गोरखपुर का अनोखा प्रत्याशी मार्केटिंग की डिग्री शमशान में बनाया ऑफिस

Gorakhpur News: गोरखपुर लोकसभा सीट से इस बार एक अनोखा प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरने जा रहा है. उनका नाम है राजन यादव उर्फ अर्थी बाबा. उन्होंने शमशान घाट में ही अपना कार्यालय बना लिया है.

गोरखपुर का अनोखा प्रत्याशी मार्केटिंग की डिग्री शमशान में बनाया ऑफिस
गोरखपुर. उत्तर प्रदेश के गोरखपुर लोकसभा सीट से इस बार एक अनोखा प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरने जा रहा है. नामांकन से पहले ही उसने अपना चुनाव कार्यालय राप्ती नदी तट पर शमशान घाट पर खोल दिया है. राजन यादव उर्फ अर्थी बाबा के नाम से यह शख्स पिछले दो दशक से गोरखपुर से लेकर दिल्ली और कई अन्य क्षेत्रों में भी अपनी पहचान, संघर्षों और आंदोलन से बनाता रहा है. एमबीए इंटरनेशनल मार्केटिंग की डिग्री लेने के बाद भी किसी नौकरी से ना जुड़कर, सामाजिक परिवर्तन करने के उद्देश्य से लगातार राजनीतिक मंच का सहारा लेकर आंदोलन करने वाला यह अर्थी बाबा अभी तक कई चुनाव भी लड़ चुका है, लेकिन उसे किसी चुनाव में सफलता नहीं मिली है. राजन यादव उर्फ अर्थी बाबा का कहना है कि शमशान घाट ही उसका कार्यालय होगा. यहां आने वाले लोगों से एक-एक रुपये सहयोग लेकर ही वह अपने चुनाव का खर्च चलाएगा. जो आत्माएं होगी वही उसकी एजेंट होंगी. गोरखपुर की धरती पर कोई बाहरी और नाचने गाने वाले लोग चुनाव लड़कर जीते यह गोरखपुर के लिए ठीक नहीं है. यहां उस व्यक्ति को चुनाव लड़ना चाहिए, जीतना चाहिए जो यहां की समस्याओं के बारे में जानता हो. मुझे भले भी अभी तक गोरखपुर की जनता ने जीत नहीं दिलाया लेकिन, शमशान घाट से मैंने कई आंदोलन किया. इसका नतीजा है कि गोरखपुर में एम्स बना, फर्टिलाइजर का खाद कारखाना खुला, राप्ती नदी तट पर बढ़िया घाट बना, अन्य कई काम उनके आंदोलन की देन है. अर्थी बाबा का बड़ा बयान राजन यादव कहते हैं कि मौजूदा समय में लोकतंत्र की हत्या हो रही है. लोकतंत्र की अर्थी निकल रही है. ऐसे में अगर वह शमशान घाट पर लोकसभा का कार्यालय खोलते हैं और अर्थी पर बैठकर अपना नामांकन करने जाते है तो, इसमें कुछ भी गलत नहीं है क्योंकि जब लोकतंत्र का जनाजा निकल रहा है तो संसद में पहुंचने वाले लोग भी, इस जनाजे पर सवार होकर नामांकन करें इसमें क्या बुराई है. मैंने इसलिए आज तक शादी ब्याह नहीं किया क्योंकि, देश ही राजनीति और लोकतंत्र को बचाने के लिए जैसे तमाम नेता बिना शादी विवाह के जुटे हैं, वैसे मैं भी जुटा हूं. ये भी पढ़ें:  ‘अंकल, आपने मेरे मम्मी-पापा को देखा’… नींद खुली तो सहम गए 3 मासूम, रेलवे स्टेशन पर अकेला छोड़ गए माता-पिता अर्थी बाबा का कहना है कि मैं भगवान बुद्ध की शरण में भी जा चुका हूं. भंते की मैंने दीक्षा ले रखी है. इस देश का तभी कल्याण होगा जब सभी लोग बुद्ध के शरण में आ जाएं. अखिलेश, राहुल गांधी और तेजस्वी यादव तब तक अपनी राजनीति में सफल नहीं हो पाएंगे जब तक वह बुद्ध की शरण में नहीं आएंगे. बुद्ध की शरण में आने के बाद ही वह कोई परिवर्तन लाने में सफल हो पाएंगे. उनका कहना है कि वे दिल्ली से भी चुनाव लड़ेंगे और हर हाल में जीत कर दिखाएंगे. Tags: Gorakhpur news, Loksabha Election 2024, UP newsFIRST PUBLISHED : May 12, 2024, 12:56 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed