धान की रोपाई के बाद भूलकर भी न करें इस जैविक खाद का प्रयोग
धान की रोपाई के बाद भूलकर भी न करें इस जैविक खाद का प्रयोग
कृषि एक्सपर्ट डॉ. एनसी त्रिपाठी ने बताया कि गोबर की खाद में सभी सूक्ष्म पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो पौधे के लिए आवश्यक होते है. गोबर की खाद का इस्तेमाल करने से रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम होगी.
शाहजहांपुर : पिछले कुछ समय से जैविक और प्राकृतिक खेती की ओर किसानों का रुझान बढ़ रहा है. किसान गोबर की खाद का इस्तेमाल भी फसलों में करते हैं. धान की फसल में गोबर की खाद का इस्तेमाल भी किया जा सकता है लेकिन खाद इस्तेमाल करने के लिए किसानों को कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत है.
कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर के कृषि एक्सपर्ट डॉ. एनसी त्रिपाठी ने बताया कि गोबर की खाद में सभी सूक्ष्म पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो पौधे के लिए आवश्यक होते है. गोबर की खाद का इस्तेमाल करने से रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम होगी. इस खाद के इस्तेमाल से मिट्टी की जल धारण क्षमता बढ़ेगी. ऑर्गेनिक कार्बन की मात्रा में भी इजाफा होगा. धान की फसल रोपाई करने से पहले गोबर की खाद का इस्तेमाल करें, रोपाई के बाद गोबर की खाद का इस्तेमाल बिल्कुल भी ना करें. अन्यथा धान की फसल में कई कीट लग सकते हैं.
रोपाई के बाद न इस्तेमाल करें ये खाद
डॉ. एनसी त्रिपाठी ने बताया कि गोबर की खाद को फसल लगाने से 15 से 30 दिन पहले खेत में बिखेर कर मिट्टी की जुताई कर दें. फसल लगाने के बाद कभी भी गोबर की खाद का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से पौधों में फफूंदी जनित रोग लगा सकते हैं. मिट्टी में दीमक भी आ सकती है, जो फसल को नुकसान पहुंचाएगी. उत्पादन पर बुरा असर पड़ेगा. ज्यादातर किसान धान की फसल की रोपाई कर चुके हैं, लेकिन देर से रोपाई की जाने वाली धान की किस्म में अभी भी गोबर की खाद का इस्तेमाल हो सकता है.
बासमती धान में करें इस्तेमाल
डॉ. एनसी त्रिपाठी ने बताया कि जो किसान देर से रोपाई की जाने वाली धान की किस्म लगाएंगे या फिर जो किसान बासमती की खेती करते हैं. वह अभी भी गोबर की खाद का इस्तेमाल खेत में कर सकते हैं. किसान अपनी उपलब्धता के आधार पर खेत में खाद डाल सकते हैं. खाद को खेत में बिखेर कर खेत की जुताई कर दें, उसके बाद पानी भरकर खेत में पडलिंग कर धान की रोपाई की जा सकती है.
Tags: Agriculture, Local18, Shahjahanpur News, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : July 24, 2024, 15:37 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed