्क किया था. सूत्रों ने बताया कि, इस बैठक के दौरान नेपाल पक्ष ने स्पष्ट किया कि अग्निपथ के तहत चार साल की अवधि के लिए मौजूदा भर्ती योजना 1947 के समझौते के प्रावधानों के अनुरूप नहीं है. नेपाल में 4 साल के बाद सेवानिवृत्त होने वाले गोरखा रंगरूटों के भविष्य के बारे में कुछ चिंताएं हैं. नेपाल संसद की राज्य संबंध समिति, जिसे अग्निपथ योजना और गोरखा भर्ती समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करनी थी. लेकिन इसे स्थगित कर दिया गया. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Agnipath scheme, India nepal, Indian armyFIRST PUBLISHED : August 26, 2022, 07:42 IST