AA नाम से टिकट अमित शाह से 10 मुलाकातें फिर से साहब की शरण में अजित दादा

विधानसभा चुनाव से महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल आने वाला है. अजित पवार ने खुद इस बात का खुलासा किया है कि उन्होंने क्यों और कैसे चाचा शरद पवार के खिलाफ बगावत की कहानी गढ़ी. ऐसे में उनके इस खुलासे के समय को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं.

AA नाम से टिकट अमित शाह से 10 मुलाकातें फिर से साहब की शरण में अजित दादा
महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल आने वाला है. विधानसभा चुनाव से ऐन पहले अजित पवार ने एनसीपी में बगावत के पूरे खेल का पोल खोल दिया है. अजित पवार (Ajit Pawar) खुद बताया है कि उन्होंने कैसे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) से छुप-छुपकर मुलाकात की. वह भेष बदलकर दिल्ली आते थे. इतना ही नहीं किसी को उनकी योजना की भनक न लाए इसलिए प्लेन टिकट भी कोड नेम में बुक करवाते थे. उनका कोड नेम था एए. ऐसे में अब सवाल उठ रहा है कि अजित पवार ने क्यों विधानसभा चुनाव से ऐन पहले यह खुलासा किया है. क्या वह अपनी पार्टी में मचे भगदड़ को थामने के लिए अपनी सफाई में ये बातें कहीं हैं? राजनीति के जानकार यह भी कह रहे हैं कि लोकसभा चुनाव के बाद लगातार कमजोर होते अजित पवार एक बार चाचा शरद पवार (Sharad Pawar) की शरण चाहने लगे हैं. अजित पवार ने खुलासा किया है कि अमित शाह के साथ उनकी करीब 10 बैठकें हुईं. एक साल पहले बीजेपी द्वारा चलाए गए ऑपरेशन कमल की कहानी खुद अजित पवार ने बताई है. एक साल पहले इसी महीने में राज्य में राजनीतिक भूचाल आया था. एकनाथ शिंदे के बाद अजित पवार भी महागठबंधन में शामिल हो गए थे. मास्क और टोपी में की अमित शाह से मुलाकात अजित पवार ने दिल्ली में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि उन्होंने इस बात का ख्याल रखा था कि उनकी राजनीतिक बगावत की खबर न फैले. उन्होंने दिल्ली में गुपचुप तरीके से अमित शाह से मुलाकात की. इसके लिए उसने अपना भेष बदल लिया था. अजित पवार टोपी और मास्क पहनकर अमित शाह से मिलने पहुंचते थे. साथ ही फ्लाइट का टिकट खरीदते समय अजित पवार के नाम की जगह ए.ए. नाम से पवार टिकट बुक कराते थे. इस अनौपचारिक बातचीत में अजित पवार ने कहा कि पार्टी के ज्यादातर विधायक बीजेपी के साथ जाना चाहते थे और इसीलिए उन्होंने ये फैसला लिया. अमित शाह से भेष बदलकर मिलने वाले अजित पवार अकेले नेता नहीं हैं. दो साल पहले एकनाथ शिंदे ने शिवसेना में बगावत कर दी थी. लेकिन उस बगावत से पहले एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फड़णवीस के बीच कई मुलाकातें हुईं. एकनाथ शिंदे ने बताया था कि इसके लिए उन्होंने भेष बदलकर फड़णवीस से मुलाकात की थी. दरअसल, शिंदे उस वक्त उद्धव ठाकरे की कैबिनेट में मंत्री थे. इसलिए वह खुलेआम फडनवीस से मिलने का जोखिम नहीं लेना चाहते थे. इसीलिए वे छुप छुप कर मिले थे. राज्य में दो बार राजनीतिक भूचाल आया. पहले एकनाथ शिंदे और फिर अजित पवार दो नेता एक साल के अंतराल के बाद महागठबंधन में शामिल हुए. लेकिन इस बात से कोई इनकार नहीं करेगा कि इस सियासी भूचाल के पीछे बड़ी राजनीति थी. Tags: Ajit Pawar, Amit shah, NCP chief Sharad PawarFIRST PUBLISHED : July 29, 2024, 11:12 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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