कौन थीं पद्मजा नायडू क्या उनसे वाकई शादी करना चाहते थे जवाहर लाल नेहरू

Who was Padmaja Naidu: एक दौर था जब पद्मजा नेहरू के काफी करीब थीं. हो सकता था कि वह उनसे शादी भी कर लेते. लेकिन नेहरू की बहन विजय लक्ष्मी पंडित ने पुपुल जयकर को बताया था कि वह अपनी बेटी इंदिरा को दुखी नहीं करना चाहते थे इसलिए उन्होंने पद्मजा से शादी नहीं की.

कौन थीं पद्मजा नायडू क्या उनसे वाकई शादी करना चाहते थे जवाहर लाल नेहरू
हाइलाइट्स PMML ने देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की वो चिट्ठियां वापस मांगी हैं, जो सोनिया के पास हैं इनमें वे चिट्ठियां भी शामिल हैं जिनको नेहरू ने एडविना, पद्मजा नायडू और अन्य प्रमुख हस्तियों को लिखी थीं  पद्मजा नायडू हर साल नवंबर के पहले हफ्ते में हैदराबाद से जवाहरलाल नेहरू के आवास पर आ जाती थीं Who was Padmaja Naidu: प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय (PMML) ने देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की वो चिट्ठियां वापस मांगी हैं, जो सोनिया गांधी के पास हैं. पीएमएमएल के सदस्य और इतिहासकार रिजवान कादरी ने इन चिट्ठियों की वापसी के लिए लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को पत्र लिखा है. कादरी ने इन दस्तावेजों को ‘भारतीय इतिहास का महत्वपूर्ण हिस्सा’ बताते हुए इन्हें संग्रहालय को लौटाने की अपील की है. यह पत्र उन 51 डिब्बों से संबंधित है, जिनमें नेहरू की चिट्ठियां और अन्य दस्तावेज कथित तौर पर 2008 में सोनिया गांधी के निर्देश पर संग्रहालय से ले जाए गए थे. इनमें वे चिट्ठियां भी शामिल हैं जिनको नेहरू ने लेडी एडविना माउंटबेटन, जयप्रकाश नारायण, पद्मजा नायडू और अन्य प्रमुख हस्तियों को लिखी थीं.  पंडित जवाहरलाल नेहरू के देश का प्रथम प्रधानमंत्री बनने के बाद एक दौर था जब प्रधानमंत्री हाउस की कहानियां राजनयिक सर्कल में काफी रस लेकर सुनी और सुनाई जाती थीं. जवाहर लाल नेहरू की तमाम प्रेम कथाएं चर्चा का विषय थीं. उनके जीवन में एक नहीं कई महिलाएं थीं. महिलाओं में नेहरू को लेकर गजब का क्रेज था. वो उनकी ओर खींची चली आती थीं. उस समय की शिक्षित और अभिजात्य महिलाओं में नेहरू का जबर्दस्त क्रेज था. यही कारण भी है कि उनके जीवन में कई प्रेम कथाएं हैं. उनके जीवन में कई नायिकाएं थीं जो उन पर अधिकार जताती रहीं और उनके करीब रहीं. ये भी पढ़ें- वो निजाम जो फ्रेंच फैशन के थे दीवाने, उनके इस्तेमाल मोजे बेचकर करोड़पति बन गया नौकर  नेहरू और पद्मजा नायडू के रिश्ते पद्मजा देश की स्वर कोकिला कही जाने वाली सरोजिनी नायडू की बड़ी बेटी थीं. पद्मजा पहले हैदराबाद के नवाब सालार जंग के प्यार में दीवानी हुईं. फिर वह जवाहर लाल नेहरू के करीब आ गईं. नेहरू के निजी सचिव एमओ मथाई अपनी किताब ‘माई डेज विद नेहरू’ में लिखते हैं, “साल 1946 जब मैं उनसे इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में मिला, तब वह नेहरू के घर को संभालने में लगी हुई थीं. फिर दिल्ली में उन्होंने यही किया. वह हमेशा नेहरू के बगल के कमरे में रहने पर जोर देती थीं. हर साल नवंबर के पहले हफ्ते में वह हमेशा हैदराबाद से नेहरू के आवास पर आ जाती थीं. ताकि नेहरू (14 नवंबर), इंदिरा (19 नवंबर) और अपना (17 नवंबर) जन्मदिन साथ मना सकें. इंदिरा को उनका आना अच्छा नहीं लगता था. न ही उनका वहां लंबा ठहरना. ये वो समय भी था, जब नेहरू की करीबी लेडी माउंटबेटन से भी बनी हुई थी.” जवाहरलाला नेहरू और उनकी पत्नी कमला नेहरू. एडविना से करीबी नहीं लगी अच्छी 1947 के जाड़ों में जवाहर लाल नेहरू को लखनऊ जाना था. सरोजिनी नायडू उत्तर प्रदेश की राज्यपाल थीं. खबरें फैलने लगीं कि नेहरू जी पद्मजा नायडू को शादी के लिए प्रपोज करेंगे. नेहरू लखनऊ आए, लेकिन लेडी माउंटबेटन के साथ. ये बात वहां पहले से मौजूद पद्मजा नायडू को अच्छी नहीं लगी. एक साल बाद जब उन्होंने नेहरू के बेडरूम में एडविना माउंटबेटन के दो फोटो लगे देखे तो वह खासी नाराज और आहत हुईं कि वहां उनकी कोई फोटो क्यों नहीं है. पद्मजा नायडू ने तुरंत नेहरू के बेडरूम में अपनी एक छोटी सी फोटो लगा दी. ये भी पढ़ें- 106 यात्रियों को ले जा रही ट्रेन टनल में घुसते ही हो गई गायब, किसी तरह बचे 2 पैसेंजर, आज तक बनी हुई है मिस्ट्री क्या वह नेहरू से शादी करना चाहती थीं साल 1948 में पद्मजा नायडू हैदराबाद से सांसद चुनी गईं तो वह दिल्ली में प्रधानमंत्री हाउस में ठहरीं. वो भी नेहरू के बगल के कमरे में. बाद में उन्हें किसी तरह से वहां से भेजा गया. मथाई का मानना था कि वह नेहरू से शादी करना चाहती थीं, लेकिन जब उन्हें लगा कि नेहरू के जीवन में केवल वही नहीं बल्कि कई महिलाएं हैं तो वह काफी उदास भी हुईं. हालांकि बाद में पद्मजा नायडू को पश्चिम बंगाल का राज्यपाल बनाया गया. उन्होंने राज्यपाल बनकर खुद को इस पद के लायक भी साबित किया. हालांकि कहा जाता है कि अगर इंदिरा गांधी बीच में नहीं होतीं तो नेहरू उनसे शादी कर सकते थे. यह बात खुद नेहरू की बहन विजयलक्ष्मी पंडित ने इंदिरा की करीबी दोस्त पुपुल जयकर को बताई थी. पुपुल जयकर एक सांस्कृतिक कार्यकर्ता और लेखिका थीं. नेहरू ने क्यों नहीं की शादी पुपुल जयकर ने अपनी किताब में लिखा, “आधी सदी बाद मैंने विजयलक्ष्मी पंडित से नेहरू और पद्मजा नायडू के संबंधों के बारे में पूछा. उनका जवाब था, ‘तुम्हें क्या पता नहीं पुपुल कि वे वर्षों तक साथ रहे?’ यह पूछने पर कि उन्होंने पद्मजा से शादी क्यों नहीं की, उन्होंने जवाब दिया, ‘उन्हें लगा कि इंदु ( इंदिरा गांधी) पहले ही बहुत सदमा झेल चुकी है, वे उसे और चोट नहीं पहुंचाना चाहते थे.” ये भी पढ़ें- Explainer: क्या होता है मोस्ट फेवर्ड नेशन, स्विट्जरलैंड ने भारत का यह दर्जा क्यों वापस लिया जब पद्मजा को गुस्सा आया नेहरू के महिलाओं के प्रति अनुराग को लेकर भी काफी कुछ लिखा और कहा गया. प्रधानमंत्री हाउस के चीफ सिक्योरिटी अफसर केएफ रुस्तम जी ने अपनी किताब में लिखा कि नेहरू को महिलाओं का साथ यकीनन भाता था. लेकिन आमतौर पर वो महिलाएं प्रखर और मेघा वाली थीं. ‘इंडियन समरः द सीक्रेट हिस्ट्री ऑन एंड ऑफ एन एम्पायर’ के लेखक अलेक्स वॉन टेजमन ने कुछ साल पहले एक इंटरव्यू में कहा था, “एक बार पद्मजा ने गुस्से में एडविना की तस्वीर फेंक दी थी.” कैसे थे एडविना से रिश्ते इसमें कोई शक नहीं कि नेहरू और लेडी एडविना माउंटबेटन को एक दूसरे का साथ अच्छा लगता था. हां, इन रिश्तों को कहां तक आगे ले जाकर देखा जाए, उसे लेकर जरूर भ्रम हैं. नेहरू और एडविना के बीच जो एक आत्मीयता पनपी, वो तब तक कायम रही, जब तक एडविना जिंदा रहीं. पीएम हाउस के चीफ सिक्योरिटी अफसर  केएफ रुस्तमजी की डायरी के संपादित अंश किताब के रूप में प्रकाशित हुए. उसमें उन्होंने भी एडविना और नेहरू के संबंधों पर चर्चा करते हुए लिखा, “दोनों अभिजात्य थे. दोनों की रुचियां परिष्कृत थीं. दोनों एक दूसरे को काफी पसंद करते थे.” ये भी पढ़ें- Explainer: अब तक 4 जजों के खिलाफ लाया जा चुका है महाभियोग, जानें क्या रहा उसका रिजल्ट नेहरू और लेडी एडविना माउंटबेटन को एक दूसरे का साथ अच्छा लगता था. किताब के उस हिस्से को रोक दिया एम. ओ. मथाई ने जब ‘रिमिनिसेंस ऑफ नेहरू ऑफ द नेहरू एज’  लिखी तो उसमें उन्होंने एक अध्याय खासतौर पर नेहरू के जीवन में आई महिलाओं पर लिखा था. बाद ये अध्याय उन्होंने खुद ही प्रकाशित होने से रोक दिया. इस अध्याय की जगह प्रकाशक ने एक टिप्पणी लिखी कि चूंकि ये अध्याय लेखक का नितांत व्यक्तिगत अनुभव था और इसे उन्होंने बिना किसी विरोधके डीएच लारेंस शैली में लिखा था, जिसे लेखक ने खुद ही आखिरी समय में प्रकाशन से रोक लिया. क्या थी दिनेश नंदिनी की कहानी ऐसी ही एक कहानी देश के शीर्ष उद्योगपति रहे रामकृष्ण डालमिया की पत्नी दिनेश नंदिनी की भी थी. दिनेश नंदिनी  राजस्थान की उभरती हुई कवियित्री थीं. तब तक उनकी डालमिया से शादी नहीं हुई थी. वह नेहरू के प्यार में पागल थीं. हालांकि ये एकतरफा प्यार था. उन्हें पता चला कि नेहरू वर्धा में गांधी आश्रम आए हुए हैं. वह उनसे मिलने अकेली ही नागपुर से वर्धा पहुंच गईं. उन्होंने सीधे-सीधे नेहरू से प्यार का इजहार कर डाला. वह अपना घर तक छोड़ने को तैयार थीं. उन्होंने नेहरू से अनुरोध किया कि वह उनके साथ रहकर काम करना चाहती हैं. लेकिन नेहरू तैयार नहीं हुए. ये लिखने का तात्पर्य केवल इतना है कि बताया जा सके कि उस समय शिक्षित और अभिजात्य महिलाओं में नेहरू का किस कदर क्रेज था. ये भी पढ़ें– कौन हैं वो माइंड गुरु जिन्होंने डी गुकेश को बना दिया वर्ल्ड चेस चैंपियन, भारत के साथ पहले भी कर चुके हैं काम मृदुला साराभाई से नजदीकी मृदुला साराभाई गुजरात के प्रसिद्ध उद्योगपति और धनाढ्य साराभाई परिवार की बेटी थीं. वह कांग्रेस की समर्पित कार्यकर्ता थीं. वह नेहरू के बहुत करीब थीं. हालांकि 1946 तक नेहरू के साथ उनके रिश्ते लगभग खत्म हो गए थे. एम. ओ. मथाई ने अपनी किताब ‘रिमिनिसेंस ऑफ द नेहरू एज’ में उन्हें अजीबोगरीब महिला बताया. बाद में वह कश्मीर में शेख अब्दुल्ला के साथ काम करने लगीं. उन्हें कथित देशविरोधी गतिविधियों के लिए गिरफ्तार करके जेल में भी डाला गया. Tags: Jawaharlal Nehru, Pandit Jawaharlal Nehru, Prime Minister of India, Prime Ministers MuseumFIRST PUBLISHED : December 17, 2024, 12:47 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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