दुनिया में रोज सबसे ज्यादा प्रार्थना इस मुस्लिम देश में जो कभी था हिंदू
दुनिया में रोज सबसे ज्यादा प्रार्थना इस मुस्लिम देश में जो कभी था हिंदू
हाल ही में धार्मिक सर्वेक्षण करने वाली संस्था प्यू रिसर्च सेंटर ने सर्वे में दो सवाल पूछे- कौन से देश के लोग सबसे ज्यादा धार्मिक हैं और किस देश में लोग रोज सबसे ज्यादा प्रार्थना करते हैं. जानते हैं क्या नतीजा निकला...
हाइलाइट्स मुस्लिम देशों में धार्मिकता और रोज प्रार्थना ज्यादा पाई गई ईसाई देशों में खासकर यूरोप के देशों में धार्मिकता और प्रार्थना कम है भारत सूची में टॉप टेन देशों में नहीं लेकिन प्रतिशत अच्छा-खासा
प्यू रिसर्च सेंटर दुनियाभर में धर्म केंद्रित सर्वेक्षण करने के लिए जाना जाता है. हाल ही में इसने एक सर्वे के जरिए ये जाना कि दुनिया के किस मुल्क में लोग रोज सबसे ज्यादा प्रार्थना करते हैं. इसमें सबसे ऊपर जो नाम आया वो एक मुस्लिम देश का था. ये एक ऐसा देश है, जो 11वीं सदी तक पूरी तरह हिंदू देश था. उसके बाद इस देश में इतनी तेज बदलाव आया कि एक सदी के भीतर-भीतर ये दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम देश बन गया. अगर आप ये सोच रहे होंगे कि इसमें हिंदुस्तान के लोगों ने भी पहले पांच में जगह बनाई होगी, तो आप गलत हैं.
प्यू रिसर्च सेंटर ने दुनिया भर दो सवाल पूछे. ये दो सवाल थे, “आपके जीवन में धर्म कितना महत्वपूर्ण है?” एक और सवाल जो बार-बार पूछा गया, वो ये कि “आप कितनी बार प्रार्थना करते हैं?”
ये सर्वे प्रोजेक्ट वर्ष 2008 में शुरू हुआ और 15 सालों तक चलकर 2023 में खत्म हुआ. इसमें दुनिया के 102 मुल्कों को शामिल किया गया. इसके सबसे ज़्यादा धार्मिक स्थान अफ़्रीका, लैटिन अमेरिका और मध्य पूर्व-उत्तरी अफ़्रीका क्षेत्र में हैं. सबसे कम धार्मिक स्थान यूरोप और पूर्वी एशिया में हैं.
सेनेगल, माली, तंजानिया, गिनी-बिसाऊ, रवांडा और जाम्बिया में कम से कम 90 फीसदी वयस्क ये कहते हैं कि धर्म का उनके जीवन में सबसे अहम स्थान है. सबसे कम धार्मिक लोग एस्तोनिया, चेक गणराज्य, डेनमार्क, स्विटजरलैंड, यूनाइटेड किंगडम, स्वीडन, लातविया और फिनलैंड में मिले.
वो देश जहां रोज सबसे ज्यादा प्रार्थना होती है
खैर अब हम बताते हैं दुनिया का वो कौन सा देश है, जहां लोग रोज सबसे ज्यादा प्रार्थना करते हैं. ये देश इंडोनेशिया है, जहां 98 फीसदी लोग रोज प्रार्थना करते हैं. प्यू की ताजातरीन रिपोर्ट यही कहती है. इंडोनेशिया में एक जमाने तमिल हिंदू राजाओं का राज था. दक्षिण भारत से लेकर लेकर इंडोनेशिया के बीच लगातार व्यापार होता था.
इस्लाम के आगमन से पहले इंडोनेशिया में हिंदू धर्म प्रमुख धर्म था. इंडोनेशिया में हिंदू धर्म पहली शताब्दी में भारतीय व्यापारियों, विद्वानों, पुजारियों और नाविकों के माध्यम से पहुंचा. इंडोनेशिया के मुस्लिम देश होने के बावजूद, उसका प्रांत बाली हिंदू बहुल इलाका है. यहां 86 फीसदी लोग हिंदू हैं और यही कारण है कि यहां के मंदिर भी यहां की खासियत हैं. यह देवताओं का द्वीप अपने खूबसूरत मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है. बाली में अकेले 20,000 से ज़्यादा मंदिर हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Canva)
7वीं से 16वीं शताब्दी के बीच हिंदू-बौद्ध साम्राज्यों ने उस क्षेत्र के अधिकांश भाग पर शासन किया, जो अब इंडोनेशिया है. हिंदू धर्म का शैव संप्रदाय 5वीं शताब्दी ईस्वी में जावा में विकसित होना शुरू हुआ. 5वीं से 13वीं शताब्दी के बीच, जावा, सुमात्रा और कालीमंतन में कई महत्वपूर्ण हिंदू साम्राज्य स्थापित हुए. द्वीपसमूह का अंतिम प्रमुख साम्राज्य मजापहित (1293-1500) में हिंदू, बौद्ध धर्म और जीववादी मान्यताओं का मिश्रण था.
हिंदू धर्म आज भी इंडोनेशिया के 06 आधिकारिक धर्मों में एक है. इंडोनेशिया 05 लाख से अधिक हिंदू निवासियों और नागरिकों वाले देशों में एक है, बाली में 87 फीसदी हिंदू हैं.
इस देश में आज भी हिंदू मंदिर हैं. दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम राष्ट्र होने के बाद भी इसने प्राचीन हिंदू सांस्कृतिक जड़ों से खुद को जोड़कर रखा है. राम कथा बहुत पॉपुलर है. अब जानते हैं कि ऐसी क्या वजह है कि इंडोनेशिया में लोग सबसे ज्यादा प्रार्थना करते हैं. इंडोनेशिया की उच्च दैनिक प्रार्थना दर में कई कारक योगदान करते हैं, लगभग 95% उत्तरदाताओं ने बताया कि वे हर दिन प्रार्थना करते हैं.
इंडोनेशिया में करीब 88 फीसदी आबादी इस्लाम का पालन करती है. ये आबादी दिन में पांच बार नमाज पढ़ती है. वहां से लोगों के जीवन में धर्म अहम भूमिका निभाता है. यहां रोजाना पांच बार की नमाज के लिए न केवल प्रोत्साहित किया जाता है बल्कि किसी की पहचान और सामाजिक जिम्मेदारियों के तौर पर भी इसकी काफी अपेक्षा की जाती है. भारत एशिया के सबसे ज्यादा धार्मिक देशों में है लेकिन रोजाना प्रार्थना करने वाले देशों की सूची में ये नीचे है. 60 फीसदी के साथ 41वें नंबर पर. (न्यूज18)
भारत किस नंबर पर रहा
भारत सबसे ज्यादा धार्मिक देशों के मामले में लिस्ट में 27वें नंबर पर रहा. करीब 75 फीसदी लोग यहां काफी धार्मिक हैं. 92% जैन शाकाहारी हैं और भारत के 67% जैन भी जड़ वाली सब्जियां खाने से परहेज़ करते हैं. लेकिन अगर रोजाना प्रार्थना करने की बात करें तो भारत का नंबर वहां 41वां है और 60 फीसदी लोग रोज प्रार्थना करते हैं.
अफगानिस्तान भी टॉप देशों में
अन्य सर्वे में बताया गया कि दुनिया में दैनिक प्रार्थना का प्रतिशत सबसे ज्यादा अफगानिस्तान में है. परप्लेक्सिटी एआई के अनुसार, यहां 96 फीसदी लोग प्रतिदिन प्रार्थना करते हैं. इसके बाद नाइजीरिया है, जहां 95% आबादी दैनिक प्रार्थना में संलग्न रहती है. महत्वपूर्ण दैनिक प्रार्थना दर वाले अन्य देशों में अल्जीरिया (88%), सेनेगल (88%), और जिबूती (87%) शामिल हैं.
लैटिन अमेरिकी दुनिया में सबसे ज़्यादा ऐसे लोग हैं, जो कहते हैं कि वे रोज़ाना प्रार्थना करते हैं. ग्वाटेमाला और पैराग्वे दोनों में 82% वयस्क ऐसा कहते हैं, जबकि कोस्टा रिका और होंडुरास में 78% वयस्क ऐसा कहते हैं. पूर्वी एशिया में सर्वेक्षण किए गए किसी भी स्थान पर 21% से अधिक वयस्कों ने यह नहीं कहा कि वे रोज प्रार्थना करते हैं. इसमें हांगकांग के 13% और जापान के 19% लोग शामिल हैं. वैसे शायद इस मामले में जापान की स्थिति दुनिया में सबसे कम है.
मुस्लिम अपने धर्म के प्रति ज्यादा प्रतिबद्ध
मोटे तौर पर अगर ये देखा जाए कि दुनिया के किन धर्मों में सबसे ज्यादा धार्मिक लोग रहते हैं. तो प्यू रिचर्स की स्टडी कहती है कि मुस्लिम धर्म के प्रति सबसे ज्यादा प्रतिबद्ध लगते हैं वो रोजाना की नमाज से सख्ती से जुड़े होते हैं. जबकि दुनियाभर के क्रिश्चियन धर्म को लेकर अलग अलग स्थिति में हैं. वो मुस्लिमों की तरह कट्टरता के साथ अपने धर्म का पालन नहीं करते. हिंदू भी धर्म के मामले में काफी धार्मिक देखे गए, खासकर वहां जहां हिंदुज्म है.
दुनिया की डेमोग्राफी क्या कहती है
दुनिया की डेमोग्राफी के लिहाज से भी जरा धार्मिकता को समझते हैं.
एशिया -पैसिफिक – इस क्षेत्र में हिंदूओं और बौद्ध तादाद 99 फीसदी है. मुस्लिम भी 62 फीसदी रहते हैं. ये एरिया भी काफी धार्मिक है. अलबत्ता चीन में ज्यादा धार्मिक लोग नहीं रहते. इसी वजह से एशिया में बहुत ज्यादा धार्मिकता वाली स्थिति कम हो जाती है.
यूरोप – इस क्षेत्र में क्रिश्चियन आबादी ज्यादा रहती है लेकिन व्यक्तिगत तौर पर वो धर्म से बहुत ज्यादा चिपके नहीं हैं.
मध्य पूर्व और उत्तर अफ्रीका – 90 फीसदी मुस्लिम आबादी वाला क्षेत्र, जहां क्रिश्चियन और यहूदी भी रहते हैं. मुस्लिम धार्मिकता काफी ज्यादा है. तो इजरायल में यहूदी भी खासे धार्मिक हैं.
अफ्रीका का बाकी हिस्सा – यहां 24 फीसदी क्रिश्चियन और बाकी मुस्लिम हैं. मिलीजुली धार्मिक भावना रहती है.
Tags: Hindu Temples, Islam religion, ReligionFIRST PUBLISHED : August 14, 2024, 06:31 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed