असहनीय दर्द की अचूक दवा है ये खट्टी घास! माइग्रेन-पाइल्स को भी कर देगा गायब

डॉ. विद्या गुप्ता ने लोकल 18 को बताया कि चंगेरी घास बवासीर के मरीजों के लिए रामबाण की तरह काम करती है. इसकी पत्तियां बवासीर के मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद होती हैं. चंगेरी की पत्तियों को घी या फिर तेल में भूनकर दही में मिलाकर खाने से बवासीर जैसी दर्दनाक बीमारी से राहत मिलती है. 

असहनीय दर्द की अचूक दवा है ये खट्टी घास! माइग्रेन-पाइल्स को भी कर देगा गायब
सिमरनजीत सिंह/शाहजहांपुर : चांगेरी घास को खट्टी खास या फिर तिनपतिया घास के नाम से जाना जाता है. चांगेरी घास कई बीमारियों की रोकथाम के लिए बेहद फायदेमंद मानी जाती है. चांगेरी एक खरपतवार है जो गीले और नम छायादार स्थान पर खुद तैयार हो जाती है. इसके हरे और हल्के गुलाबी रंग के पत्तों के अलावा इसमें सफेद और गुलाबी फूल भी आते हैं. चांगेरी घास का साग बनाकर भी खाया जाता है. जिसमें कई औषधीय गुण होते हैं. कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर में पिछले 20 वर्षों से तैनात गृह विज्ञान की एक्सपर्ट डॉ. विद्या गुप्ता ने बताया कि चांगेरी घास में कई विटामिन और मिनरल्स पाए जाते हैं. चांगेरी घास में फाइबर, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, आयरन और कैलोरी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. इसके अलावा इसमें ऑक्जेलिक एसिड पाया जाता है. जिसकी वजह से इसकी पत्तियों का स्वाद खट्टा होता है. गर्मियों में अगर लू लग जाए तो चांगेरी की चटनी बनाकर खाने से राहत मिलती है. इसके अलावा चांगेरी की पत्तियां पेट दर्द, सिर दर्द, बवासीर और मुंह की बदबू से निजात दिलाएगी. लोग चांगेरी घास का साग बनाकर भी खाना पसंद करते हैं. बवासीर के असहनीय दर्द से मिलेगी निजात डॉ. विद्या गुप्ता ने लोकल 18 को बताया कि चंगेरी घास बवासीर के मरीजों के लिए रामबाण की तरह काम करती है. इसकी पत्तियां बवासीर के मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद होती हैं. चंगेरी की पत्तियों को घी या फिर तेल में भूनकर दही में मिलाकर खाने से बवासीर जैसी दर्दनाक बीमारी से राहत मिलती है. पुराने माइग्रेन को कहें बाय-बाय डॉ. विद्या गुप्ता ने लोकल 18 को बताया कि चंगेरी घास की पत्तियों का रस माइग्रेन से पीड़ित मरीजों के लिए बहुत ही फायदेमंद हैं. आमतौर पर माइग्रेन का दर्द सिर के आधे हिस्से को प्रभावित करता है. माइग्रेन के दर्द से महिलाओं को परेशानी और भी ज्यादा होती है. अगर आप लंबे समय से माइग्रेन के दर्द से परेशान है तो चांगेरी घास की पत्तियों को पीसकर उसका रस निकालकर इसमें प्याज का रस बराबर मात्रा में मिला लें. रस का लेप सिर पर लगा दें. यह घरेलू नुस्खा पुराने से पुराने माइग्रेन के दर्द से आपको कुछ ही दिनों में छुटकारा दिला देगा. पेट दर्द में ऐसे करें प्रयोग डॉ. विद्या गुप्ता ने बताया कि चांगेरी घास की पत्तियां पेट दर्द के लिए भी बहुत फायदेमंद होती हैं. चांगेरी की पत्तियों में दर्द निवारक गुण पाए जाते हैं. यह पेट दर्द के साथ-साथ शारीरिक दर्द की समस्या से भी आपको राहत दिलाएगी. चांगेरी की कुछ पत्तियों को तोड़कर इसका काढ़ा बनाकर पिएं. काढ़े में 40 मिलीग्राम भुनी हुई हींग मिला लें. इस काढ़े का सेवन सुबह-शाम करें. चांगेरी के काढ़े को पीने से कब्ज, गैस और पेट दर्द की समस्या से राहत मिलती है. मुंह की बदबू को दूर करेगा ये देसी माउथ फ्रेशनर डॉ. विद्या गुप्ता ने लोकल 18 को बताया कि चांगेरी की पत्तियां माउथ फ्रेशनर का भी काम करती हैं. अगर आप मुंह की बदबू, मसूड़े की समस्या और दांतों की कमजोरी से परेशान है. तो आपको चंगेरी की पत्तियां राहत दिलाएंगी. मुंह की बदबू को दूर करने के लिए चांगेरी की 7 से 8 ताजी पतियों को धोकर चबा लें. इन पत्तियों का स्वाद थोड़ा खट्टा मीठा होता है. लेकिन यह पत्तियां माउथ फ्रेशनर का तरह काम करती हैं. बच्चे की भूख बढ़ाएगी ये चटनी डॉ. विद्या गुप्ता ने बताया कि अगर आपका बच्चा घर में खाना खाने से आनाकानी करता है तो चंगेरी की पत्तियां बहुत ही काम आ सकती हैं. चांगेरी की पत्तियों की चटनी बनाकर बच्चों को खिलाएं. इसके साथ कुछ पुदीने की पत्तियां भी मिला लें. जिससे इसका स्वाद और भी अच्छा हो जाएगा. चांगेरी की चटनी में अदरक के छोटे से टुकड़े के अलावा दो कली लहसुन, भुना हुआ जीरा और थोड़ा सा काला नमक मिलाकर अच्छी तरह से सिलबट्टे पर पीस लें. उसके बाद यह चटनी बच्चों को रोजाना दें जिसके बच्चे को भूख लगेगी. Tags: Health News, Life18, Local18, Shahjahanpur News, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : May 28, 2024, 15:30 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.
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