राष्ट्रीय नेता और मुद्दों के भरोसे कब तकक्‍या खरगे का मैसेज राहुल के लिए है

CWC Meeting: भले ही कांग्रेस चीफ मल्लिकार्जुन खरगे हों लेकिन राहुल गांधी पिछले कुछ वक्‍त से कांग्रेस पार्टी को फ्रंट-फुट से लीड कर रहे हैं. लोकसभा चुनाव के बाद से ही बार-बार कांग्रेस जीती हुई बाजी भी गंवा रही है. ऐसे में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में स्‍टेट पार्टी यूनिट को सख्‍त संदेश दिया गया.

राष्ट्रीय नेता और मुद्दों के भरोसे कब तकक्‍या खरगे का मैसेज राहुल के लिए है
CWC Meeting: नई दिल्‍ली में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की एक बैठक हुई. इस दौरान कांग्रेस चीफ मल्लिकार्जुन खरगे राज्‍यों को यह साफ कर दिया कि महज राष्‍ट्रीय नेता और राष्‍ट्रीय मुद्दों के भरोसे किसी चुनाव को नहीं जीता जा सकता है. इसके लिए जमीनी स्‍तर पर नेताओं को लोकल मुद्दों पर काम करना होगा. हाल ही में कांग्रेस पार्टी हरियाणा में जीत की बड़ी दावेदार होने के बावजूद भी चुनाव हार गई. महाराष्‍ट्र भी कांग्रेस समर्थित महाविकास अघाड़ी के हाथों से निकल गया. खरगे का मैसेज तो स्‍टेट पार्टी यूनिट के लिए था लेकिन इसमें राहुल गांधी के लिए भी एक बड़ा मैसेज छुपा था. लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस के शानदार प्रदर्शन के बाद से ही राहुल फ्रंटफुट पर राज्‍य चुनावों को लीड कर रहे हैं. संविधान बचाओं और जातिगत जनगणना को तब बड़ा मुद्दा बनाया गया था. कांग्रेस को इसका फायदा मिला लेकिन चाहे हरियाणा, महाराष्‍ट्र हो या फिर जम्‍मू-कश्‍मीर और झारखंड, इन्‍हीं मुद्दों को फिर से बीजेपी को घेरने में लगी राहुल गांधी की पार्टी को फायदा नहीं हुआ. बीजेपी पिछली गलती से सीखते हुए ठीक से होमवर्क कर राज्‍य चुनावों में उतरी. वहीं, कांग्रेस राहुल गांधी और राष्‍ट्रीय मुद्दों के भरोसे लोकल चुनाव जीतने की जुगत में लगी रही. बीजेपी बार-बार राज्‍यों में हार को राहुल गांधी की हार के तौर पर प्रोजेक्‍ट करती रही है. लोकल लीडरशिप को करना होगा काम हरियाणा और महाराष्ट्र में कांग्रेस की लगातार हार से आहत कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शुक्रवार को कहा कि पार्टी को विधानसभा चुनावों में राष्ट्रीय मुद्दों के अलावा राज्य स्तर के मुद्दों पर भी ध्यान देना होगा और लोगों के मूड को जीत में बदलना सीखना होगा. पार्टी राज्य चुनाव लड़ने के लिए कब तक राष्ट्रीय मुद्दों और राष्ट्रीय नेताओं पर निर्भर रह सकती है. राज्य के मुद्दों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. हरियाणा में पार्टी के लिए सबसे बड़ी निराशा वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी शैलजा के बीच की अंदरूनी कलह बताई जाती है. बेरोजगारी, महंगाई का मुद्दा छूटा पीछे खरगे ने कहा, “हम चुनाव हार गए हैं, लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं है कि बेरोजगारी, महंगाई और आर्थिक असमानता बड़े मुद्दे हैं. जाति जनगणना भी आज एक महत्वपूर्ण मुद्दा है. संविधान, सामाजिक न्याय और सद्भाव जैसे मुद्दे लोगों के मुद्दे हैं. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम चुनावी राज्यों में महत्वपूर्ण स्थानीय मुद्दों को भूल जाएं. राज्यों के विभिन्न मुद्दों को समय रहते विस्तार से समझना और उनके इर्द-गिर्द एक ठोस अभियान रणनीति बनाना भी महत्वपूर्ण है. आप राष्ट्रीय मुद्दों और राष्ट्रीय नेताओं की मदद से राज्य के चुनाव कब तक लड़ेंगे?” Tags: CWC Meeting, Mallikarjun kharge, Rahul gandhiFIRST PUBLISHED : November 30, 2024, 11:34 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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