Rajasthan: जयपुर से आई बड़ी खुशखबरी दुर्लभ प्रजाति की मादा हिरण ने दिया 2 बच्चों को जन्म

Jaipur News: राजस्थान के वन एवं पर्यावरण विभाग के जीव-जंतुओं की देखभाल के किए जा रहे बेहतर प्रयासों को लगातार सफलता मिल रही है. सिनेरियस प्रजाति के घायल गिद्ध को कन्याकुमारी से जोधपुर लाने की प्लानिंग अंतिम चरण में है. प्रवासी पक्षियों के जोधपुर-बीकानेर इलाकों में आने के मद्देनजर इस गिद्ध को जोधपुर के माचिया बायोलॉजिकल सफारी पार्क लाया जा रहा है. दूसरी ओर जयपुर से नाहरगढ़ मायोलॉजिकल पार्क में चौसिंगा हिरण का प्रजनन कराया गया है.

Rajasthan: जयपुर से आई बड़ी खुशखबरी दुर्लभ प्रजाति की मादा हिरण ने दिया 2 बच्चों को जन्म
हाइलाइट्सछत्तीसगढ़ से लाये गए थे लुप्तप्राय: चौसिंगा हिरणों के दो जोड़ेदूसरी मादा हिरण द्वारा भी जल्द ही बच्चों को जन्म देने के आसार जयपुर. राजधानी जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क (Nahargarh Biological Park) से एक गुड न्यूज सामने आई है. यहां छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जू (Bilaspur Zoo) से लाये गए दुर्लभ और लुप्तप्राय चौसिंगा हिरणों (Chausinga deer) में से एक मादा ने दो बच्चों को जन्म दिया है. राजस्थान (Rajasthan) में इस दुर्लभ हिरण की प्रजाति बिल्कुल लुप्त होने के कगार पर है. छत्तीसगढ़ से लाई मादा हिरण की कैप्टिव ब्रीडिंग कराई गई है. जंगलों को आबाद करने के लिए नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में इसके प्रजनन के प्रयास किये गए थे उसमें पहली सफलता मिल गई है. प्रदेश के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक अरिंदम तोमर के मुताबिक नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में चौसिंगा मादा हिरण ने दो बच्चों को जन्म दिया है. हाल ही में मादा हिरण ने जब दो बच्चों को जन्म दिया तो इस खबर से पूरे बायोलॉजिकल पार्क में खुशी की लहर दौड़ गई. राजस्थान में हिरणों की सभी प्रजातियों में से एकमात्र चौसिंगा ऐसी प्रजाति है जो प्रदेश में कभी भी लुप्त हो सकती है. World Heart Day 2022: आपके मुंह में नजर आएं ये संकेत तो जल्द आ सकता है हार्ट अटैक ! दूसरी मादा हिरण भी खुशखबरी देने को तैयार मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक के मुताबिक प्रदेश में दुर्लभ प्रजातियों के संरक्षण के मकसद से उनके प्रजनन के प्रयास किये जा रहे हैं. इसी दिशा में कदम बढ़ाने के लिए छत्तीसगढ़ से चौसिंगा के दो जोड़े लाये गए थे. इनमें से एक मादा ने दो बच्चों को जन्म दिया है, दोनों बच्चे पूरी तरह से स्वस्थ हैं. अच्छी बात ये है कि दूसरी मादा द्वारा भी जल्दी ही बच्चों के जन्म देने के आसार हैं. 2019 में सिर्फ 458 चौसिंगा हिरण बचे नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के रेंजर नितिन शर्मा ने बताया कि वन विभाग जीव-जंतुओं के संरक्षण के कई उपाय कर रहा है. इसी के तहत इन दुर्लभ हिरणों की संख्या बढ़ाकर इनके प्राकृतिक आवास में छोड़ा जाएगा ताकि इनके लुप्त होने की संभावना खत्म हो सके. प्रदेश में 2019 में हुई वन्यजीव गणना के मुताबिक प्रदेश के चार टाइगर रिजर्व के अतिरक्त चौसिंगा हिरणों की संख्या महज 458 ही बची है. लेकिन अब वन विभाग के प्रयासों से उम्मीद जताई जा रही है कि इस प्रजाति को बचा लिया जाएगा. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी| Tags: Forest department, Jaipur news, Wild lifeFIRST PUBLISHED : September 29, 2022, 17:12 IST