जयपुर के सैंकड़ों डॉक्टर भविष्य में नहीं कर पाएंगे निजी प्रेक्टिस! जानें वजह

Jaipur News : जयपुर स्थित राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ एंड साइंस के सम्बद्ध कॉलेजों के डॉक्टर्स की निजी प्रेक्टिस पर जल्द ही बैन लागू हो जाएगा. आरयूएचएस की बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट की बैठक में इस फैसले पर मुहर लगा दी गई है. जानें क्या है पूरा मामला.

जयपुर के सैंकड़ों डॉक्टर भविष्य में नहीं कर पाएंगे निजी प्रेक्टिस! जानें वजह
जयपुर. राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ एंड साइंस के सम्बद्ध कॉलेजों के डॉक्टर्स अब निजी प्रेक्टिस नहीं कर पाएंगे. आरयूएचएस की बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट की बैठक में ये अहम फैसला लिया गया है. वर्तमान में कार्यरत मेडिकल टीचर्स और नए ज्वॉइन करने वाले डॉक्टर्स पर नए नियम लागू होंगे. हालांकि आवश्यकता पड़ने पर एम्स की तर्ज पर वेतन भत्ते के लिए राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजना होगा. आरयूएचएस की बॉम की बैठक में नई भर्तियों को लेकर भी निर्णय किया गया है. सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में कार्यरत कई डॉक्टर्स घर पर प्रेक्टिस करते हैं. हालांकि राज्य सरकार वैकल्पिक तौर पर नॉन प्रेक्टिस एलांउस की व्यवस्था भी कर रही है. लेकिन आरयूएचएस यानि राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ एंड साइंस ने अपने यहां इसे अनिवार्य तौर पर लागू कर दिया है. आरयूएचएस की बोर्ड ऑफ मैनजमेंट की बैठक में इसे लेकर निर्णय लिया है. अनिवार्य रूप से नॉन प्रेक्टिस अलाउंस लागू किया जाएगा बोर्ड की बैठक में बताया गया कि राज्य सरकार रिम्स को बेहतरीन टीचिंग, ट्रेनिंग, रिसर्च और पेशेंट केयर इंस्टीट्यूट के रूप में विकसित करना चाहती है. यह तभी संभव है जब यहां दिल्ली एम्स के नियमों को लागू किया जा सके. उसके बाद बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट ने सर्वसम्मति से ये फैसला लिया है कि नई दिल्ली स्थित एम्स की तर्ज पर आरयूएचएस से जुड़े RIMS,RUHS अस्पताल, जयपुरिया अस्पताल और डेंटल हॉस्पिटल में अनिवार्य रूप से नॉन प्रेक्टिस अलाउंस लागू किया जाएगा. क्वालिटी एम्प्रुवमेंट की है मंशा इसका सीधा मतलब यह है कि इन अस्पतालों में सेवाएं देने वाले मेडिकल टीचर्स और अन्य डॉक्टर्स अब घर पर फीस लेकर मरीज नहीं देख पाएंगे. ये नियम पुरानी फैकल्टी के साथ ही नई भर्तियों में भी लागू होंगे. आवश्यकता पड़ने पर इन्हें दिल्ली एम्स के तर्ज पर वेतन भत्ते दिए जा सकेंगे. लेकिन इसके लिए राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजना होगा. आरयूएचएस के वीसी डॉ.धनंजय अग्रवाल ने बताया कि वर्तमान में एनपीए ऑप्शनल है. लेकिन अब इसे अनिवार्य कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि इसके पीछे मंशा क्वालिटी एम्प्रुवमेंट है. जल्द ही 519 पदों पर होगी नई भर्तियां राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय की बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट की बैठक में नई भर्तियों को लेकर भी अहम निर्णय किए गए हैं. इसके तहत ब्रॉड स्पेशयलिटी में सहायक आचार्य के 69, सुपरस्पेशलिटी में सहायक आचार्य के 9 और अशैक्षणिक के 441 रिक्त पदों पर भर्ती की जाएगी. बॉम की बैठक में इसी 12 दिसंबर से पहले इन पदों के लिए विज्ञप्ति जारी करने पर फैसला किया गया है. इसके लिए एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर डॉ नीरज वर्मा को संयोजक बनाया गया है. Tags: Big news, Latest Medical newsFIRST PUBLISHED : December 6, 2024, 16:24 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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