हाइट से ज्यादा डिग्री है इस तीन फिट के आदमी के पास हौसला देख हो जाएंगे दंग

Prayagraj News: सोनू पटेल का सपना है कि वे प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त कर जनसेवा में अपना योगदान दें. हाल ही में वे एसएससी सीजीएल परीक्षा में शामिल हुए हैं और इसके अलावा, वे टीजीटी और पीजीटी परीक्षाओं की भी तैयारी कर रहे हैं. उनका कहना है कि अगर वे सफल होते हैं, तो वे दिव्यांग लोगों की मदद करने के साथ-साथ जनसेवा में अपना समय समर्पित करेंगे, ताकि सभी को समान अवसर मिल सके.

हाइट से ज्यादा डिग्री है इस तीन फिट के आदमी के पास हौसला देख हो जाएंगे दंग
रजनीश यादव/ प्रयागराज: अगर आपके पास प्रतिभा और हौसला है, तो आपको आगे बढ़ने से कोई रोक नहीं सकता. यह बात प्रयागराज के काशीपुर गांव के 30 वर्षीय सोनू पटेल पर पूरी तरह से लागू होती है, जिनकी लंबाई मात्र 3 फीट है. उनके संघर्षों से भरी यह कहानी समाज के सामने एक मिसाल पेश करती है. सोनू पटेल प्रयागराज के सबसे छोटे व्यक्तियों में से एक हैं, लेकिन उनकी योग्यता उन्हें समाज में विशेष स्थान दिलाती है. उन्होंने स्नातक और परास्नातक की पढ़ाई पूरी की है और दो विषयों में एमए की डिग्री प्राप्त की है. इसके साथ ही, उन्होंने बीएड की पढ़ाई भी की है और यूपी टेट (UPTET) और सीटेट (CTET) परीक्षाएं भी पास की हैं. उनकी शिक्षा की पूरी यात्रा प्रयागराज के राम एस पीजी कॉलेज, नवाबगंज से हुई. सोनू का कहना है कि शिक्षा उनके लिए सबसे महत्वपूर्ण है और उन्होंने इसे अपने जीवन का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य बनाया है. जनसेवा का सपना सोनू पटेल का सपना है कि वे प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त कर जनसेवा में अपना योगदान दें. हाल ही में वे एसएससी सीजीएल परीक्षा में शामिल हुए हैं और इसके अलावा, वे टीजीटी और पीजीटी परीक्षाओं की भी तैयारी कर रहे हैं. उनका कहना है कि अगर वे सफल होते हैं, तो वे दिव्यांग लोगों की मदद करने के साथ-साथ जनसेवा में अपना समय समर्पित करेंगे, ताकि सभी को समान अवसर मिल सके. लोगों के ताने और परिवार का साथ सोनू पटेल को उनकी लंबाई को लेकर अक्सर लोगों से ताने सुनने पड़ते हैं. कुछ लोग मजाक में कहते हैं कि 3 फीट का आदमी क्या कर सकता है. लेकिन यह ताने उनके हौसलों को और बढ़ाते हैं, और वे खुद को साबित करने के लिए और मेहनत करते हैं. सोनू अपने घर में चार भाइयों में सबसे छोटे हैं, और परिवार का उन्हें पूरा समर्थन मिलता है. उनके तीन भाई मजदूरी करते हैं, और उनके पिता खेती-किसानी का काम संभालते हैं. सोनू अपने गांव के बच्चों को बिना किसी शुल्क के कंप्यूटर सिखाते हैं, और उनकी शिक्षा में भी पूरा सहयोग मिलता है. सरकार की मदद सोनू को दिव्यांग सर्टिफिकेट मिला हुआ है, जिसके तहत उन्हें प्रतिमाह ₹1000 की पेंशन मिलती है. हाल ही में, मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रयागराज द्वारा उन्हें एक और सर्टिफिकेट प्रदान किया गया, जिसके तहत उन्हें परीक्षाओं में 20 मिनट का अतिरिक्त समय मिलेगा. सोनू का मानना है कि यह अतिरिक्त समय उनकी परीक्षा की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. Tags: Local18, Prayagraj NewsFIRST PUBLISHED : September 22, 2024, 16:55 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed