600 से अधिक भ्रष्ट अधिकारियों पर चल रहा है केस 171 मामले लंबित जानिए और क्या खुलासा हुआ है CVC की रिपोर्ट में

Central Vigilance Commission Annual Report: केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की सार्वजनिक ताजा वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार भ्रष्टाचार के आरोपी 600 से अधिक अधिकारियों से जुड़े कम से कम 171 मामले विभिन्न सरकारी विभागों से अभियोजन की मंजूरी के लिए लंबित हैं. इनमें से 325 अधिकारियों से जुड़े सबसे अधिक 65 मामले वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) के पास लंबित हैं.

600 से अधिक भ्रष्ट अधिकारियों पर चल रहा है केस 171 मामले लंबित जानिए और क्या खुलासा हुआ है CVC की रिपोर्ट में
हाइलाइट्स600 से अधिक 'भ्रष्ट' अधिकारियों पर चल रहा है केस. 171 मामले विभिन्न सरकारी विभागों से अभियोजन की मंजूरी के लिए लंबित हैं. इनमें से 325 अधिकारियों से जुड़े सबसे अधिक 65 मामले वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) के पास. नई दिल्ली. केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, भ्रष्टाचार के आरोपी 600 से अधिक अधिकारियों से जुड़े कम से कम 171 मामले विभिन्न सरकारी विभागों से अभियोजन की मंजूरी के लिए लंबित हैं. इनमें से 325 अधिकारियों से जुड़े सबसे अधिक 65 मामले वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) के पास लंबित हैं. इसके साथ ही 12 मामले सीमा शुल्क और केंद्रीय उत्पाद शुल्क के 67 अधिकारियों के खिलाफ, तथा 11 मामले रेल मंत्रालय के 30 अधिकारियों से जुड़े हैं. वहीं रक्षा मंत्रालय के 19 अधिकारियों से जुड़े आठ मामले भी लंबित हैं. PTI के अनुसार इन मामलों की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) कर रही है. सीवीसी की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक 2021 में उत्तर प्रदेश सरकार के पास 15 अधिकारियों पर मुकदमा चलाने की मंजूरी की मांग करने वाले आठ मामले लंबित थे और आठ अधिकारियों के खिलाफ छह मामले कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के पास लंबित थे, जो भ्रष्टाचार विरोधी मामलों के लिए नोडल अथॉरिटी है. सीवीसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि आठ अधिकारियों से जुड़े ऐसे पांच मामले जम्मू-कश्मीर सरकार के पास लंबित हैं और 36 अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मंजूरी मांगने वाले चार मामले दिल्ली सरकार के पास लंबित हैं. रिपोर्ट के अनुसार कोयला और खान मंत्रालय के पास 11 कथित भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी की मांग करने वाले चार मामले और शिक्षा मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के पास तीन-तीन मामले लंबित हैं. आयकर विभाग, आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय और श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने भी तीन-तीन मामले लंबित रखे हैं. रिपोर्ट में कहा गया है सीवीसी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत विभिन्न विभागों के पास अभियोजन की मंजूरी के लिए लंबित मामलों की प्रगति की समीक्षा करता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इनमें से 182 अधिकारियों से जुड़े सबसे अधिक 28 मामले वित्तीय सेवा विभाग के पास तीन महीने से अधिक समय से लंबित हैं. उत्तर प्रदेश सरकार के पास 10 अधिकारियों के खिलाफ छह मामले और 12 अधिकारियों से जुड़े पांच मामले रक्षा मंत्रालय के पास लंबित हैं. सीवीसी ने कहा कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 19 के तहत अभियोजन की मंजूरी देने का अनुरोध मिलने पर सभी संबंधित मंत्रालयों और विभागों को तेजी से निर्णय लेने की जरूरत है. इसमें कहा गया है कि संशोधित भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 में यह भी कहा गया है कि सरकार या किसी सक्षम अथॉरिटी को तीन महीने के भीतर अपना फैसला सुनाना चाहिए. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Corruption case, CVCFIRST PUBLISHED : August 26, 2022, 15:18 IST