गायों के लिए मसीहा से कम नहीं है यह शख्स 12 सालों से कर रहा है पशुओं की सेवा

अखिलेश के पास जैसे ही किसी गाय के घायल होने की जानकारी मिलती है, तुरंत उसके इलाज के लिए पहंच जाते हैं. अब तक 1000 से अधिक गायों को अपने इलाज के जरिए ठीक कर चुके हैं. वहीं लगभग 2100 गायों का अंतिम संस्कार धार्मिक रीति-रिवाज के अनुसार संपन्न करा चुके हैं. अखिलेश ने गायों की रक्षा के लिए खुद को समर्पित कर दिया है.

गायों के लिए मसीहा से कम नहीं है यह शख्स 12 सालों से कर रहा है पशुओं की सेवा
इटावा. जो काम नि:स्वार्थ भाव से उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के वैदपुरा के रहने वाले अखिलेश तिवारी कर रहे हैं, वो कोई दूसरा नहीं सकता है. अखिलेश तिवारी ऐसा क्या कर रहे हैं जिनकी चर्चा करने के लिए लोग मजबूर हो रहे हैं. तो चलिए हम बताते हैं कि अखिलेश तिवारी ने अपनी छवि गाय प्रेमी के रूप में बना लिया है. इस छवि को बनाने के लिए अखिलेश ने बहुत पसीना बहाया है. 2012 में वैदपुरा में गौरी नाम की एक गाय सड़क हादसे में घायल हो गई थी. जिसे देखकर अखिलेश ने उसे ठीक करने का बीड़ा उठाते हुए अपने पैसे से इलाज करवाना शुरू कर दिया. गौरी के इलाज में करीब 7000 के आस-पास रुपए खर्च कर उसे बचा लिया. तब से इन नेक कार्य को अंजाम दे रहे हैं. एक हजार से अधिक गायों की बचा चुके हैं जान गौरी के ठीक होने के बाद अखिलेश ने इस बात का प्रण किया कि अब वह किसी भी गाय की दुर्दशा को बर्दाश्त नहीं करेंगे. अखिलेश के पास जैसे ही किसी गाय के घायल होने की जानकारी मिलती है, तुरंत उसके इलाज के लिए पहंच जाते हैं. इसके लिए अखिलेश ना तो किसी से चंदा लेते हैं और ना ही उनको कोई सरकारी मदद मिलती है. वहीं गाय की मौत हो जाने की सूचना मिलने के बाद अखिलेश धार्मिक रीति-रिवाज के साथ उसका अंतिम संस्कार भी करते हैं. साल 2012 से यह सिलसिला बदस्तूर जारी बना है और अब तक 1000 से अधिक गायों को अपने इलाज के जरिए ठीक कर चुके हैं. वहीं लगभग 2100 गायों का अंतिम संस्कार धार्मिक रीति-रिवाज के अनुसार संपन्न करा चुके हैं. अखिलेश ने गायों की रक्षा के लिए खुद को समर्पित कर दिया है. वैदापुर में गिफ्ट इंपोरियम चलाते हैं अखिलेश बता दें कि 43 वर्षीय अखिलेश तिवारी वैदपुरा में राम जी गिफ्ट इंपोरियम का संचालन करते हैं. अखिलेश ने लोकल 18 को बताया कि 2012 में बेकाबू ट्रक की टक्कर लगने से गौरी नाम की गाय मरणासन्न हो गई थी. 41 दिनों तक उपचार कराने के के बाद ठीक हो गई. तभी से यह सिलिसला चल पड़ा है. इसके लिए टीम भी गठित की है और सभी मिलकर काम करते हैं. रोजाना कम से कम क्षेत्र में घूमकर 10 से 12 गायों के उपचार का इंतजाम अखिलेश तिवारी खुद करते हैं. शिव मंदिर के पुजारी प्यारेलाल बताते हैं कि अखिलेश जैसा कोई दूसरा गाय सेवक नहीं हो सकता है. जैसे ही उसके संज्ञान में किसी गाय के घायल होने की या फिर मरने की जानकारी प्राप्त होता है, वह तुरंत मौके पर पहुंच कर गाय के इलाज या फिर  अंतिम संस्कार करवाते हैं. Tags: Etawah news, Local18, Uttarpradesh newsFIRST PUBLISHED : August 17, 2024, 17:06 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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