17 साल में 23 हजार करोड़ की वसूली मनी लॉन्ड्रिंग केस में ED ने आर्थिक अपराधियों पर इस तरह कसा शिकंजा

Enforcement Directorate: 2005 में धन शोधन रोकथाम कानून (PMLA) के आने के बाद से अब तक ईडी ने 992 केस की जांच की है और इन मामलों में चार्जशीट दाखिल की. वहीं कई मामलों में आरोपियों की संपत्ति बेचकर प्रवर्तन निदेशालय ने 23 हजार करोड़ रुपए पब्लिक सेक्टर बैंकों को लौटाए हैं. इसके अलावा फॉरेन एक्सचेंज एक्ट में ईडी ने अब तक 8 हजार कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं. 

17 साल में 23 हजार करोड़ की वसूली मनी लॉन्ड्रिंग केस में ED ने आर्थिक अपराधियों पर इस तरह कसा शिकंजा
हाइलाइट्स2005 में धन शोधन रोकथाम कानून के बाद से अब तक ईडी ने 992 केस में चार्जशीट दाखिल कीआरोपियों की संपत्ति बेचकर प्रवर्तन निदेशालय ने 23 हजार करोड़ रुपए बैंकों को लौटाएइनमें विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चौकसी जैसे आर्थिक भगौड़ों की प्रॉपर्टी भी शामिल नई दिल्ली: केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामलों की जांच पर तेजी से काम कर रही है. 2005 में धन शोधन रोकथाम कानून (PMLA) के आने के बाद से अब तक ईडी ने 992 केस की जांच कर चार्जशीट दाखिल की. वहीं फॉरेन एक्सचेंज एक्ट में ईडी ने अब तक 8 हजार कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं. इसके अलावा कई मामलों में आरोपियों की संपत्ति बेचकर प्रवर्तन निदेशालय ने 23 हजार करोड़ रुपए पब्लिक सेक्टर बैंकों को लौटाए हैं. टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी को मनी लॉन्ड्रिंग के अलावा 2018 में फेमा और आर्थिक गबन करके भागे अपराधियों की जांच का जिम्मा भी दिया गया. हालांकि मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत दर्ज किए गए ज्यादातर मामले पेंडिंग हैं. इस कानून के बनने के 17 साल बाद भी अब तक केवल 25 मामलों में लोगों को दोषी ठहराया गया है. दरअसल कई केस में आरोपी राजनीतिक प्रभाव और बड़े बिजनेसमैन होने के चलते बच निकलते हैं, वहीं कई कानूनी अड़चनों के कारण भी जांच में परेशानी आती है. 2005 से लेकर अब तक ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत 5400 मामले दर्ज किए. धन शोधन कानून को फ्रांस के फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की मनी लॉन्ड्रिंग मामलों से जुड़े जांच की तर्ज पर बनाया गया था. इसलिए ईडी के लिए यह टेस्टिंग टाइम है कि वह धन शोधन और आतंकवादियों को मिलने वाली फंडिंग से जुड़े मामलों की जांच की रफ्तार को लेकर एफएटीएफ को किस तरह संतुष्ठ करती है. साल 2010 में भारत ने एफएटीएफ जॉइन किया था. ईडी ने कई बड़े उद्योगपतियों की संपत्तियां बेची हालांकि ईडी के डायरेक्टर के निर्देश पर आरोपियों के खिलाफ शिकायत हो या चार्जशीट, सभी कामों को तेजी से अंजाम दिया गया है. प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने तय सीमा के अंदर जांच को पूरा किया है. सभी केसों के इन्वेस्टिगेशन के लिए एसओपी तैयार किया गया है. ईडी ने अब तक मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित मामलों में करीब 1700 प्रॉपर्टी को जब्त करन का आदेश दिया और इनमें से करीब 1 करोड़ की संपत्तियों को जब्त किया जा चुका है. इनमें विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चौकसी जैसे आरोपियों की प्रॉपर्टी शामिल है. ईडी ने दावा किया कि इन लोगों की करीब 19 हजार करोड़ की संपत्ति जब्त की गई है और इन्हें बेचकर पंद्रह हजार करोड़ जुटा गए हैं. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Enforcement directorate, Money Laundering CaseFIRST PUBLISHED : September 08, 2022, 08:43 IST