भारत-चीन सीमा के वो खामोश सैनिक जिन्हें ITBP ने दिया खास सम्मान पढ़कर मुस्कुरा उठंगे आप
भारत-चीन सीमा के वो खामोश सैनिक जिन्हें ITBP ने दिया खास सम्मान पढ़कर मुस्कुरा उठंगे आप
भारत चीन सीमा पर तैनात फोर्स आईटीबीपी पहली बार लाजिस्टिक एनिमल यानि फोर्स में वो जानवर जो रसद की ढुलाई का काम करते हैं उन्हे सम्मानित करते हुए विशेष मेडल दे रही हैं..
नई दिल्ली : भारत चीन सीमा-सिक्किम सेक्टर (India China Border-Sikkim Sector) का बाहुबली याक और लद्दाख सेक्टर की मधु पोनी वहां तैनात जवानों की लाइफलाइन बन गए हैं. इन्होंने अब तक अपनी सेवा के दौरान 67 हजार किलो से ज्यादा वजन ढोया है और 7 हजार किलोमीटर से ज्यादा की यात्रा की है. इन पोनी और याक की सेवाओं को सम्मानित करते हुई आईटीबीपी (ITBP) ने इस साल उन्हें विशेष मेडल दिया है. ऐसा पहली बार हुआ है, जब इन खामोश सैनिकों को भी मेडल के जरिए ऐसा सम्मान मिला है.
भारत चीन सीमा पर तैनात फोर्स आईटीबीपी पहली बार लॉजिस्टिक एनिमल यानि फोर्स में वो जानवर जो रसद की ढुलाई का काम करते हैं, उन्हें सम्मानित करते हुए विशेष मेडल दे रही है. पोनी, म्यूल (खच्चर) और याक 3844 किलोमीटर बार्डर में भारत-चीन सीमा पर इस्तेमाल किए जाते हैं, जिसमें लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में इनका सबसे ज्यादा काम होता है. याक सिक्किम और अरुणाचल में, जबकि म्यूल और पोनी हिमाचल, उत्तराखंड और लद्दाख में तैनात हैं. सीमा पर उनके योगदान को देखते हुए पहली बार आईटीबीपी ने लॉजिस्टिक एनिमल मेडल दिए गए हैं. याक बाहुबली और पोनी मधु 8 साल से सिक्किम और लद्दाख में तैनात हैं.
सुधाकर नटराजन (डीआईजी, आईटीबीपी ) के मुताबिक, जब ऐसे खास खामोश सैनिकों को सम्मानित किया जाता है, तो सभी का मनोबल बढ़ता है और इनके योगदान को अहमियत मिलती है. सीमा पर तैनाती के दौरान इन खामोश सैनिकों की देखभाल के लिए वेटनरी काडर है, जो इनके साथ दुर्गम सीमावर्ती इलाकों में चलते हैं.. लिहाजा इस बात का खास ख्याल रखा जाता है कि इन्हें बहुत प्यार से दोस्त की तरह रखा जाए.
उनके अनुसार, घोड़ा, पोनी और याक भगवान हम बलवान.. इस मूलमंत्र के साथ ये खामोश सैनिक हमारे देश के सीमाओं की हिफाजत करते हैं. इनकी सबसे बड़ी खासियत ये है कि जहां मोटर ट्रांसपोर्ट खत्म होता है, वहां एनिमल ट्रांसपोर्ट शुरू होता है. ये देश के सीमाओं की जीवनरेखा है. जहां हेलीकाप्टर नहीं चल पाता, वहां ये चल पाते हैं. हेलीकाप्टर 2 लाख रुपए प्रति घंटे पर आते हैं. इनका मेनटेनेंस कास्ट भी बहुत कम है. इस खास फोर्स को सम्मानित करने की बड़ी वजह ये भी है कि इसी साल हमारे देश की सीमाओं पर ये खामोश सैनिक 3 लाख से ज्यादा किलोमीटर की यात्रा कर 30 लाख से ज्यादा का वजन ढो चुके हैं.
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Tags: India china border, ITBPFIRST PUBLISHED : November 02, 2022, 15:08 IST