स्वाद का सफ़रनामा: दिल और हड्डियों के लिए फायदेमंद अखरोट का है हजारों वर्ष पुराना इतिहास पढ़ें रोचक बातें

Swad Ka Safarnama: माना जाता है कि अपनी विशेष अनुकूलता के चलते अखरोट की उत्पत्ति कई क्षेत्रों में हुई. विश्वकोश ब्रिटैनिका के अनुसार, अखरोट उत्तर और दक्षिण अमेरिका, दक्षिणी यूरोप, एशिया और वेस्ट इंडीज का मूल निवासी है. पढ़ें अखरोट के फायदे और इसके रोचक इतिहास के बारे में.

स्वाद का सफ़रनामा: दिल और हड्डियों के लिए फायदेमंद अखरोट का है हजारों वर्ष पुराना इतिहास पढ़ें रोचक बातें
हाइलाइट्सअखरोट उत्तर और दक्षिण अमेरिका, दक्षिणी यूरोप, एशिया और वेस्ट इंडीज का मूल निवासी है. अखरोट की तासीर गर्म होती है, ऐसे में अधिक खाने से पेट खराब हो सकता है. अखरोट के सेवन से हार्ट की कार्यक्षमता बेहतर हो सकती है. Walnut Benefits and its History: अखरोट ड्राई फ्रूट की पहुंच पूरी दुनिया में है. किसी देश में अगर यह न भी उगता हो तो भी इसके गुण और चाहत के चलते यह वहां पहुंच जाता है. इसमें पाए जाने वाले विशेष मिनरल्स और विटामिन्स दिल के लिए बेहद लाभकारी माने जाते हैं. यह हड्डियों को भी मजबूत करने में अपनी भूमिका अदा करता है. इसमें पाए जाने वाले गुण शरीर के पाचन सिस्टम को बेहतर बनाए रखते हैं. हजारों वर्ष पुराना है अखरोट का इतिहास. इसकी उत्पत्ति के कई रूट माने गए हैं. इसे भी पढ़ें: स्वाद का सफ़रनामा: एनर्जी बूस्टर सिंघाड़ा खून को करता है साफ, आइए जानते हैं इससे जुड़ा रोचक इतिहास पश्चिमी लोक कथाओं में अखरोट के अलग ही हैं जलवे अखरोट (Walnut) का हल्का मीठा और बहुत ही हल्का कसैला सा स्वाद दूसरे ड्राई फ्रूट्स से अलग है. इसे तासीर में गर्म माना जाता है. जितनी भी मिठाइयां हैं, उनमें अखरोट डाल दो तो उसका स्वाद बेहतर हो जाता है. इसके अलावा, देसी-विदेशी डेजर्ट में तो इसके जलवे गजब हैं. इसकी कई किस्में हैं, जिसमें से एक देसी है और उसे बड़ी मुश्किल से फोड़कर उसकी गिरी निकाली जाती है. यह गिरी बेहद स्वादिष्ट होती है. एक कागजी अखरोट है, साइज सामान्य से अधिक होता है, हाथ से दबाओ तो टूट जाता है. इसकी बहुत मांग है, लेकिन वह स्वाद में सामान्य रहता है. इस अखरोट का अन्य व्यंजनों में उपयोग होता है. पश्चिमी देशों की पौराणिक कथाओं में अखरोट ‘अलग रंग’ में है. कई देशों के लोक रीति-रिवाजों और जादू-टोने में अखरोट की हमेशा अहम भूमिका रही है. ग्रीक पौराणिक कथाओं में अखरोट ज्ञान का प्रतीक था और आकाश के देवता ज़ीउस को समर्पित था. रोमन पौराणिक कथाओं में अखरोट आकाश और गड़गड़ाहट के देवता को समर्पित था. ग्रामीण फ्रांस में पुरुष गुप्त रूप से अपनी प्रेमिका की जूती में अखरोट के पत्ते डालते थे ताकि वे अपने प्यार और वफादारी का आश्वासन दे सके. अखरोट का हल्का मीठा और बहुत ही हल्का कसैला सा स्वाद दूसरे ड्राई फ्रूट्स से अलग है. एक साथ कई रूट से निकला है यह ड्राई फ्रूट इस प्राचीन ड्राई फ्रूट के कई रूट हैं. माना जाता है कि अपनी विशेष अनुकूलता के चलते अखरोट की उत्पत्ति कई क्षेत्रों में हुई. विश्वकोश ब्रिटैनिका (Britannica) के अनुसार, अखरोट उत्तर और दक्षिण अमेरिका, दक्षिणी यूरोप, एशिया और वेस्ट इंडीज का मूल निवासी है. पुख्ता जानकारी यह भी है कि अखरोट की उत्पत्ति फारस (ईरान) में हुई. फूड हिस्ट्री से जुड़े एक्सपर्ट मानते हैं कि इसकी उत्पत्ति ईसा पूर्व 7 हजार मानते हैं. एक पक्ष का कहना है कि अखरोट की उत्पत्ति मध्य एशिया में हुई, जहां यह जंगली और अर्ध-खेती की अवस्था में भी उगा और वहां से चीन, फारस और अंत में यूरोप तक फैल गया. इतिहासकार यह भी मानते हैं कि 206 ईसा पूर्व से 220 ईस्वी के बीच किसी समय हान राजवंश के दौरान कश्मीर से अखरोट चीन में लाया गया था. दूसरी ओर, अमेरिकी-भारतीय वनस्पति विज्ञानी सुषमा नैथानी के अनुसार, अखरोट का उत्पत्ति केंद्र तुर्की, इजराइल, सीरिया, इराक, ईरान, तुर्कमेनिस्तान रहा तो दूसरा रूट चीन, ताइवान, थाइलैंड, वियतनाम, कोरिया के अलावा दक्षिण पूर्वी एशिया के अन्य देशों से निकलता है. इस प्राचीन ड्राई फ्रूट के कई रूट हैं. इसे भी पढ़ें: स्वाद का सफ़रनामा: गुणों से भरपूर बेर दिल के लिए है फायदेमंद, हजारों साल पुराना है इस फल का इतिहास हृदय के लिए है लाभकारी, पाचन शक्ति भी रखे दुरुस्त अखरोट में अन्य मेवों से अलग कुछ मिनरल्स और विटामिन्स होते हैं, जो इसे शरीर के लिए बेहतर बनाते हैं. अमेरिकी कृषि विभाग (USDA) के अनुसार, यह ड्राई फ्रूट पोषकता से भरपूर है. करीब 100 ग्राम छिले हुए अखरोट में कैलोरी 650, 15 ग्राम प्रोटीन, 65 ग्राम वसा, 7 ग्राम फाइबर, 14 ग्राम कार्बोहाइड्रेट के अलावा, 0.34 मिलीग्राम थायमिन, 0.54 मिलीग्राम विटामिन बी 6, 98 माइक्रोग्राम फोलेट, 3.4 मिलीग्राम मैंगनीज, 1.6 मिलीग्राम कॉपर, 3.1 मिलीग्राम जिंक, 2.9 मिलीग्राम आयरन, 98 मिलीग्राम कैल्शियम के अलावा मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, पोटैशियम आदि भी पाए जाते हैं. यह पोषक तत्व स्थान व किस्मों के हिसाब से कुछ कम-ज्यादा भी हो सकते हैं. योगाचार्य व फूड एक्सपर्ट रमा गुप्ता के अनुसार, अखरोट के सेवन से हार्ट की कार्यक्षमता बेहतर हो सकती है, क्योंकि ये शरीर में लिपिड की वृद्धि को बढ़ावा देता है. अखरोट का सेवन शरीर में एलडीएल (बैड कोलेस्ट्रॉल) के स्तर को कम करता है और एचडीएल (गुड केलोस्ट्रॉल) के स्तर को बढ़ाता है, जिससे हृदय रोगों का खतरा कम होता है. इसमें मौजूद फैट वजन नहीं बढ़ने देता इसमें मौजूद आवश्यक फैटी एसिड्स हड्डियों का स्वास्थ्य बेहतर बनाए रखते हैं. अखरोट में मौजूद खनिज शरीर के पाचन सिस्टम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है. इसमें पाई जाने वाली वसा शरीर का वजन नहीं बढ़ाती है. वह ऊर्जा जरूर देती है. इससे वजन भी कंट्रोल में रहता है. अखरोट के तेल में मौजूद पॉलीफेनोलिक यौगिक शरीर में किसी भी सूजन के साथ-साथ सूजन से जुड़े लक्षणों और बीमारियों को कम करते हैं. इसमें मौजूद विटामिन स्किन को चमकदार बनाए रखते हैं. ऐसा माना जाता है कि अखरोट का कम और नियमित सेवन अच्छी नींद ला सकता है. इसकी एक अन्य विशेषता यह भी है कि यह मूड को पॉजिटिव बनाए रखता है. सीधे तौर पर अखरोट के कोई साइड इफेक्ट नहीं होते हैं, लेकिन अधिक खाने से यह पेट गड़बड़ कर सकता है. उसका कारण यह है कि इसकी तासीर गर्म है. कुछ लोगों को इसके सेवन से एलर्जी की भी संभावना रहती है. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी| Tags: Food, LifestyleFIRST PUBLISHED : November 29, 2022, 07:00 IST