कमाल है भाईएक या दो नहीं इस शख्स ने 150 बंदरों के साथ की है दोस्ती

Friendship with monkey: मेहसाणा जिले के पास स्थित तिरूपति ऋषिवन पर्यावरण संरक्षण, प्राणी सेवा और आधुनिक जीवनशैली को चुनौती देने वाला एक प्रेरणादायक स्थान है.

कमाल है भाईएक या दो नहीं इस शख्स ने 150 बंदरों के साथ की है दोस्ती
मेहसाणा जिले के विजापुर के पास स्थित तिरूपति ऋषिवन प्रकृति प्रेमियों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है. इस विशाल जंगल में लाखों पेड़ हैं, जिनकी छांव में अनेक पशु-पक्षी अपना आश्रय पाते हैं. इस अद्भुत स्थान की स्थापना जीतूभाई पटेल ने की, जो पर्यावरण के प्रति गहरी आस्था रखते हैं और इसे संवारने में जुटे हैं. यहां पक्षियों की चहचहाहट हर समय गूंजती रहती है, जो इस स्थान को और भी रमणीय बनाती है. बंदरों का बसेरा ऋषिवन में पिछले 11 वर्षों से बंदर रह रहे हैं. वर्तमान में यहां 150 से अधिक बंदरों का परिवार बसता है. इन बंदरों की देखभाल के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं. यह जंगल केवल एक प्राकृतिक स्थल नहीं, बल्कि जानवरों का सुरक्षित घर भी है. ऑक्सीजन मॉल: एक अनूठा प्रयास तिरूपति ऋषिवन में ऑक्सीजन मॉल हाल ही में स्थापित किया गया है. इस मॉल में 24 घंटे ऑक्सीजन प्रदान करने वाले इनडोर पौधों की कई प्रजातियां उपलब्ध हैं. यह पहल पर्यावरण संरक्षण का अनोखा उदाहरण है. जानवरों के प्रति जीतूभाई की संवेदनशीलता जीतूभाई पटेल का मानना है कि जहां मनुष्य अपने लिए भोजन का प्रबंध कर सकता है, वहीं shrinking वन क्षेत्रों के कारण जानवरों के लिए भोजन खोजना मुश्किल हो गया है. उनका कहना है, “जानवरों की सेवा करना ईश्वर की सेवा के समान है.” यही कारण है कि वे इन 150 बंदरों को अपने परिवार का हिस्सा मानते हैं और उनकी देखभाल को अपनी खुशी समझते हैं. प्रकृति की गोद में जीवन आधुनिक समय में जहां स्वार्थ और विलासिता आम हो चुकी है, जीतूभाई ने प्रकृति के करीब रहकर एक साधारण और प्रेरणादायक जीवन चुना. वर्षों से वे अपने घर से दूर रहकर ऋषिवन को अपना घर बना चुके हैं. हर सुबह प्रकृति की गोद में बिताने वाले जीतूभाई ने मानवता और प्राणी प्रेम का एक अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया है. Tags: Ajab Gajab, Gujarat, Local18, Special ProjectFIRST PUBLISHED : January 5, 2025, 15:21 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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