कैसा है टाटा की फैक्ट्री में बना पहला C-295 एयरक्राफ्ट मजबूत हो जाएगी सेना
C-295 Aircraft Specialty : भारत को आज अपना पहला मिलिट्री एयरक्राफ्ट मिला, जिसमें ज्यादातर उपकरण भारतीय हैं. मेक इन इंडिया के तहत बनाए गए इस एयरक्राफ्ट की मदद से सेना जटिल से जटिल ऑपरेशंस को भी पूरा कर सकेगी.
मेड इन इंडिया हैं ज्यादातर पार्ट
इस एयरक्राफ्ट में एयरो इंजन को छोड़कर ज्यादातर पार्ट्स मेड इन इंडिया हैं. एयरक्राफ्ट में करीब 14 हजार पार्ट्स लगे हैं, जिसमें से 13,000 पार्ट्स इंडिया में ही बनाए गए हैं. जाहिर है कि यह एयरक्राफ्ट एक तरह से मेड इन इंडियन अधिक लग रहा है. वडोदरा स्थित प्लांट में जो टाटा और एयरबस की जुगलबंदी से बना है, यहां मिलिट्री उपकरण बनाए जाएंगे, ताकि भारत की आयात पर निर्भरता घटाई जा सके.
75 फीसदी मेक इन इंडिया
एयरबस ने पहले ही भारत में 37 लोकल सप्लायर खोज लिए हैं, जिसमें से 33 एसएमई हैं. ये सप्लायर्स एयरक्राफ्ट के कंपोनेंट बनाने का काम करेंगे. अनुमान है कि 14 हजार उपकरणों से में करीब 13 हजार उपकरण भरतीय उत्पादक ही प्रोड्यूस करेंगे. इसका मतलब है कि पहले जो लोकल कंटेंट 48 फीसदी होता था, वह अब बढ़कर 75 फीसदी हो गया है. इसका मकसद भारतीय कंपनियों को कारोबार दिलाने के साथ उनकी ग्लोबल हिस्सेदारी बढ़ाना भी है.
कितनी है C-295 की क्षमता
यह एयरक्राफ्ट जटिल माहौल में ऑपरेशन के लिहाज से बनाया गया है. 5 से 10 टन की क्षमता वाला यह ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट सैन्य टुकड़ी को ले जाने की क्षमता रखने के साथ कार्गो को भी पहुंचा सकता है. इस ज्वाइंट वेंचर से भारतीय एयरोस्पेस में नौकरियों के भी मौके आएंगे. एयरबस भी अपना मैन्युफैक्चरिंग इंडिया में शिफ्ट कर रही है. टाटा-एयरबस फैसिलिटी से 600 प्रत्यक्ष नौकरियां पैदा होंगी तो 3,000 नौकरियां अप्रत्यक्ष रूप से आएंगी.
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