ये पाठशाला बिल्कुल अलग हैयहां होता है ब्रेनवॉश और उपेंद्र बन डाता है डेविड

इन दिनों धर्मांतरण का मामला काफी जोर-जोर से चल रहा है. बिहार के बक्सर में ईसाई पादरियों के हिंदू महिलाओं और पुरुषों को गंगा में डुबकी लगवाकर बपतिस्मा करने का मामला सामने आने के बाद हंगामा मचा हुआ है. इसी कड़ी में अब नया मामला पूर्वी चम्पारण जिले से सामने आया है जहां बड़े पैमाने पर हिंदू धर्मावलंबियों का धर्मांतरण करवाया गया है.

ये पाठशाला बिल्कुल अलग हैयहां होता है ब्रेनवॉश और उपेंद्र बन डाता है डेविड
हाइलाइट्स पूर्वी चम्पारण जिले में ईसाई मिशनरियों का नया खेल, प्रार्थना सभा की आड़ में धर्म परिवर्तन! मोतिहारी के पकड़ीदयाल अनुमंडल में ईसाई धर्म में जाने वालों की संख्या 500 के पार पहुंची. पकड़ीदयाल के सिरहा पंचायत के इटवा गांव में विशेष प्रार्थना के नाम पर होता है धर्म परिवर्तन. लालच देकर गरीबों, दलितों और शोषित वर्ग के लोगों के धर्मांतरण का लगाया जा रहा आरोप. अवनीश कुमार सिंह/मोतिहारी. पूर्वी चम्पारण जिले में ईसाई मिशनरियों का नया खेल सामने आया है. जिले के पकड़ीदयाल अनुमंडल में लगातार ईसाई धर्म में जाने वालों की संख्या बढ़ रही है. बताया जा रहा है कि लोगों को पहले विशेष प्रार्थना के नाम पर चर्च में बुलाया जाता है और लालच देकर गरीबों, दलितों और शोषित वर्ग के लोगों को हिंदुओं को क्रिश्चियन बना दिया जा रहा है. पकडीदयाल अनुमंडल के सिरहा पंचायत में धर्मांतरण की ‘पाठशाला’ चुपके-चुपके लगाई जा रही है. स्थानीय लोगों का आरोप है कि इस ‘पाठशाला’ में अनुमंडल के मधुबन, चैता, कटास, मझार, बहुआरा राजेपुर तेतरिया सहित दर्जनों गांव के दलित और कमजोर वर्ग के लोगों को टारगेट किया जा रहा है और उनका ब्रेनवॉश किया जाता है. हर रविवार विशेष प्रार्थना के नाम पर महिलाओं को बच्चों को टेंपो से बिठाकर चर्च लाया जा रहा है. गांव के युवक चंदन कुमार और धीरेन्द्र कुमार बताते हैं कि पहले ऐसा नहीं होता था, लेकिन इन दिनों इस तरह की गतिविधियां काफी बढ़ गई हैं. खास तौर पर ईसाई मिशनरी के गरीब दलित शोषित समाज के लोगों को लालच से देकर ग्रामीण परिवेश की दलित और पिछली समाज की महिलाओं को ही टारगेट करके बुलाते हैं. हालांकि, चर्च की ओर जातीं महिलाएं कुछ भी कहने से बच रही हैं और इस मामले पर कुछ नहीं बोल रही हैं. बताया जा रहा है कि क्षेत्र में धर्मांतरण की शुरुआत करने वाले स्थानीय व्यक्ति ही हैं. मिली जानकारी के अनुसार, गांव के ही उपेंद्र यादव जो पेशे से चिकित्सक थे, उन्होंने ही सबसे पहले ईसाई धर्म ग्रहण किया था. उन्होंने अपना नाम डेविड रख लिया था. इसके बाद अपने घर के बगल में ही दो कट्ठा जमीन भी चर्च के नाम रजिस्ट्री करवाई जिसमें वर्तमान में चर्च बना है. इसके बाद अपने बेटे आनंद और विजय को भी ईसाई धर्म में शामिल करवाया. अब तो केवल सिरहा पंचायत के तकरीबन 20 से 25 लोगों ने ईसाई धर्म ग्रहण कर लिया है. वहीं, अनुमंडल में धर्म परिवर्तन करने वालों की संख्या 500 से अधिक हो गई है. वहीं, सिरहा पंचायत के इटावा गांव के गणेश राम ने भी ईसाई धर्म अपना लिया था, लेकिन पिछले दिनों फिर उन्होंने ईसाई धर्म छोड़कर हिंदू धर्म अपना लिया. गणेश राम ने न्यूज 18 से बात करते हुए बताया कि वह फिर सनातन धर्म में लौट आए हैं. उन्होंने कहा, पहले हमने ईसाई धर्म में अपना धर्म परिवर्तन कर लिया था, लेकिन फिर बाद में अपने परिवार के कहने पर और अपनी इच्छा से हिंदू धर्म में लौट आए हैं. Tags: Bihar News, Champaran news, Christian conversion, Conversion Foreign Funding, East champaran, Forced ConversionFIRST PUBLISHED : November 18, 2024, 11:15 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed