India-Nepal Clashes: भारत-नेपाल बॉर्डर पर तनाव नेपालियों का हिंसक विरोध बना वजह!
India-Nepal Clashes: भारत-नेपाल बॉर्डर पर तनाव नेपालियों का हिंसक विरोध बना वजह!
नेपाल में भारतीयों के चोटिल होने के बाद धारचूला के व्यापारी भी भड़क गए और उन्होंने भी अंतर्राष्ट्रीय झूलापुल को 3 घंटों तक बंद कर दिया. वह दोषियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. आइए जानें पूरा मामला....
रिपोर्ट: हिमांशु जोशी
पिथौरागढ़. उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के धारचूला इलाके में नेपाल से लगी अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर इन दिनों तनाव की स्थिति बनी हुई है. इससे दोनों देशों के लोगों में आक्रोश देखने को मिल रहा है. इसकी शुरुआत नेपाल की तरफ से पत्थरबाजी से हुई और अब सीमा पर तनाव बना हुआ है.
दरअसल इन दिनों भारत धारचूला में काली नदी के किनारे सुरक्षा की दृष्टि से तटबंद बना रहा है, जिसका नेपाली नागरिक विरोध कर रहे हैं. उनका मानना है कि तटबंध बनाने से काली नदी के वेग से उन्हें नुकसान हो सकता है. 2013 में आई आपदा के बाद नेपाल ने अपनी तरफ सुरक्षा दीवार बना ली थी, जिसमें भारतीयों द्वारा उन्हें पूरा सहयोग मिला. अब जब भारत अपनी तरफ सुरक्षा दीवार बना रहा है, तो नेपाल के नागरिक भड़क रहे हैं.
काली नदी के किनारे नेपाल की तरफ पड़े मलबे को हटाने के लिए बार-बार आग्रह किया गया, जिसे अब तक नेपाली प्रशासन नहीं हटा पाया है. नेपाली नागरिकों का विरोध अब हिंसक घटनाओं में बदल गया है. यहां काम कर रहे मजदूरों पर नेपालियों द्वारा पथराव किया गया, जिससे मजदूर चोटिल हुए हैं. विरोध यही शांत न होकर सीमा पर बने अंतर्राष्ट्रीय पुल को बंद करने के बाद यह और भड़क गया, जहां कई भारतीय फंस गए हैं. जबकि विरोध को शांत कराने के लिए नेपाल पुलिस द्वारा लाठीचार्ज भी किया गया, जिससे कई भारतीयों को चोट भी आई है.
नेपाल के दार्चुला के सीडीओ दीर्घराज भट्ट ने पत्थरबाजी की घटना को निंदनीय बताते हुए कहा कि इस संबंध में जांच की जाएगी और काली नदी से दोनों देशों को खतरा न हो, इसके लिए बातचीत से इस समस्या का हल निकाला जाएगा. वहीं धारचूला के एसडीएम देवेश शासनी ने कहा कि नेपाल प्रशासन से पहले ही इन मुद्दों पर बात की जा चुकी है और उनकी सारी शंका को दूर किया जा चुका है.
नेपाल में भारतीयों के चोटिल होने के बाद धारचूला के व्यापारी भी भड़क गए और उन्होंने भी अंतर्राष्ट्रीय झूलापुल को 3 घंटों तक बंद कर दिया. प्रशासन के समझाने पर फिर से इस पुल को खोला गया. धारचूला के व्यापारियों ने नेपाल प्रशासन को तीन दिन का अल्टीमेटम दिया गया है. धारचूला व्यापार संघ के अध्यक्ष भूपेंद्र थापा ने कहा कि अगर तीन दिन के भीतर पथराव करने वाले लोगों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो वह फिर से उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य रहेंगे.
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Tags: India-Nepal Border, Nepal Border, Pithoragarh newsFIRST PUBLISHED : December 06, 2022, 11:56 IST