श्रीनगर-कारगिल-लेह हाईवे से बर्फ हटाने में एक दिव्यांग करता है बीआरओ को गाइड जानें कौन है वो
श्रीनगर-कारगिल-लेह हाईवे से बर्फ हटाने में एक दिव्यांग करता है बीआरओ को गाइड जानें कौन है वो
Border Roads Organization- सर्दियों का मौसम शुरू होते ही श्रीनगर-कारगिल-लेह हाईवे बर्फ से ढक जाता है. लेह कारगिल से श्रीनगर का संपर्क सड़क मार्ग से कुछ माह के लिए कट जाता है. बाद में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) डोजर व अन्य उपकरणों की मदद से बर्फ हटाने का काम करता है. आपको यह सुनकर आश्चर्य होगा कि इस काम में बीआरओ को गाइड एक दिव्यांग स्थानीय निवासी करता है जो न बोल पाता है और न ही सुन सकता है. वो पढ़ा लिखा भी नहीं है.
नई दिल्ली. सर्दियों का मौसम आते ही श्रीनगर-कारगिल-लेह हाईवे बर्फबारी की वजह से बंद हो जाता है. जब बर्फबारी रुक जाती है तो सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) डोजर व अन्य उपकरणों की मदद से बर्फ हटाने का काम करता है. लेकिन आपको यह सुनकर आश्चर्य होगा कि इस काम में बीआरओ को गाइड एक स्थानीय निवासी करता है जो न बोल पाता है और न ही सुन सकता है. साथ ही दिलचस्प बात यह भी है कि वो पढ़ा लिखा भी नहीं है. इसके बावजूद बीआरटी टीम का बर्फ हटाने में नेतृत्व करता है. आइए जाने कौन है वो दिव्यांग और बीआरओ उस पर भरोसा क्यों करती है?
श्रीनगर-कारगिल-लेह हाईवे पर जोजिला पास सबसे ऊंचा है, जिसकी समुद्रतल से ऊंचाई 11650 फीट है. सर्दियों का मौसम आते ही यहां पर बर्फबारी शुरू हो जाती है और पूरा हाईवे बर्फ से ढक जाता है. लेह कारगिल से श्रीनगर का संपर्क सड़क मार्ग से कुछ समय के लिए कट जाता है. हालांकि पहले की तुलना में अब यह हाईवे बहुत ही कम दिनों के लिए बंद होता है. पहले कई कई महीनों तक हाईवे बंद रहता था. चूंकि बार्डर इलाका है, इसलिए सुरक्षा की दृष्टि से यह हाईवे बहुत महत्वपूर्ण है. बॉर्डर इलाकों कीकी सड़कों का निर्माण और देखरेख बीआरओ ही करता है. बर्फबारी कम होते ही बर्फ हटाने का काम बीआरओ करता है. इसमें दिव्यांग व्यक्ति मदद करता है.
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कौन है दिव्यांग व्यक्ति
बीआरओ के अनुसार जोजिला पास के गंडेरबल जिले के नीलग्रार गांव का रहने वाला अनायतुल्लाह खान उर्फ टुल्ला है जो डोजर ऑपरेटर है. वो दिव्यांग है, न बोल सकता है और न सुन सकता है. बर्फबारी हटाने के लिए पहला डोजर अनायतुल्लाह लेकर सबसे आगे चलता है और उसके पीछे पीछे बीआरओ की अधिकारी और कर्मचारी डोजर में चलते हैं. बीआरओ के अनुसार जोजिला पास में बर्फ से ढकी सड़कों को ढूढ़ने में कोई भी तकनीक काम नहीं आती है. कई जगह 40-40 फीट तक बर्फ जमा हो जाती है, जिसे हटाने का काम अनायतुल्लाह की देखरेख में किया जाता है.
इस वजह से बीआरओ करती है भरोसा
बीआरओ के अनुसार अनायतुल्लाह स्थानीय निवासी है और यहीं पला-बढ़ा है, इस वजह से वो पूरे इलाके से अच्छे ढंग से परिचित है. उसे यहां की भौगोलिक संरचना बहुत अच्छा ज्ञान है. जब सड़कें बर्फ से पूरी तरह ढक जाती हैं तो यह पता नहीं चलता है कि कहां खाई और कहां रोड है. लेकिन अनायतुल्लाह को पता होता है कि सड़क कहंा है. इस वजह से वो बीआरओ की टीम को गाइड करता है. सफलतापूर्वक बर्फ हटाकर सड़क मार्ग बहाल कर दिया जाता है.
बर्फबारी के दौरान श्रीनगर -कारगिल-लेह हाईवे इस तरह बर्फ से ढक जाता है.
पिछले 24 वर्षों से कर रहा है यह काम
44 वर्षीय अनायतुल्लाह असाधारण कौशल का धनी है. वो बर्फ हटाने का काम 1996 से लगातार कर रहा है. बर्फ हटाने वाले डोरज का बहुत जानकार है. इस वजह से बीआरओ को उस पर पूरा विश्वास है. वो अविवाहित है और छह भाई एक बहन है.
अवार्ड भी मिल चुके हैं
इस काम के लिए अनायतुल्लाह को अवार्ड कई आवार्ड भी मिल चुके हैं. बीआरओ के अनुसार वर्ष 2019 में जीओसी इन सी नार्दर्न कमांड कमेंडेशन कार्ड दिया गया है. इसके बाद वर्ष 2021में डीजीबीआर कमेंडेंशन कार्ड दिया गया. बीआरओ के सभी अधिकारी उससे परिचति हैं.
अब कम दिनों के लिए बंद रहता है हाईवे
बीआरओ के अनुसार पूर्व में यह हाईवे नवंबर के अंत में बर्फवारी की वह से बंद हो जाती थी और अप्रैल मध्य में खुलती थी. औसतन 135 दिन हाईवे बंद रहता है. लेकिन बीआरओ ने इस बार असाधारण सफलता हासिल की है. 6 फरवरी 2022 को बर्फ हटाने का काम शुरू किया गया और 19 मार्च अवश्यक माल ढुलाई वाहनों के खोल दिया गया.
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Tags: BRO, Srinagar, Srinagar Leh Highway, Srinagar NewsFIRST PUBLISHED : December 01, 2022, 14:18 IST