बेहद खतरनाक है कोलोरेक्टल कैंसर हर साल 60 मिल रहे 60 हजार केस
बेहद खतरनाक है कोलोरेक्टल कैंसर हर साल 60 मिल रहे 60 हजार केस
बीएचयू के रिसर्च के मुताबिक, 50 से 75 साल के उम्र के लोगों के बीच इस कैंसर का खतरा तेजी से बढ़ा है. बता दें कि कोलोरेक्टर कैंसर की जांच मल परीक्षण से होती है.
अभिषेक जायसवाल/ वाराणसी:सर्व विद्या की राजधानी कहे जाने वाले काशी हिंदू विश्वविद्यालय में कोलोरेक्टल कैंसर को लेकर कई तथ्य सामने आए हैं. बीएचयू गेस्ट्रोलॉजी विभाग के रिसर्च में यह दावा किया गया है हर साल देश में 60 हजार से ज्यादा मामले कोलोरेक्टर कैंसर के सामने आ रहे हैं. हर दिन बीएचयू में भी 5 से 7 केस इससे जुड़े सामने आ रहे हैं. लगातार बढ़ते मरीजों की संख्या और उसके मौत के आंकड़ों से देश के 10 शीर्ष कैंसरों में कोलोरेक्टर कैंसर भी शामिल है.
बीएचयू के रिसर्च के मुताबिक, 50 से 75 साल के उम्र के लोगों के बीच इस कैंसर का खतरा तेजी से बढ़ा है. बता दें कि कोलोरेक्टर कैंसर की जांच मल परीक्षण से होती है. इस टेस्ट का रिजल्ट पॉजिटिव रहा तो कोलोनोस्कोपी की जांच की जाती है. जिससे इस कैंसर की पुष्टि हो जाती है.
देश के तीन नामी संस्थानों के एक्सपर्ट ने किया है रिसर्च
आईएमएस बीएचयू के डॉ. डी पी यादव ने बताया कि वैसे तो कोलोरेक्टर कैंसर बेहद खतरनाक है, लेकिन यदि शुरुआत में ही इस पहचान हो जाए तो इससे होने वाली मौत को काफी कम किया जा सकता है. आईएमएस बीएचयू, दिल्ली एम्स और एसजीपीजीआई लखनऊ के डॉक्टरों ने सयुंक्त शोध में यह आंकड़े और तथ्य सामने आए हैं.
समय पर जांच से कम हो सकते हैं आंकड़े
डॉ. डी पी यादव ने बताया कि अभी से लोगों को इससे बारे में जागरूक किया जाए और इसकी जांच बढ़ती उम्र के साथ नियमित रूप से हो, तो इसकी पहचान के साथ इससे मौत के खतरे को कम किया जा सकता है. ज्यादा से ज्यादा जांच से ही आने वाले सालों में इसके आंकड़े कम किए जा सकते हैं.
Tags: Health News, Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : July 11, 2024, 12:12 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed