वीर शहीद अमर रहें देशभक्‍तों ने मनाया क्रांति दिवस पहुंचे काली पलटन मंदिर

UP News : मेरठ में शुक्रवार को देशभक्‍तों ने वीर शहीदों को याद करते हुए क्रांति दिवस मनाया. वे काली पलटन मंदिर में उस कुंए पर भी गए जहां बाबा शिवचरण दास स्‍वतंत्रता सेनानियों को पानी पिलाया करते थे. आजादी के पहले आंदोलन की शुरुआत मेरठ से हुई थी जो फिर पूरे देश में फैल गई थी.

वीर शहीद अमर रहें देशभक्‍तों ने मनाया क्रांति दिवस पहुंचे काली पलटन मंदिर
मेरठ . 10 मई 1857 के क्रांतिवीरों को याद कर हर साल इस तारीख को क्रांति दिवस मनाया जाता है. शुक्रवार 10 मई 2024 के दिन मेरठ के लोगों ने क्रांति के उदगम् स्थल पर इतनी फूल वर्षा की; कि स्मारक फूलों से ढक गया. लोगों ने वीर शहीद अमर रहे के नारे लगाए. शीश नवां कर शहीदों को नमन किया. सभी ने हस्ताक्षर अभियान के जरिए भी अपनी भावनाओं का इजहार किया. देशभक्तों ने एक सुर में कहा कि वीर शहीदों को नमन कर गर्व की अनुभूति होती है कि उन्होंने देश की आजादी के लिए हंसते-हंसते अपने प्राणों की आहूति दी थी. मेरठ में आज भी क्रांतिवीरों की गाथाएं और उनकी अनसुनी कहानियां सुनने को मिल जाएंगी. यहां आज भी क्रांति का उदगम स्थल मौजूद है साथ ही मौजूद है वो कुआ जहां क्रांतिवीर पानी पिया करते थे. शहीदों की याद में क्रांति नगरी मेरठ में अमर जवान ज्योति भी हमेशा जलती रहती है. 10 मई 1857 को क्रान्ति की जो ज्वाला मेरठ से फूटी थी वो अंग्रेज़ों को भगाकर देश को आज़ाद करने का सबब बनी. मेरठ में क्रान्ति के उदगम स्थल पहुंचने पर रग-रग में उस वक्त अंग्रेज़ों के खिलाफ हुई बगावत का अहसास होता है. काली पलटन मंदिर में भी लगते रहे नारे, यहां है वो कुआं जिससे… मेरठ कैंट इलाके में स्थित काली पलटन मंदिर में आज भी वो कुआं मौजूद हैं जहां बाबा शिवचरण दास स्वतन्त्रता संग्राम सेनानियों को पानी पिलाया करते थे. 10 मई 1857 को ही मेरठ से आजादी के पहले आंदोलन की शुरूआत हुई थी, जो बाद में पूरे देश में फैल गई.  85 सैनिकों के विद्रोह से जो चिंगारी निकली वह धीरे-धीरे ज्वाला बन गई. इतिहासकार 10 मई 1857 को याद कर बताते हैं कि नाना साहब, अजीमुल्ला, रानी झांसी, तांत्या टोपे, कुंवर जगजीत सिंह, मौलवी अहमद उल्ला शाह और बहादुर शाह जफर जैसे नेता क्रांति की भूमिका तैयार करने में अपने-अपने स्तर से लगे थे. दूर-दूर से आए लोगों का तांता लगा रहा गाय और मांस की चर्बी लगा कारतूस चलाने से मना करने पर 85 सैनिकों ने विद्रोह किया किया था. उनके कोर्ट मार्शल के बाद क्रांतिकारियों ने उग्र रूप अख्तियार किया था. इतिहासकार बताते हैं कि10 मई की शाम 6.30 बजे सिपाहियों ने 85 सैनिकों को विक्टोरिया पार्क जेल से मुक्त करा लिया. देखते ही देखते फिरंगियों के खिलाफ विद्रोह के सुर तेजी से मुखर हुए. तीनों रेजीमेंटों के सिपाही विभिन्न टोलियों में बंटकर दिल्ली कूच कर गए. 11 मई को मेरठ की देसी पलटनें साज सज्जा और जोश के साथ यमुना पुल पार करती देखी गईं. क्रान्ति के उद्गम स्थल पर आज भी दूर-दूर से आए लोगों का तांता लगा रहता है. सभी एक सुर में बस यही नारा बुलंद करते हैं वीर शहीद अमर रहें. Tags: 1857 Kranti, Hindi news, Hindi news india, Meerut Amar Jawan Jyoti, Meerut news, Meerut news today, Shaheed Divas, UP news, Up news india, Up news today, UP news updatesFIRST PUBLISHED : May 10, 2024, 22:41 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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