यूपी का यह शहर साहित्यकरों का रहा है गढ़ मिश्र बंधु ने दिया है अहम योगदान
यूपी का यह शहर साहित्यकरों का रहा है गढ़ मिश्र बंधु ने दिया है अहम योगदान
इतिहासकार डॉ. मनोज रस्तोगी ने बताया कि हिंदी साहित्य में मुरादाबाद का बहुत बड़ा योगदान रहा है. भारतेंदु काल में अगर हम जाते हैं तो साहित्यकारों का एक पूरा मंडल बना हुआ था. जिसमें पंडित ज्वाला प्रसाद मिश्र, पंडित बलदेव प्रसाद मिश्र और पंडित कन्हैयालाल मिश्र तीनों भाई थे और इन्हें मिश्र बंधु के नाम से जाना जाता था.
पीयूष शर्मा/मुरादाबाद. हिन्दी साहित्य के इतिहास में आधुनिक काल के प्रथम चरण को भारतेन्दु युग की संज्ञा प्रदान की गई है. भारतेन्दु हरिश्चन्द्र को हिन्दी साहित्य के आधुनिक युग का प्रतिनिधि माना जाता है. भारतेन्दु का व्यक्तित्व प्रभावशाली था और वे सम्पादक और संगठनकर्ता भी थे. उनके आस-पास तरुण और उत्साही साहित्यकारों की पूरी जमात तैयार हुई.
इतिहासकारों की माने तो हिंदी साहित्य में यूपी के मुरादाबाद के कई साहित्यकारों का अहम योगदान रहा है. साहित्य में पंडित बलदेव प्रसाद मिश्र, पंडित कन्हैयालाल मिश्र एवं पंडित ज्वाला प्रसाद मिश्र का अहम योगदान रहा है.
हिंदी साहित्य में मुरादाबाद का रहा है योगदान
इतिहासकार डॉ. मनोज रस्तोगी ने बताया कि हिंदी साहित्य में मुरादाबाद का बहुत बड़ा योगदान रहा है. भारतेंदु काल में अगर हम जाते हैं तो साहित्यकारों का एक पूरा मंडल बना हुआ था. जिसमें पंडित ज्वाला प्रसाद मिश्र, पंडित बलदेव प्रसाद मिश्र और पंडित कन्हैयालाल मिश्र तीनों भाई थे और इन्हें मिश्र बंधु के नाम से जाना जाता था. उन्होंने बताया कि ज्वाला प्रसाद मिश्र ने वाल्मीकि रामायण की टीका लिखी थी, जो आज भी सभी जगह प्रसिद्ध है. यह पुस्तक देस ही नहीं विदेश में भी प्रसिद्ध है.
प्रसिद्ध कवि थे पं. ज्वाला प्रसाद मिश्र
उन्नीसवीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में जिस समय भारतेंदु हरिश्चंद्र साहित्य रचकर हिंदी भाषियों का नेतृत्व कर रहे थे, उस समय मुरादाबाद के साहित्यकार भी उनके साथ कदम से कदम मिला रहे थे. इनमें एक उल्लेखनीय नाम है विद्यावारिधि पं. ज्वाला प्रसाद मिश्र का. उनकी तुलसीकृत रामायण की भाषा टीका पूरे देश में प्रसिद्ध है. उनको सुप्रसिद्ध नाटककार कवि, व्याख्याता, अनुवादक, संशोधक, धर्मोपदेशक, इतिहासकार के रूप में भी जाना जाता है.
Tags: Hindi Literature, Local18, Moradabad News, UP newsFIRST PUBLISHED : September 17, 2024, 21:39 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed