राम मंदिर में लगा जादुई ताला खुलता है तीन चाबियों से जानें इसकी खासियत

Magic Lock of Aligarh: अलीगढ़ का जादुई ताला दुनियाभर में मशहूर है. यहां का बना ताला आज अयोध्या के राम मंदिर में भी लगा हुआ है. इस ताले की खायितय यह है कि इसे तीन चाबियों से ही खोला जा सकता है.

राम मंदिर में लगा जादुई ताला खुलता है तीन चाबियों से जानें इसकी खासियत
अलीगढ़: चोरों को याद आती है खाला, जब दरवाजे पर लगा हो अलीगढ़ का जादुई ताला. अलीगढ़ के जादुई ताले को देखकर ये कहावत बिल्कुल सटीक साबित होती है. यूं तो अलीगढ़ का ताला और तालीम दुनिया भर में विख्यात है. अलीगढ़ में 300 ग्राम से लेकर 400 किलो तक के ताले तैयार किए जाते हैं. इस जिले ने विश्व भर को कई ऐसे ताले भी दिए हैं, जो आज अयोध्या राम मंदिर समेत कई स्थानों पर धरोहर बने हुए हैं. ऐसे ही एक अलीगढ़ के ताले की कहानी आज हम आपको बताने जा रहे हैं, जिसको जादुई ताला कहा जाता है. यह ताला अलीगढ़ के जावेद नाम के कारीगर ने तैयार किया है. इसे जादुई ताला कहने की वजह यह है कि इसमें चाबी लगाने की जगह नहीं होती है, लेकिन फिर भी यह ताला 3 चाबियों से खुलता है. इस ताले की बनावट मुगल शासन काल के दौरान की है. देखने में यह ताला बड़ा अनोखा लगता है, लेकिन इस ताले को खोलने की ट्रेनिंग लिए बिना इस ताले को खोल पाना नामुमकिन है. आप इस ताले को नहीं पाएंगे खोल जानकारी देते हुए अलीगढ़ सहायक आयुक्त उद्योग राजमन शर्मा बताते हैं कि अलीगढ़ ताले के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है. अलीगढ़ में ताले से जुड़े लोग अपने-अपने तरीके से कुछ ना कुछ इनोवेशन करते रहते हैं. यहां एक कारीगर हैं मोहम्मद जावेद, जिन्होंने एक ताला बनाया है. इसे आप देखेंगे तो उसमें बाहर से चाबी लगाने के लिए कोई जगह दिखाई नहीं देगी. इस ताले की खासियत है कि जब तक आपको वह ताला खोलने की तरकीब खुद नहीं बताएंगे. तब तक आप इस ताले को नहीं खोल पाएंगे. इसलिए इस ताले को हम जादुई ताले के नाम से बुलाते हैं. कुछ गिने-चुने ही कारीगर अलीगढ़ में मौजूद हैं, जो इस तरह के यूनिक ताले बना सकते हैं. इस ताले की है तीन चाबियां राजमन शर्मा बताया कि यह एक प्रकार का इनोवेशन है. अब इस ताले को बिक्री के लिए भी मार्केट में उतारा गया है, जो लोग इस ताले को खरीदने के शौकीन है वह खरीद रहे हैं. इस ताले में तीन चाबियां एक-एक करके क्रम से लगती हैं. तब जाकर यह ताला ऑपरेट होता है. इस ताले का मॉडल मुगल डिजाइन का है. आज के डिजिटल तालों के ज़माने में तो यह अलीगढ़ की पुरानी तकनीक का डिजिटल ताला है. इसे कोई भी चोर या आम आदमी बिना जानकारी के नहीं खोल सकता है. ब्रास का बना है ताला यह ताला ब्रास का बना हुआ है, जिसमें थोड़ा सा आयरन का भी काम किया गया है. इसका वजन करीब 800 से 900 ग्राम का है. इसको बनाने में करीब 1000 रुपये की लागत आई है. इसके बाद अलग-अलग तरीके से होते हुए यह बाजार में 2000 से 2500 रुपये तक की कीमत में मिलता है. इस ताले को बनाने में करीब डेढ़ महीने का समय लगा है. अब तक कुछ ही ताले तैयार किए गए हैं. लेकिन मार्केट की डिमांड के आधार पर या स्पेशल ऑर्डर पर यह ताले बल्क में तैयार किए जाएंगे. Tags: Aligarh news, Local18, Lock DownFIRST PUBLISHED : September 2, 2024, 15:18 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed