टीचर DGP के बाद अब लेखक बने अभ्यानंद जानें उनको अभी भी किस बात का है मलाल
टीचर DGP के बाद अब लेखक बने अभ्यानंद जानें उनको अभी भी किस बात का है मलाल
Bihar News: पूर्व डीजीपी अभ्यानंद ने बताया कि कोरोना के दौरान 2 साल तक घर में रहने पर उनके मन में पुस्तक लिखने का ख्याल आया. उनके कुछ प्रसंशकों ने भी उन्हें किताब लिखने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने बताया कि पूरी किताब को उन्होंने कई चैप्टर में बांटा है.
पटना. बिहार के पूर्व पुलिस महानिदेशक (DGP) अभ्यानंद शिक्षक और पुलिस प्रमुख के बाद एक नई भूमिका में लोगों के बीच आए हैं. अभ्यानंद अब लेखक के तौर पर अपने प्रशंसकों के बीच सामने आए हैं. उन्होंने ‘अनबाउंड: माई एक्सपेरिमेंट विद लॉ, फिजिक्स, पुलिसिंग एंड सुपर 30’ नाम से किताब लिखी है. पाठक 5 अगस्त के बाद इस किताब को ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं. अभ्यानंद ने इसके साथ ही यह भी बताया कि उन्हें किस बात का अब तक मलाल है.
बिहार के तेजतर्रार पुलिस अधिकारी में शुमार पूर्व डीजीपी अभ्यानंद ने कई वर्षों तक बिहार पुलिस में सफलतापूर्वक कार्य किया. उन्होंने फेमस सुपर-30 जैसे शिक्षण संस्थानों को भी बखूबी चलाया. अब बिहार के पूर्व डीजीपी नई भूमिका में लोगों के सामने होंगे. पूर्व डीजीपी अभ्यानंद इन दिनों ‘अनबॉउंडेड अभयानंद: माई एक्सपेरिमेंट विद लॉ, फिजिक्स, पुलिसिंग एंड सुपर थर्टी’ नाम से किताब लिखी है. इस किताब का अंग्रेजी संस्करण तैयार हो चुका है. रूपा प्रकाशन की पुस्तक को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म अमेजन से पाठक 5 अगस्त के बाद से खरीद सकते हैं.
BPSC Paper Leak: फिल्मी है गिरफ्तार DSP रंजीत की कहानी, कई रिश्तेदारों ने पास की बीपीएससी सिविल सर्विसेज परीक्षा
एक बात का मलाल
पूर्व डीजीपी ने बताया कि कोरोना के दौरान 2 साल तक घर में रहने पर उनके मन में पुस्तक लिखने का ख्याल आया. उनके कुछ प्रसंशकों ने भी उन्हें किताब लिखने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने बताया कि पूरी किताब को उन्होंने कई चैप्टर में बांटा है. अभ्यानंद ने बताया कि उन्होंने सफलतापूर्वक पुलिस में काम किया, लेकिन अपने पुलिसिंग कॅरियर में सिर्फ एक चीज का मलाल रह गया. वह पुलिस डिपार्टमेंट में जांच के लिए साइंटिफिक टेंपरामेंट देखना चाहते थे, लेकिन उसका पर्याप्त तरीके से विकास नहीं हो सकेगा. उन्होंने कहा कि उनकी इच्छा थी कि छानबीन और अभियोजन की कार्रवाई वैज्ञानिक साक्ष्य के आधार पर हो. ऐसा सिस्टम बने कि अगर किसी केस में गवाह न भी हो तो साइंटिफिक एविडेंस के आधार पर गुनाहगार तक पहुंचा जा सके.
स्पीडी ट्रायल
पूर्व डीजीपी अभ्यानंद ने बताया कि वह जब ADG थे तो उन्होंने स्पीडी ट्रायल की शुरुआत की थी, क्योंकि उस समय क्राइम काफी बढ़ा हुआ था. क्राइम कंट्रोल के लिए स्पीडी ट्रायल जरूरी था. उन्होंने आगे बताया कि जब वह डीजीपी बने तब उन्हें एहसास हुआ कि स्पीडी ट्रायल कैसे संभव होगा जब जांच ही सही ढंग से नहीं होगी. इसके बाद उन्होंने प्रदेश के फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री यानी कि एफएसएल में साइंटिफिक इन्वेस्टिगेशन से जुड़े कई जरूरी उपकरण मंगाए गए. उन्होंने अपने डीजीपी के कार्यकाल के दौरान ही प्रदेश में मोबाइल टावर लोकेशन ट्रैक करने के लिए उपकरण इंस्टॉल कराया था.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी |
Tags: Bihar News, Bihar policeFIRST PUBLISHED : July 14, 2022, 10:12 IST