हम निर्दयी नहीं हो सकते 4365 घरों पर बुलडोजर एक्शन SC ने कह दी बड़ी बात

Haldwani Railway track Encroachment Row: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को उत्तराखंड के मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि वह हल्द्वानी में रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण करने वाले 50,000 से अधिक लोगों के पुनर्वास के लिए केंद्र और रेलवे के साथ बैठक करें. इस विवादित जमीन पर 4,000 से अधिक परिवारों के करीब 50,000 लोग रह रहे हैं, जिनमें से अधिकांश मुस्लिम हैं.

हम निर्दयी नहीं हो सकते 4365 घरों पर बुलडोजर एक्शन SC ने कह दी बड़ी बात
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने हल्द्वानी में रेलवे ट्रैक पर रह रहे लोगों को हटाने के मामले में रोक लगाने के फैसले को बरकरार रखा है. सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार को रेलवे ट्रैक के किनारे रह रहे लोगों के पुनर्वास की व्यवस्था करने के लिए 4 हफ्ते में स्कीम बनाकर अदालत को अवगत करने के लिए कहा है. अब इस मामले की सुनवाई 11 सितंबर को होगी. हालांकि, इससे पहले इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी की. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सबसे बड़ी बात यह है कि जो वहां रह रहे हैं, वो इंसान हैं, और वे दशकों से रह रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट की बड़ी टिप्पणी हल्द्वानी रेलवे ट्रैक के पास अतिक्रमण हटाने से जुड़े केस में सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘सबसे बड़ी बात यह है कि जो वहां रह रहे हैं, वो इंसान हैं. और वे दशकों से रह रहे हैं… अदालतें निर्दयी नहीं हो सकतीं. अदालतों को भी संतुलन बनाए रखने की जरूरत है. और राज्य को भी कुछ करने की जरूरत है. रेलवे ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है. अगर आप लोगों को बेदखल करना चाहते हैं तो नोटिस जारी करें. जनहित याचिका के सहारे क्यों? इसका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता.’ शंभू बॉर्डर अभी नहीं खुलेगा, बनी रहेगी यथास्थिति… सुप्रीम कोर्ट का आदेश, तुषार मेहता ने क्या-क्या दलीलें दीं? क्यों हटाना चाहती है सरकार? वहीं, सुप्रीम कोर्ट में रेलवे की तरफ से कहा गया कि सरकार वहां वंदे भारत चलाना चाहती है. इसको लेकर प्लेटफॉर्म को बड़ा करने की जरूरत है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम रेलवे की बात को समझ रहे हैं लेकिन इसमें बेलेंस करने की जरूरत है. हम बस ये जानना चाहते हैं कि पुनर्वास को लेकर क्या योजना है? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रेलवे ने रिकॉर्ड पर कहा है कि उन्हें अपनी जमीनों के बारे में जानकारी नहीं है. आगे बढ़ने का एक रास्ता है…हमें आगे बढ़ने का रास्ता खोजना होगा. सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि फॉरेस्ट एरिया को छोड़ कर किसी दूसरे लैंड को लेकर विकल्प को तलाशने की जरूरत है. शंभू बॉर्डर पर SG तुषार मेहता ने दी सॉलिड दलील…फिर भी SC ने पूछ दिया तीखा सवाल- किसान अगर बिना ट्रैक्टर… 50 हजार लोगों को बुलडोजर एक्शन का डर? सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि इस मामले में जल्द करवाई की जरूरत है. वहां पर 4365 घर हैं. 50 हजार लोग वहां रह रहे हैं. सुनवाई के दौरान हमें कुछ वीडियो और फोटो दिए गए. कई परिवार वाले कई सालों से रह रहे हैं. इस मामले में केंद्र सरकार को एक पॉलिसी डिसीजन लेना चाहिए. उत्तराखंड के चीफ सेक्रेटरी और केंद्र सरकार के संबंधित विभाग के अधिकारी पुनर्वास योजना को लेकर आपस में बैठक करें. ये पुनर्वास योजना ऐसी हो जिसमें सब सहमत हो. जो परिवार प्रभावित हैं, उनकी तुरंत पहचान होनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चार हफ्तों के भीतर इस योजना पर काम ही जाना चाहिए. हम पांचवें हफ्ते में सुनवाई करेंगे. बता दें कि इस विवादित जमीन पर 4,000 से अधिक परिवारों के करीब 50,000 लोग रह रहे हैं, जिनमें से अधिकांश मुस्लिम हैं. Tags: Supreme Court, UP bulldozer action, Uttarakhand newsFIRST PUBLISHED : July 24, 2024, 14:39 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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