Explainer : क्यों हो रहे वक्फ संपत्ति दावों पर विवाद क्या है ये और कैसे चलते हैं इसके बोर्ड

वक्फ संपत्तियों संबंधी दावों को लेकर देश में तकरीबन हर राज्य में ही विवाद की स्थिति है. माना जा रहा है कि वक्फ बोर्ड गलत तरीकों से कई जगहों को अपनी संपत्ति पर दावा जता चुके हैं जबकि रिकॉर्ड और ऐतिहासिक साक्ष्य इस पर खरे नहीं उतरते. वक्फ को लेकर बने कुछ कानून भी अब सवालिया घेरे में हैं. जानते हैं इसके बारे में सबकुछ

Explainer : क्यों हो रहे वक्फ संपत्ति दावों पर विवाद क्या है ये और कैसे चलते हैं इसके बोर्ड
हाइलाइट्सवक्फ मतलब वो संपत्ति जिसको इस्लाम मानने वाला कोई शख्स दान में देता हैवक्फ की संपत्ति का संचालन करने के लिए जिला से लेकर राज्य स्तर तक बोर्डकेंद्र सरकार द्वारा बनाया गया एक काउंसिल राज्य वक्फ बोर्डों के साथ तालमेल करता है हाल के कुछ महीनों में वक्फ बोर्ड की संपत्ति के दावों को लेकर कई विवाद हुए हैं. अब कई राज्यों में वक्फ बोर्डों पर ये आरोप भी लगा है कि वो गलत तरीके से सरकार या अन्य संपत्तियों पर अपना दावा जता रहे हैं. जो कतई ठीक नहीं. ऐसे ही कई मामलों की सुनवाई अदालत में भी हो रही है. जानते हैं कि वक्फ बोर्ड क्या होते हैं. इनका काम क्या है और इन्हें कब, कैसे स्थापित किया गया. इनको कौन लोग चलाते हैं. दो दिन पहले ही इलाहाबाद हाई कोर्ट ने वक्फ कानून के तहत वक्फ बोर्ड को किसी भी संपत्ति को वक्फ घोषित करने की शक्ति की संवैधानिकता की चुनौती याचिका पर भारत के एटार्नी जनरल व प्रदेश के महाधिवक्ता व वक्फ बोर्ड को नोटिस जारी की है. इसकी सुनवाई 15 दिसंबर को होनी है. तेलंगाना में भी एक मस्जिद की प्रापर्टी को लेकर ऐसा ही विवाद सामने आय़ा है. तमिलनाडु में वहां के राज्य वक्फ बोर्ड ने एक पूरे गांव पर ही अपना मालिकाना हक जता दिया है. जबकि इस कावेरी नदी के किनारे स्थित तिरुचिरापल्ल जिले के तिरुचेंथराई गांव में 1500 साल पुराना सुंदेश्वर मंदिर भी . गांव के लोग हैरान हैं कि वक्फ कैसे उनके गांव पर इस तरह का दावा जता सकता है. उत्तर प्रदेश में भी जब वक्फ बोर्ड ने बड़े पैमाने पर संपत्तियों पर दावा जताया तो सनसनी फैल गई. इसके बाद तुरंत बाद उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एक आदेश जारी करके कहा कि वक्फ की सभी संपत्तियों की जांच होगी. इस सर्वे को एक महीने में पूरा करने के लिए कहा गया था, जो अवधि पूरी हो गई है. माना जा रहा है कि इससे संबंधित रिपोर्ट अब यूपी सरकार को मिलने वाली होगी. योगी सरकार ने नए सर्वे का आदेश जारी करने के साथ वक्फ बोर्ड से जुड़ा 33 साल पुराना आदेश भी रद्द कर दिया. दरअसल 1989 को तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने एक आदेश जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि यदि बंजर, भीटा, ऊसर आदि भूमि का इस्तेमाल वक्फ के रूप में किया जा रहा हो तो उसे वक्फ संपत्ति के रूप में ही दर्ज कर दिया जाए. फिर उसका सीमांकन किया जाए. इस आदेश के चलते प्रदेश में लाखों हेक्टेयर बंजर, भीटा, ऊसर भूमि वक्फ संपत्ति के रूप में दर्ज कर ली गईं. सवाल – क्या होता है वक्फ? – वक्फ उस चल या अचल संपत्ति संपत्ति को कहते हैं, जिसको इस्लाम को मानने वाला कोई भी शख्स दान कर देता है. इस संपत्ति को अल्लाह का माना जाता है, ये संपत्ति वक्फ बोर्डों के तहत आती है. कोई भी मुस्लिम व्यक्ति जो 18 साल से अधिक उम्र का है, अपने नाम की किसी संपत्ति को वक्फ कर सकता है, जिस पर उसके परिवार और किसी अन्य शख्स का दावा नहीं माना जाता. वक्फ अरबी भाषा का शब्द है जिसका अर्थ होता है अल्लाह के नाम पर धर्मार्थ कार्यों के लिए सुपुर्द की गई संपत्ति. इस्लाम में हमेशा से आमदनी और संपत्ति का एक हिस्सा गरीब-निर्धन एवं मानवता के कामों के लिए देने का रिवाज रहा है. जैसे जकात. यूपी में वक्फ बोर्ड ने जिन संपत्तियों पर दावा किया है, उन पर एतराज उठा तो राज्य की सरकार ने इस पर एक सर्वे राज्य सरकार से करने के लिए कहा है. (फाइल फोटो) सवाल – वक्फ बोर्ड कैसे बनते हैं और किस तरह काम करते हैं? – वक्फ की संपत्ति का संचालन करने के लिए वक्फ बोर्ड जिला स्तर से लेकर राज्य स्तर तक बनाए गए हैं. केवल यही नहीं तकरीबन हर राज्य में शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड हैं. ये उन संपत्तियों का रखरखाव करते हैं और उससे होने वाली आय का इस्तेमाल करते हैं. देशभर में बने कब्रिस्तान वक्फ भूमि का हिस्सा होते हैं, इनका रखरखाव और आय पर नियंत्रण वक्फ बोर्ड ही करते हैं. केंद्र सरकार ने राज्यों के वक्फ बोर्डों के साथ तालमेल और दिशानिर्देश के लिए सेंट्रल वक्फ काउंसिल बनाया हुआ है. कहा जा सकता है कि वक्फ के अंतर्गत दान दी गयी सम्पति के अधिग्रहण, प्रबंधन, नियमन एवं उपयोग के लिए सरकार द्वारा गठित किए गए बोर्ड को ही वक्फ बोर्ड कहा जाता है. फिलहाल पूरे देश में 30 वक़्फ़ बोर्ड संचालित हो रहे है जिसके जरिए तमाम तरह के वक़्फ़ कार्यो का प्रबंधन किया जा रहा है. सवाल – क्या है वक्फ संबंधी कानून, ये कब बना और क्या कहता है? – देश की आजादी के बाद 1954 वक्फ की संपत्ति और उसके रखरखाव के लिए वक्फ एक्ट -1954 बनाया गया. 1995 में इसमें बदलाव हुआ. फिर 2013 में भी एक्ट में कुछ और संशोधन हुआ. ये कहता है हर राज्य वक्फ बोर्ड एक सर्वे कमिश्नर की नियुक्ति करेगा, जो राज्य में वक्फ की सभी संपत्तियों का लेखा-जोखा रखेगा. उसे दर्ज करेगा. विवादों का निपटारा भी ये कमिश्नर ही करता है. सवाल – केंद्रीय वक्फ परिषद क्या करता है? – केन्द्रीय वक्फ परिषद की स्थापना वक्फ बोर्ड के कामकाज से सम्बन्धित मुद्दों और देश में वक्फ के समुचित प्रशासन संबंधी मुद्दों पर परामर्श देने के लिए स्थायी संस्था के तौर पर की गई. केन्द्र सरकार ने इसकी स्थापना दिसम्बर, 1964 में वक्फ अधिनियम 1995 के तहत की. इसके प्रभारी केन्द्रीय मन्त्री होते हैं तो इसमें 20 अन्य सदस्य होते हैं. सवाल – देश में वक्फ बोर्ड की शुरुआत आजादी के बाद क्यों हुई? – भारत में वक्फ बोर्ड की शुरुआत देश के बंटवारे के बाद मानी जाती है. तब देश से लाखों लोग पाकिस्तान जाकर बस गए. इस दौरान अधिकतर लोग अपनी अचल संपत्ति देश में छोड़कर गए, जिसमें घर एवं जमीन प्रमुख थी. सरकार ने इन जमीनों और संपत्तियों के नियमन के लिए वक्फ बोर्ड का गठन किया. वक्फ से संबंधित सभी तरह के कामों की जिम्मेदारी वक्फ बोर्ड को दी गई. सवाल – वक्फ में क्या क्या दान कर सकते हैं? इस्लाम के अंतर्गत कोई भी मुस्लिम व्यक्ति वक़्फ़ कर सकता है. इसके अंतर्गत मुस्लिम व्यक्ति ये संपत्तियां दान कर सकते हैं चल संपत्ति – धन, कंपनी के शेयर या इसी प्रकार की किसी चल संपत्ति अचल संपत्ति – अचल सम्पति जैसे की अपनी भूमि, घर, बिल्डिंग, जमीन या इसी प्रकार की संपत्ति अन्य – अन्य वस्तुओं को भी वक़्फ़ के तहत दान करने की सुविधा दी गई है.मसलन पुस्तकें दान दी जा सकती हैं. वाहन को सामाजिक कार्यों के उपयोग के लिए दान में दिया जा सकता है. सार्वजनिक भूमि पर चिकित्सालय, विद्यालय या अन्य उपयोगी भवनों का निर्माण किया जा सकता है. सवाल – उत्तर प्रदेश में कितने तरह के वक्फ बोर्ड चल रहे हैं? – उत्तर प्रदेश में शिया वक्फ बोर्ड और सुन्नी वक्फ बोर्ड दोनों हैं। शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन अली जैदी हैं। वहीं, सुन्नी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जफर अहमद फारुखी हैं। सुन्नी वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रो. सैय्यद शफीक अहमद अशरफी हैं। सवाल – वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति कौन करता है? – राज्य वक़्फ़ बोर्ड में भी राज्य सरकार द्वारा वक़्फ़ बोर्ड के अध्यक्ष का चयन किया जाता है. साथ ही राज्य की सुविधा के अनुसार विभिन सदस्यों का चयन भी किया जाता है. सवाल – देशमें वक्फ बोर्डों के पास कितनी संपत्ति है? – सच्चर समिति द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार वक्फ बोर्ड के पास वर्ष 2006 में 4.9 लाख पंजीकृत सम्पति एवं 6 लाख एकड़ भूमि का मालिकाना हक़ था. वर्ष 2020 में राष्ट्रीय वक्फ प्रबंधन तंत्र (WAMSI) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार वक्फ के पास 6,16,732 पंजीकृत संपत्तियां हैं. हर वर्ष हजारों व्यक्तियों द्वारा बोर्ड को वक्फ के रूप में संपत्ति की जाती है, जिससे इसकी संपत्ति में इजाफा होता रहता है. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी| Tags: Delhi Waqf Board, Donation, Muslim, Shia waqf board, UP Shia Waqf BoardFIRST PUBLISHED : October 19, 2022, 15:05 IST