लाखों के पैकेज वाली नौकरी छोड़ बना किसान शुरू की यह खेती आज बंपर हो रही कमाई
लाखों के पैकेज वाली नौकरी छोड़ बना किसान शुरू की यह खेती आज बंपर हो रही कमाई
प्रगतिशील किसान आनंद मिश्रा ने बताया कि उन्होंने वर्ष 2002 में मेरठ की शोभित यूनिवर्सिटी से बीबीए की डिग्री हासिल की. उसके बाद उनका चयन फर्नीचर की एक मल्टीनेशनल कंपनी में बतौर मैनेजर के पद पर हो गया.
रिपोर्ट सौरभ वर्मा/रायबरेली: कहते हैं जहां चाह होती है वहां राह होती है. यह पंक्तियां रायबरेली के रहने वाले आनंद मिश्र पर बिल्कुल सटीक बैठती हैं. क्योंकि उन्होंने अपनी मेहनत व लगन से इन पंक्तियों को सच साबित कर दिखाया है. दरअसल रायबरेली के डीह थाना क्षेत्र के अंतर्गत कचनावां गांव के रहने वाले आनंद मिश्रा ने अपनी सालाना लाखों के पैकेज वाली नौकरी छोड़कर बागवानी की खेती के जरिए यूपी ही नहीं बल्कि देश में अपनी एक अलग पहचान स्थापित की है.
आनंद मिश्रा के मुताबिक वह बिहार एक मल्टीनेशनल कंपनी में बतौर मैनेजर कार्यरत थे. लेकिन उनका मन वहां नहीं लग रहा था. जिसकी वजह से उन्होंने नौकरी छोड़ दी और वापस अपने घर आ गए. यहां पर उन्होंने अपनी पुश्तैनी जमीन पर परंपरागत फसलों धान गेहूं की खेती शुरू कर दी. लेकिन इसमें भी उन्हें कुछ खास मुनाफा नहीं हो रहा था. तो उन्होंने रायबरेली के दरियापुर स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि वैज्ञानिकों से संपर्क किया, तो कृषि वैज्ञानिकों ने उन्हें बागवानी की खेती करने की सलाह दी. उन्हीं की सलाह मानकर उन्होंने अपनी 3 एकड़ जमीन पर नींबू व अमरूद की खेती शुरू कर दी. जिससे वह सालाना लाखों रुपए की कमाई कर रहे हैं.
लाखों रुपए के पैकेज की छोड़ी नौकरी
प्रगतिशील किसान आनंद मिश्रा ने बताया कि उन्होंने वर्ष 2002 में मेरठ की शोभित यूनिवर्सिटी से बीबीए की डिग्री हासिल की. उसके बाद उनका चयन फर्नीचर की एक मल्टीनेशनल कंपनी में बतौर मैनेजर के पद पर हो गया. उन्होंने बिहार और पंजाब में नौकरी की वहां पर उन्हें सालाना 6 लाख रुपए का पैकेज मिल रहा था. लेकिन उसमें उनका मन नहीं लगा, तो उन्होंने वर्ष 2014 में नौकरी छोड़ दी.
नींबू के साथ कई अन्य फलों की करते हैं खेती
वह बताते हैं कि वह नींबू की फसल के साथ ही कई अन्य फलों आम, अमरूद ,आंवला, कटहल, अंजीर, स्टार फ्रूट, करौंदा ,अनार, मौसंबी, चीकू की खेती भी करते हैं. उनकी बागवानी में आपको इन फलों के पौधे आसानी से देखने को मिल जाएंगे. साथ ही वह बताते हैं कि नींबू की वह लगभग आधा दर्जन से अधिक प्रजातियों एनआरसी 8, कागजी, प्रमालिनी, साई सरबती, कागजी रसभरी, मैक्सिकन, बालाजी, कोलकत्ता पत्ती प्रजातियां शामिल हैं.
बीते 7 वर्षों से कर रहे खेती
आनंद मिश्रा के मुताबिक वह बीते 7 वर्षों से बागवानी की फसलों की खेती कर रहे हैं. वह बताते हैं कि नींबू की एक एकड़ फसल को तैयार करने में 40 से 50 हजार रुपए का खर्चा आता है. तो वहीं सालाना लाखों रुपए की कमाई भी हो जाती है.
लेमन मैन के नाम से मिली प्रसिद्धि
लोकल-18 से बात करते हुए रायबरेली के प्रगतिशील किसान आनंद मिश्रा बताते हैं कि अब उन्हें लोग आनंद मिश्रा नहीं बल्कि लेमन मैन के नाम से जानते हैं. आगे की जानकारी देते हुए बताते हैं की शुरुआत में उनके लिए यह काम बेहद कठिन था. लेकिन उन्होंने अपनी मेहनत के बल पर इसे आसान बना दिया. साथ ही वह कहते हैं कि अब वह स्वयं के मालिक हैं. उन्हें अब किसी के अंडर में काम नहीं करना पड़ता और नौकरी से ज्यादा मुनाफा भी कमा रहे हैं .
Tags: Hindi news, Local18, Success StoryFIRST PUBLISHED : June 26, 2024, 10:53 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed