वैज्ञानिक विधि से करें औषधीय और सुगंधित पौधों के खेती अच्छी होगी कमाई
वैज्ञानिक विधि से करें औषधीय और सुगंधित पौधों के खेती अच्छी होगी कमाई
केन्द्र प्रमुख डॉ. सिंह ने एरोमा मिशन परियोजना तथा सिडबी सह-परियोजना के मुख्य उद्देश्यों पर चर्चा करते हुए बताया कि किसानों को औषधीय एवं सगंधित पौधों की खेती के प्रति जागरूक करना तथा उनकी आय में वृद्धि करना है. साथ ही कौशल विकास के माध्यम से आय में बढ़ोत्तरी के अवसर प्रदान करना है औषधीय और सुगंधित पौधों से किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं.
प्रयागराज. भारतीय वावानिकी अनुसंधान शिक्षा परिषद एवं पारिस्थितिक पुर्नस्थापन केन्द्र प्रयागराज तथा सीएसआईआर-सीमैप लखनऊ के संयुक्त तत्वाधान में सीएसआईआर-एरोमा मिशन परियोजना तथा सिडबी सह-परियोजना के अन्तर्गत आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण औषधीय एवं सुगंधित पौधे के विषय पर एक दिवसीय कौशल-सह-तकनीकी प्रशिक्षण दिया गया.
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन केन्द्र की अनुसंधान पौधशाला पडिला में हुआ. जिसमें बतौर मुख्य अतिथि नवाबार्ड केअसिस्टेंट जनरल मैनेजर अनिल कुमार शर्मा, सीमैप के प्रधान वैज्ञानिक एवं केन्द्र प्रमुख डॉ. संजय सिंह सहित अन्य मौजूद रहे.
कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को खेती से जुड़ी दी जानकारी
केन्द्र प्रमुख डॉ. सिंह ने एरोमा मिशन परियोजना तथा सिडबी सह-परियोजना के मुख्य उद्देश्यों पर चर्चा करते हुए बताया कि किसानों को औषधीय एवं सगंधित पौधों की खेती के प्रति जागरूक करना तथा उनकी आय में वृद्धि करना है. साथ ही कौशल विकास के माध्यम से आय में बढ़ोत्तरी के अवसर प्रदान करना है. मुख्य अतिथि अनिल कुमार शर्मा ने कहा कि औषधीय और सुगंधित पौधों की मूल्य श्रृंखला के हर चरण का समर्थन करने वाला एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र बनाना आवश्यक है, जो व्यक्तियों और संस्थाओं की सहभागिता से संभव होगा. वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक डॉ. संजय कुमार ने सुगंधित घासों के उत्पादन की उन्नत कृषि क्रियाओं पर विस्तृत चर्चा करते हुए बताया कि भारत में एरोमा मिशन के अंतर्गत 36 हजार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल में सुगंधित फसलों की खेती को बढ़ावा दिया गया है.
किसानों को औषधीय पौधों की खेती की गई जानकारी
सीमैप के डॉ. रमेश कुमार श्रीवास्तव ने गुलाब, जिरेनियम तथा कैमोमिल की उत्पादन की उन्नत कृषि क्रियाओं पर तथा केन्द्र की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अनुभा श्रीवास्तव ने कृषकों की आर्थिक समृद्धि के लिए सदाबहार की खेती विषय पर जानकारी साझा की. सीमैप के राम प्रवेश यादव ने कालमेघ एवं सतावर के उत्पादन की उन्नत कृषि पद्धति के विषय में जानकारी दी. वहीं डॉ. अनीता तोमर ने कृषकों की आर्थिक समुद्धि के लिए चंदन को लगाने तथा उससे होने वाले लाभ पर व्याख्यान दिया. डॉ. रमेश कुमार श्रीवास्तव ने फूलों से अगरबत्ती बनाने के विषय में जानकारी देते हुए महिला प्रतिभागियों को अगरबत्ती बनाने के लिए प्रशिक्षित किया. इस दौरान शामिल किसानों और प्रतिभागियों को पौधशाला का भ्रमण वैज्ञानिक आलोक यादव के द्वारा कराया गया, जिसमें विभिन्न औषधीय पौधों की व्यावहारिक जानकारी दी गई.
Tags: Agriculture, Local18, Prayagraj News, UP newsFIRST PUBLISHED : August 25, 2024, 15:38 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed