धोती-जनेऊ पहने बटुक ले रहे जुडो-कराटे की ट्रेनिंग काशी के मठ ने बताई वजह

Varanasi News: उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित एक मठ में नई परंपरा की शुरुआत की गई है. हिंदुओं और सनातन धर्म की रक्षा के लिए इन्हें शास्त्रों के साथ आत्म रखसका के लिए जुडो और ताइक्वांडो की ट्राइंग दी जा रही हैं.

धोती-जनेऊ पहने बटुक ले रहे जुडो-कराटे की ट्रेनिंग काशी के मठ ने बताई वजह
हाइलाइट्स काशी के मठ में वेद छात्र शास्त्र के साथ-साथ आत्मरक्षा के दाव-पेंच सिख रहे हैं राष्ट्रीय स्तर के कोच के माध्यम से इन्हें कराटे और ताइक्वांडो की ट्रेनिंग दी जा रही है वाराणसी. मठों में आप वेद वाणी और मंत्रों के गूंज सुनते आ रहे होंगे, जहां धोती और जनेऊ धारण कर वेद छात्र शास्त्रों पर शास्त्रार्थ करते नज़र आते हैं. लेकिन इन दिनों आपको एक नई तस्वीर नज़र आएगी, जहां वेद छात्र जिन्हें बटुक कहा जाता है वे शास्त्र के साथ-साथ आत्मरक्षा के दाव-पेंच सिख रहे हैं.  बाक़ायदा इन्हें कराटे और ताइक्वांडो की ट्रेनिंग दी जा रही है. यह शुरुआत हुई है धर्म नगरी काशी में जहां बटुक वेद छात्रों को हिंदुत्व और सनातन की रक्षा के लिए ट्रेनिंग दी जा रही है. वाराणसी सनातन संस्कृति की परंपरा आज भी मठों में देखी जाती है, जहां हिंदू बच्चों को वेद और संस्कृत का ज्ञान दिया जाता है. उन्हें मंत्रों से सुसज्जित किया जाता है, जो आगे चलकर कथावाचक, अर्चन, पुजारी धर्मगुरु और पुरोहित बनते हैं. लेकिन वाराणसी के कैलाश पूरी मठ में शास्त्र के साथ-साथ नई परंपरा की झलक दिखाई पड़ेगी। यहां धोती जनेऊ धारण किए छात्र पहले तो ध्यान लगाते हैं. मंत्रों के उच्चारण से ख़ुद को जागृत करते हैं, फिर उसके बाद आत्मरक्षा के गुर सीखते हैं. प्रत्येक दिन इन्हें ट्रेनिंग दी जा रही है. भोर में साढ़े चार बजे उठ कर यह बच्चे पहले वेद की पढ़ाई करते हैं. उसके बाद इन्हें सुबह आठ बजे से साढ़े नौ बजे तक प्रैक्टिस करवाया जा रहा है. इसके लिए बाक़ायदा राष्ट्रीय स्तर का कोच भी नियुक्त किया गया है, जो इन्हें प्रत्येक दिन आकर ट्रेनिंग दे रहे हैं. ऐसा इसलिए कि यदि कभी ज़रूरत पड़े तो वे सामने वाले प्रतिद्वंदी को पठखनी दे सकें. बांग्लादेश हिंसा के बाद हुई शुरुआत कैलाश पूरी मठ में इसकी शुरुआत हुई है. आने वाले समय में यह ट्रेनिंग अधिक से अधिक मठों में दी जाएगी. वहां के वेद बटुक छात्रों को आत्मरक्षा के गुर सिखाये जाएंगे. मठ प्रबंधन का कहना है कि जिस तरह से हिन्दू पर अत्याचार देखा जा रहा है. उसके बाद यह जरूरी है. ताजा मामला बांग्लादेश का ले लीजिए, जहां हिंदूओ के ऊपर भयानक अत्याचार हुआ. ऐसी घटनाओं को लेकर यह शुरुआत की गई है.  ताकि भविष्य में ऐसी कोई भी घटना हो तो ख़ुद की रक्षा की जा सके और वेद छात्र उस स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहें. अन्य मठ भी अब संपर्क में वाराणसी के कैलाश पूरी मठ में इस शुरुआत से अन्य मठ भी अब संपर्क में आ रहे हैं. ये कहा जा सकता है कि मठों में योग के बाद आत्मरक्षा के लिए कराटे और ताइक्वांडो सीखने की नई परंपरा की शुरुआत हो चुकी है, जो जल्द ही सभी मठों में नजर आएगी. Tags: UP latest news, Varanasi newsFIRST PUBLISHED : September 26, 2024, 13:11 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed