आपराधिक मामलों में जमानत प्रक्रिया को उदार बनाएगी कांग्रेस! अपने राज्यों में कानून लाने के दिए संकेत
आपराधिक मामलों में जमानत प्रक्रिया को उदार बनाएगी कांग्रेस! अपने राज्यों में कानून लाने के दिए संकेत
सुप्रीम कोर्ट की तरफ से सरकार को नया जमानत कानून बनाने पर विचार करने के सुझाव के बाद कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा है कि कांग्रेस शासित राज्य अपने यहां विधायिकाओं और संवैधानिक प्रावधानों के दायरे में रहते हुए कानून में ऐसे संशोधन पारित कर सकते हैं, जिनसे जमानत कानून को उदार बनाया जा सकेगा.
नई दिल्ली. आपराधिक मामलों में जमानत की व्यवस्था को सुचारू बनाने और अलग से जमानत कानून बनाने के सुप्रीम कोर्ट के सरकार को सुझाव का कांग्रेस पार्टी ने समर्थन किया है. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, कांग्रेस ने संकेत दिए हैं कि वह अपनी सरकार वाले राज्य जैसे राजस्थान और छत्तीसगढ़ में इस तरह के कानूनी संशोधन ला सकती है, जिनसे जमानत की शर्तों को उदार बनाया जा सके. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को अपने ऐतिहासिक फैसले में आपराधिक मामलों में जमानत की मुश्किलों का जिक्र करते हुए केंद्र सरकार को नया बेल एक्ट बनाने पर विचार करने का सुझाव दिया था.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि भारत की जेलें विचाराधीन कैदियों से भरी पड़ी हैं. कुल कैदियों में से दो-तिहाई विचाराधीन कैदी है. इनमें से बहुत से ऐसे हैं, जिनकी गिरफ्तारी की असल में जरूरत भी नहीं थी. इनकी जमानत के आवेदन भी कानूनी पचड़ों की वजह से लंबे समय तक लटके रहते हैं. कोर्ट का कहना था कि किसी कैदी का बरी होने से पहले लगातार हिरासत में रहना उसके प्रति ‘गंभीर अन्याय’ है. लोकतंत्र में ऐसी छवि नहीं बन सकती कि यहां पर पुलिस का राज चलता है. ऐसे में सरकार को जमानत प्रक्रिया को व्यवस्थित करने के लिए नया कानून बनाने पर विचार करना चाहिए. कोर्ट ने जमानत को लेकर कई दिशानिर्देश भी जारी किए हैं.
मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने आरोप लगाया कि भाजपा भय और नियंत्रण के जरिए शासन करने की कोशिश कर रही है, ऐसे में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियां एक ‘बहुत जरूरी मार्गदर्शन’ की तरह हैं. कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए सिंघवी ने कहा कि कांग्रेस शासित राज्य अपने यहां विधायिकाओं और संवैधानिक प्रावधानों के दायरे में रहते हुए कानून में ऐसे संशोधन पारित कर सकते हैं, जिनसे जमानत कानून को उदार बनाया जा सकेगा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी का इरादा है कि निकट भविष्य में कांग्रेस शासित राज्य संविधान के अनुसार उचित विधायी प्रक्रिया का पालन करते हुए ऐसे कानूनी संशोधन पारित कर सकती है, जिनसे सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस के पीछे की भावना को अमल में लाया जा सके.
एक्सप्रेस के मुताबिक, सिंघवी ने आरोप लगाते हुए कहा, ‘हमने देखा है कि पिछले 7 वर्षों में छोटी-मोटी वजहों पर भी राजद्रोह, यूएपीए जैसे अनुपयुक्त कानूनों के तहत गंभीर कार्रवाई कर दी जाती है. केंद्र और कई राज्यों की सरकारें इसमें सबसे ज्यादा चूक करती रही हैं. अक्सर वे कानूनी प्रावधानों को जानते हुए भी इस धारणा पर काम करती हैं कि कार्रवाई ही सजा है, जिसका परिणाम भयानक होता है. उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसे मामलों में अदालतों की ढिलाई या हिचकिचाहट से समस्या और बढ़ जाती है. सिंघवी ने सरकार पर न्यायपालिका को डराने, उसके कामकाज में दखल देने और उसके फैसलों को प्रभावित करने का भी गंभीर आरोप लगाया.’
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Tags: Abhishek Manu Singhvi, Congress, Supreme court of indiaFIRST PUBLISHED : July 13, 2022, 09:09 IST