अनोखी भक्ति 40km में 4 शिवालयपूरी रात नंगे पैर परिक्रमा करते हैं शिवभक्त

Shiv Ki Anokhi Bhakti: इतिहासविद् राजकिशोर राजे बताते हैं कि ये परिक्रमा प्राचीन काल से लग रही है. औरंगजेब के समय परिक्रमा को बंद करा दिया गया था. वर्ष 1775 में मराठाओं का प्रभुत्व बढ़ने के बाद सल्तनत व मुगल काल में ध्वस्त किए गए 14 मंदिरों का जीर्णोद्धार कराया गया. तब से परिक्रमा जारी है.

अनोखी भक्ति 40km में 4 शिवालयपूरी रात नंगे पैर परिक्रमा करते हैं शिवभक्त
आगरा /हरिकांत शर्मा: सावन के दूसरे सोमवार आगरा की 18 कोस की ऐतिहासिक परिक्रमा में सैकड़ों की तादाद में भोले भक्त पहुंचे. सड़कों पर बस बम-बम भोले और हर- हर महादेव के जयघोष सुनाई दे रहे . शिव भक्ति में लीन श्रद्धालु शिवालयों में जलाभिषेक करने के लिए पहुंचे. हाथ में लोटा, पैरों पर घुंघरू, कमर में बंधी घंटियां की छन-छन की आवाज हर ओर सुनाई दे रही है. बल्केश्वर मेले से पूर्व परिक्रमा का शुभारंभ रविवार शाम 6:00 बजे शुरू हो गया. सूरज की तपिश कम होने पर शिव भक्तों की संख्या परिक्रमा मार्ग पर दिखने लगी. रात 9:00 बजे के बाद सड़कों पर परिक्रमार्थियों की भीड़ दिखाई दी. इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था के भी पुख़्ता इंतज़ाम किए गए. शिव भक्तों के उत्साह को और बढ़ाने के लिए शहर के प्रमुख शिवालयों के बाहर रात भर जलपान की व्यवस्था की गई . 18 कोस की होती है परिक्रमा आगरा की ऐतिहासिक परिक्रमा की परंपरा सैकड़ों सालों से चली आ रही है. शहर के चारों कोने पर स्थित भगवान महादेव के मंदिर मौजूद हैं. कैलाश महादेव, बल्केश्वर, राजेश्वर, पृथ्वीनाथ के दर्शन करते हुए भक्त लगभग 40 किलोमीटर की परिक्रमा करते हैं. ये परिक्रमा अनोखी है. पूरी रात परिक्रमा मार्ग पर बम-बम भोले का जय घोष करते हुए भक्ति में लीन युवाओं के जत्थे गुजरते हैं. शहर की सड़कों पर सैकड़ों की तादाद में रातभर भक्ति में झूमते भक्त नजर आते हैं. शिव मंदिरों की इस तरह की परिक्रमा उत्तर भारत में किसी अन्य शहर में दिखाई और लगाई नहीं जाती है. इतिहास के पन्नों में दर्ज है परिक्रमा का जिक्र! इतिहासकारों के मध्य काल, मराठा काल और ब्रिटिश काल में परिक्रमा की शुरुआत को लेकर अलग-अलग दावे हैं. डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के अध्यक्ष प्रो. सुगम आनंद बताते हैं कि शहर के प्राचीन शिवालय, राजपूत काल के हैं. हर मंदिर का गौरवमयी इतिहास है. मुगल शहंशाह अकबर के समय राजा मानसिंह ने शिव मंदिरों को आश्रय दिया था. राजनीतिक कारणों से मंदिर तोड़े गए, लेकिन परिक्रमा जारी रही. मराठाओं ने फिर शुरू कराई परिक्रमा इतिहासविद् राजकिशोर राजे बताते हैं कि ये परिक्रमा प्राचीन काल से लग रही है. औरंगजेब के समय परिक्रमा को बंद करा दिया गया था. वर्ष 1775 में मराठाओं का प्रभुत्व बढ़ने के बाद सल्तनत व मुगल काल में ध्वस्त किए गए 14 मंदिरों का जीर्णोद्धार कराया गया. तब से परिक्रमा जारी है. Tags: Agra news, Local18, Sawan Month, Sawan somvarFIRST PUBLISHED : July 29, 2024, 11:09 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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